अन्तर्राष्ट्रीय
डोनाल्ड ट्रंप ने यात्रा प्रतिबंध फिर लगाने का किया वादा, कहा-हमास को पूरी तरह से कुचलो
वॉशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वादा किया है कि अगर वह फिर से राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो वह पिछले कार्यकाल की तरह फिर से कुछ मुस्लिम देशों के खिलाफ यात्रा प्रतिबंध लागू करेंगे। शनिवार को रिपब्लिकन-यहूदी सम्मेलन में बोलते हुए ट्रंप ने ये बात कही। ट्रंप ने हमास को पूरी तरह से कुचलने और इस्राइल के समर्थन की भी बात कही।
ट्रंप ने मुस्लिमों के खिलाफ यात्रा प्रतिबंध लगाने की बात कही
सम्मेलन के दौरान ट्रंप ने कहा कि ‘क्या आपको यात्रा प्रतिबंध याद है? दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने पर पहले दिन से फिर से वह यात्रा प्रतिबंध लागू कर दिया जाएगा। ट्रंप ने कहा कि हम नहीं चाहते कि वो लोग हमारे देश में आएं, जो हमारे देश को तबाह करना चाहते हैं। उनकी सरकार ने लागू किए गए यात्रा प्रतिबंध से अच्छी सफलता मिली है। उन चार सालों के दौरान एक भी घटना नहीं हुई क्योंकि हमने बुरे लोगों को अपने देश से दूर रखा।’
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से फिर से राष्ट्रपति पद की रेस में हैं और फिलहाल रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से सबसे आगे चल रहे हैं। बता दें कि साल 2017 में ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान ईरान, लीबिया, सोमालिया, सीरिया, यमन, इराक और सूडान से लोगों के अमेरिका आने पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि बाद में इराक और सूडान से यह प्रतिबंध हटा लिए गए थे।
इस्राइल का खुलकर किया समर्थन
ट्रंप ने अपने संबोधन में हमास के खिलाफ लड़ाई में इस्राइल का खुलकर समर्थन किया और हमास को तबाह करने की बात कही। ट्रंप ने जो बाइडन पर ईरान का तुष्टीकरण करने का भी आरोप लगाया। ट्रंप ने कहा कि हर इस्राइली और अमेरिकी नागरिक की तरफ से हम हमास के बर्बर हमले के खिलाफ 100 प्रतिशत…110 प्रतिशत इस्राइल के साथ हैं।
ट्रंप ने जो बाइडन पर एक कमजोर राष्ट्रपति होने का आरोप लगाया और कहा कि उनकी कमजोरी की वजह से उनका देश इस हालात में पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि वह शांति बहाल करेंगे और तीसरा विश्व युद्ध होने से रोकेंगे। ट्रंप ने कहा कि आज दुनिया में तनाव का माहौल है। अगर मैं राष्ट्रपति होता तो इस्राइल पर कभी भी हमला ना हुआ होता। हमने दुनिया के शीर्ष आतंकी और ईरान के कसाई सोलेमानी का सफाया किया। मैं एक बार फिर से ईरान पर प्रतिबंध लगाऊंगा और उनकी फंडिंग पर रोक लगाऊंगा।
डोनाल्ड ट्रंप ने यरूशलम में अमेरिकी दूतावास खोलने के अपने फैसले का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब वह सत्ता में आएंगे तो अमेरिका के दुश्मनों को अमेरिकी लोगों का खून बहाने से पहले सोचना पड़ेगा क्योंकि हम एक बूंद खून के बदले उनका एक गैलन खून बहा देंगे।’
व्हाइट हाउस ने की आलोचना
व्हाइट हाउस ने ट्रंप के यात्रा प्रतिबंध लागू करने के वादे की आलोचना की है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा कि हमें इस नफरत के खिलाफ साथ आने की जरूरत है। व्हाइट हाउस ने ट्रंप पर इस्लामोफोबिया को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तानी हवाई हमले से बौखलाया तालिबान, 15 लोगों की मौत
काबुल। अफगानिस्तान में पक्तिका प्रांत के बरमल जिले पर पाकिस्तान ने की हवाई हमले किए जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 24 दिसंबर की रात को पाकिस्तान के हमलों में लमान सहित सात गांवों को निशाना बनाया गया, जहां एक ही परिवार के पांच सदस्य मारे गए। स्थानीय सूत्रों का दावा है कि बमबारी के लिए पाकिस्तानी जेट जिम्मेदार थे। रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि बरमाल में मुर्ग बाज़ार गांव पूरी तरह से नष्ट हो गया है, इस हमले में कई लोग घायल भी हैं।
पाकिस्तानी हवाई हमले से बौखलाया तालिबान
खामा प्रेस ने बताया कि इस हवाई हमले की जांच की जा रही है और इसकी पुष्टि करने और हमलों की जिम्मेदारी स्पष्ट करने के लिए आगे की जांच की आवश्यकता है। तालिबान के रक्षा मंत्रालय ने बरमाल, पक्तिका पर हवाई हमले के बाद जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई है। मंत्रालय ने कहा कि अपनी भूमि और संप्रभुता की रक्षा करना उनका वैध अधिकार है, और हमले की निंदा करते हुए दावा किया कि लक्षित लोगों में “वज़ीरिस्तानी शरणार्थी” भी शामिल
पाकिस्तान ने साधी चुप्पी
पाकिस्तानी अधिकारियों ने आधिकारिक तौर पर हवाई हमले की पुष्टि नहीं की है, लेकिन सेना के करीबी सुरक्षा सूत्रों ने सुझाव दिया कि हमला सीमा के पास तालिबान के ठिकानों को निशाना बनाकर किया गया था। यह हवाई हमला पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुआ है। खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी तालिबान या तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हाल के महीनों में पाकिस्तानी बलों पर अपने हमले बढ़ा दिए हैं, पाकिस्तान ने अफगान तालिबान पर इन आतंकवादियों को शरण देने का आरोप लगाया है।
बढ़ सकती है मृतकों की संख्या
तालिबान के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इनायतुल्ला ख्वारज़मी ने पाकिस्तानी दावों का खंडन किया और एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया कि हवाई हमले में “नागरिक लोग, ज्यादातर वज़ीरिस्तानी शरणार्थी” मारे गए थे। ख्वारज़मी ने कहा कि हमले में “कई बच्चे और अन्य नागरिक शहीद और घायल हुए”, हालांकि हताहतों की कोई आधिकारिक संख्या उपलब्ध नहीं कराई गई। सूत्रों ने बताया कि महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 15 शव बरामद किए गए हैं, और खोज प्रयास जारी रहने के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
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