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उत्तराखंड

दून में डेंगू के डंक से स्वास्थ्य विभाग चित, अब तक 142 मरीजों की पुष्टि

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दून में डेंगू का डंक, स्वास्थ्य विभाग देहरादून, 142 मरीजों की पुष्टि, देहरादून का पथरीबाग इलाका

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दून में डेंगू का डंक, स्वास्थ्य विभाग देहरादून, 142 मरीजों की पुष्टि, देहरादून का पथरीबाग इलाका

dengue in dehradun

देहरादून। राजधानी देहरादून डेंगू के डंक से कंपकंपा रही है। डेंगू ने स्वास्थ्य महकमे की चूल को हिलाकर दिया है। लगातार डेंगू लोगों को अपने जहरीले डंक का शिकार बना रहा है। दरअसल, डेंगू के डंक ने सरकार के तमाम दावों की पोल खोलकर रख दी है।

डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है और सरकारी व्यवस्थाएं एक-एक कर दम तोड़ रही हैं। सरकारी अस्पतालों में न तो दवा की पर्याप्त व्यवस्था है और न ही उपचार कार्यों में तेजी दिखायी दे रही है। और तो और, सरकारी अस्पताल पहुंच रहे मरीजों को गंभीर होने के बाद भी भर्ती करने में आनाकानी की जा रही है, तो कुछ को निजी अस्पताल जाने का सुझाव दिया जा रहा है।

एक पखवाडे से राजधानी देहरादून का पथरीबाग इलाका डेंगू के डंक से तिलतिल कर जूझ रहा है। इलाके में डेंगू ने ऐसा हमला किया है कि स्वास्थ्य महकमा के चारों खाने चित हो गया। पथरीबाग इलाके में एक मरीज की एक पखवाडे पहले मौत हो गई है। 142 मरीजों को डेंगू होने की पुष्टि हो चुकी है।

अब तक 1147 मरीजों के ब्लड सैंपल भरे गये हैं। रोजाना करीब 60 मरीजों के ब्लड सैंपल भरे जा रहे हैं। जबकि नैनीताल में 4 और ऊधमसिंहनगर में दो मरीजों को डेंगू होने की पुष्टि हो चुकी है। मरीजों की मेडिकल जांच भी कराई जा रही है।

राजधानी के पथरीबाग इलाके साथ साथ राजपुर रोड, कारगी, जोगीवाला क्षेत्र तक डेंगू फैलता जा रहा है, स्वास्थ्य महकमा महज पथरीबाग इलाके में एक हेल्थ कैंप लगाकर लोगों के ब्लड सैंपल भरने तक सिमट कर रह गया है। जबकि इस इलाके का सीएम हरीश रावत और स्वास्थ्यमंत्री भी दौरा कर चुके हैं। मगर हकीकत सबके सामने हैं

रोकथाम के लिए स्वास्थ्य महकमा कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है डीजी हेल्थ अब टीम बनाकर काम करने की बात कर रही है। दून में मेडिकल काॅलेज बनने के बाद उम्मीद जगी थी कि मरीजों को भरपूर सुविधाएं मिलेंगी, लेकिन स्थिति बिल्कुल उलट है।

मरीजों को दवा तक बाहर से लानी पड़ रही है। डाॅक्टर केवल मरीजों की जांच कर जिम्मेदारी से इतिश्री कर ले रहे हैं। स्थिति गंभीर होने पर भी मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है या तो उन्हें दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया जा रहा है।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य महानिदेशक डाॅ. कुसुम नरियाल ने पथरीबाग क्षेत्र का निरीक्षण किया। इस दौरान क्षेत्रवासियों ने उनका घेराव कर डेंगू के मच्छर को मारने के लिए एक्सपर्ट टीम लाने की मांग की।

यह भी आरोप लगाया कि विभागीय अधिकारी व कर्मचारी क्षेत्र में आकर मात्र खानापूर्ति कर रहे हैं। इस पर महानिदेशक ने सख्ती बरतते हुए अधिकारियों को व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं।

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उत्तराखंड

केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा को मिली जीत, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जनता का किया धन्यवाद

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देहरादून: केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा को मिली जीत से साबित हो गया है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर जनता का विश्वास बढ़ता जा रहा है। ब्रांड मोदी के साथ साथ ब्रांड धामी तेजी से लोगों के दिलों में जगह बना रहे हैं। इस उपचुनाव में विरोधियों ने मुख्यमंत्री धामी के खिलाफ कुप्रचार करके निगेटिव नेरेटिव क्रिएट किया और पूरे चुनाव को धाम बनाम धामी बना दिया। कांग्रेस के शीर्ष नेता और तमाम विरोधी एकजुट होकर मुख्यमंत्री पर हमलावर रहे। बावजूद इसके धामी सरकार की उपलब्धियों और चुनावी कौशल से विपक्ष के मंसूबे कामयाब नहीं हो पाए। धामी के कामकाज पर जनता ने दिल खोलकर मुहर लगाई।

आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केवल नाम भर नहीं है, बल्कि एक ब्रांड हैं। मोदी के हर क्रियाकलाप का प्रभाव जनता के बड़े हिस्से को प्रभावित करता है इसलिए पिछले दो दशकों से वह देश के सबसे भरोसेमंद ब्रांड बने हुए हैं। ब्रांड मोदी की बदौलत केन्द्र ही नहीं राज्यों में भी भाजपा चुनाव जीतती चली आ रही है। उनके साथ ही राज्यों में भी भजपा के कुछ नेता हैं जो एक ब्रांड के रूप में अपनी पार्टी के लिए फयादेमंद साबित हो रहे हैं। तेजी से उभर रहे ऐसे नेताओं में से एक हैं उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी। सादगी, सरल स्वभाव, संवेदनशीलता और सख्त निर्णय लेने की क्षमता, ये वो तमाम गुण हैं जिनकी बदौलत पुष्कर सिंह धामी लोकप्रिय बनते जा रहे हैं। धामी ने उत्तराखण्ड में अपने कम समय के कार्यकाल में कई बड़े और कड़े फैसले लिए, जिससे देशभर में उनकी लोकप्रियता में इजाफा हुआ। खासकर यूसीसी, नकलरोधी कानून, लैंड जिहाद, दंगारोधी कानून, महिला आरक्षण आदि निर्णयों से वह देश में नजीर पेश की चुके हैं। उनकी लोकप्रियता का दायरा उत्तराखण्ड तक ही सीमित नहीं है वह पूरे देश में उनकी छवि एक ‘डायनेमिक लीडर’ की बन चुकी है।

 

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