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चहल ने धोनी से कही ऐसी बात कि मिस्टर कूल भी खो बैठे आपा, बोले, “महेंद्र सिंह धोनी हूं, मैं”

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नई दिल्ली। टीम इंडिया के स्पिनर और आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की तरफ से शानदार प्रदर्शन करने वाले गेंदबाज़ युजवेंद्र चहल ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को लेकर एक खुलासा किया है। चहल ने कहा कि जब धोनी पहली बार उनसे मिले थे तो उन्होंने धोनी से ऐसी बात बोली थी जो उन्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं आई थी।

युजवेंद्र चहल ने बताया कि यह बात साल 2016 की है जब भारतीय टीम ने जिम्बाब्वे का दौरा किया था। वो मेरी डेब्यू सीरीज थी। उन्होंने कहा कि धोनी को सामने देखकर मई कुछ नर्वस भी था। चहल ने कहा, ‘मैंने पहली बार धोनी को ‘माही सर’ कहकर बुलाया था, जो धोनी को बिलकुल पसंद नहीं आया।’

चहल ने खुलासा करते हुए कहा, ‘मैं हमेशा उन्‍हें ‘माही सर’ कहकर बुलाता था, जिसके बाद एक बार उन्होंने मुझे बुलाकर समझाया कि तुम मुझे माही, धोनी, महेंद्र सिंह धोनी या भाई कहकर बुला सकते हो, लेकिन सर मत कहना।’

आपको बता दें कि भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को युवा खिलाड़ी अपना आदर्श मानते हैं। इससे पहले भारतीय टीम के बल्लेबाज लोकेश राहुल ने धोनी की तारीफ करते हुए कहा था कि ‘मुझे हमेशा टीवी पर माही भाई को बल्लेबाजी करते देखना अच्छा लगता है।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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