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कांग्रेस के शासनकाल में भ्रष्टाचार ही देश की पहचान बन गया था : पीएम मोदी
बस्तर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार का बस्तर से आगाज करते हुए कांग्रेस पर हमला किया और कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में भ्रष्टाचार ही देश की पहचान बन गया था। कांग्रेस के काल में दिल्ली से एक रुपया चलता था और गांव तक सिर्फ 15 पैसे पहुंचते थे। अब भ्रष्टाचारियों को जेल जाना ही होगा, यह मोदी की गारंटी है। सोमवार को बस्तर के प्रवास पर पहुंचे पीएम मोदी ने आमावाल गांव में आयोजित विजय संकल्प शंखनाद रैली में कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में भ्रष्टाचार देश की पहचान बन गया था और भ्रष्टाचार से सबसे ज्यादा नुकसान गरीब का होता है। अब भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई हो रही है। छत्तीसगढ़ के नौजवानों को जिन्होंने धोखा दिया है, उन पर तेजी से कार्रवाई चल रही है। अब यह लोग लाठी से मोदी का सिर फोड़ने की धमकी दे रहे हैं। मोदी गरीब का बेटा है और सिर ऊंचा रखकर चलता है। मोदी इनकी धमकियों से डरने वाला नहीं है।
उन्होंने जनता से पूछा कि आप बताइए, जिन्होंने जनता को लूटा उन्हें सजा मिलनी चाहिए या नहीं। कोई घर में घुस आए और लूटपाट करने लगे तो परिवार का हर सदस्य उससे भिड़ जाता है। मोदी के लिए तो मेरा भारत मेरा परिवार है। मैं भी अपने देश को, अपने परिवार को, लूटपाट से बचाने में भिड़ जाता हूं इसलिए कहता हूं भ्रष्टाचार हटाओ और वो क्या कहते हैं भ्रष्टाचारी बचाओ। वे चुनाव के लिए रैली नहीं कर रहे बल्कि भ्रष्टाचारियों को बताने के लिए रैली कर रहे। उन्होंने आगे कहा कि वो चाहे मोदी को कितनी भी धमकियां दे दें, भ्रष्टाचारियों को जेल जाना ही पड़ेगा, यह मोदी की गारंटी है। उन्होंने कहा वे गरीब के दर्द को जानते हैं और यही कारण है कि उन्होंने गरीबों को उसका हक दिलाने के लिए योजनाएं बनाई। इसी का नतीजा है कि 25 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी विशेष विमान से जगदलपुर के माता दंतेश्वरी हवाई अड्डे पर पहुंचे, जहां उनकी भाजपा के नेताओं ने अगवानी की। यहां से पीएम मोदी हेलीकॉप्टर से आमावाल पहुंचे। छत्तीसगढ़ में लोकसभा की 11 सीटें हैं और पहले चरण में 19 अप्रैल को बस्तर में मतदान होना है। बस्तर संसदीय क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार महेश कश्यप का मुकाबला कांग्रेस के कवासी लखमा से है। वर्ष 2019 का चुनाव कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर दीपक बैज ने जीता था। मगर, इस बार पार्टी ने लखमा को उम्मीदवार बनाया है।
उत्तर प्रदेश
संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट
संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.
कैसे भड़की हिंसा?
24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.
दावा क्या है?
हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.
किस आधार पर हो रहा है दावा?
दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.
किस आधार पर हो रहा है विरोध?
अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
संभल का धार्मिक महत्व
शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.
इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.
धार्मिक विश्लेषण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.
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