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उत्तर प्रदेश

हर भारतवासी के मन में है सेना के प्रति सम्मान व स्नेह का भावः सीएम योगी

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लखनऊ| भारतीय सेना के जांबाज नायक कैप्टन अंशुमान सिंह 19 जुलाई 2023 को सियाचिन में अपने सहयोगियों को बचाते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे। कोई भी देश अपनी स्वाधीनता की रक्षा तभी कर सकता है, जब वह अतीत का स्मरण करते हुए अपने गौरवशाली क्षणों से प्रेरणा ग्रहण करता है। देश की आजादी के बाद हमारे बहादुर जवानों ने प्राणों की बाजी लगाते हुए भारत की सुरक्षा को सुनिश्चित किया, इसीलिए हर भारतवासी के मन में सेना के जवानों के प्रति अपार सम्मान व स्नेह का भाव छिपा होता है। यह स्नेह व सम्मान का भाव सैनिकों व उनके परिजनों के उत्साह को कई गुना बढ़ाता है।

उक्त बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं। उन्होंने बुधवार को बुद्धेश्वर चौराहा पर शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह (कीर्तिचक्र) की मूर्ति का अनावरण किया। नगर निगम ने बुद्धेश्वर चौराहे को कैप्टन अंशुमान सिंह की स्मृति को समर्पित करते हुए उनकी प्रतिमा स्थापित की है।

सैनिकों का सम्मान सीमाओं की सुरक्षा को सुदृढ़ करता है

सीएम योगी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हम सभी को पंच प्रण का संकल्प दिलाया था। उसमें एक संकल्प सैनिकों के सम्मान का भी है। यदि हम अपने सैनिक का सम्मान करते हैं तो सीमाओं की सुरक्षा व आंतरिक सुरक्षा की स्थिति को सुदृढ़ करते हैं। यह भाव सबके मन में आना चाहिए।

शहीदों के परिजनों को यूपी सरकार देती है 50 लाख व सरकारी नौकरी

सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 2017 में भाजपा सरकार बनने के बाद सुनिश्चित किया गया कि देश की सीमा व आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ करते हुए या कानून व्यवस्था को बनाए रखने में अपना योगदान देने वाले तथा सेना, अर्धसेना या पुलिस के जवान यदि कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए वीरगति को प्राप्त होते हैं तो यूपी सरकार अपनी ओर से 50 लाख रुपये की सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देगी। उनकी स्मृति को जीवंत बनाए रखने के लिए शहीद की प्रतिमा स्थापना, उनके नाम पर संस्था या मार्ग का नामकरण किया जाएगा। हमारी सरकार 2017 से लगातार इसे आगे भी बढ़ा रही है।

भारत सरकार ने कीर्तिचक्र देकर किया अंशुमान के बलिदान का सम्मान

सीएम ने कहा कि नगर निगम को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनकी तरफ से डॉ. अंशुमान सिंह की प्रतिमा की स्थापना की गई है। अंशुमान सिंह का गोरखपुर कमिश्नरी के देवरिया में जन्म हुआ था। भारतीय सेना व भारत की सुरक्षा के प्रति उदग्र भाव ने उन्हें सेना की तरफ आकर्षित किया। चुनौतियों की परवाह किए बगैर कर्तव्यों का ईमानदारीपूर्वक निर्वहन करते हुए वे वीरगति को प्राप्त हुए। भारत सरकार ने कीर्तिचक्र से सम्मानित करते हुए उनके बलिदान का सम्मान किया है।

इस अवसर पर प्रदेश सरकार की ग्राम्य विकास राज्यमंत्री विजयलक्ष्मी गौतम, महापौर सुषमा खर्कवाल, शहीद अंशुमान सिंह के पिता रविप्रताप सिंह, मां मंजू सिंह, देवरिया के जिला पंचायत अध्यक्ष गिरीश तिवारी, लेफ्टिनेंट जनरल मुकेश चड्ढा, लेफ्टिनेंट जनरल कविता सहाय, मेजर जनरल समीर सेठ, मेजर जनरल समर चटर्जी, मेजर जनरल जे. देवनाथ, ब्रिगेडियर एके सिंह, ब्रिगेडियर भूषण अस्थाना, ब्रिगेडियर अनिल वासुदेव, स्थानीय पार्षद धर्मेंद्र कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ में अग्नि जनित घटनाओं के खिलाफ एडब्ल्यूटी बनेगा सुरक्षा कवच

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महाकुम्भनगर। उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 को लेकर तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश अग्निशमन व आपात सेवा विभाग एडवांस्ड फीचर्स युक्त 4 आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) का भी मेला क्षेत्र को इस्तेमाल करेगी। इन आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर को मेला क्षेत्र में टेंट सिटी और बड़ी टेंट सेटअप के दृष्टिगत डिप्लॉय किया गया है। यह वीडियो तथा थर्मल इमेजिनिंग सिस्टम समेत कई आधुनिक फीचर्स से लैस हैं तथा इनके जरिए मेला क्षेत्र में अग्नि जनित घटनाओं की रोकथाम के साथ ही दमकलकर्मियों के जीवन रक्षण में भी मदद मिलेगी। यह जोखिम से भरे फायर ऑपरेशंस को अंजाम देने के साथ ही अग्निरक्षकों की सुरक्षा के लिए भी कवच के तौर पर कार्य कार करने में सक्षम होगा।

कई तरह की खूबियों से लैस है एडब्ल्यूटी

महाकुम्भ के नोडल/मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) एक आधुनिक अग्निशमन वाहन है। मुख्यत: इसका प्रयोग बहुमंजिलीय एवं विशेष ऊँचाई के टेन्ट तथा भवन की आग बुझाने में किया जाता है। चार बूम से निर्मित ए.डब्ल्यू.टी 35मी की ऊंचाई तथा 30मी की क्षैतिज दूरी की पहुंच तक अग्निशमन कार्य को संचालित कर सकते हैं। यह कई प्रकार के आधुनिक फीचर्स से लैस है तथा वीडियो तथा थर्मल इमेजिंग कैमरे से युक्त होने के कारण इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है। यही कारण है कि यह न केवल रेस्क्यू ऑपरेशंस को अंजाम देकर जान-माल की रक्षा करने में सक्षम हैं बल्कि अग्निरक्षकों के जीवनरक्षण और उनकी सुरक्षा में कवच का कार्य भी करते हैं।

131.48 करोड़ के वाहन व उपकरणों को किया जा रहा डिप्लॉय

डिप्टी डायरेक्टर अमन शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ को अग्नि दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने के लिए विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित हुआ है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है। इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपए की लागत से वाहन व उपकरणों को महाकुम्भ मेला में अग्नि जनित दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए डिप्लॉय किया जा रहा है। इनको पूरी तरह से मेला क्षेत्र में डिप्लॉय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के विजन अनुसार, इस बार महाकुम्भ में अलग-अलग प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन, 2000 से अधिक ट्रेन्ड मैनपावर, 50 से अधिक अग्निशमन केंद्र व 20 फायर पोस्ट बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग इक्विप्मेंट्स से भी लैस किया जा रहा है।

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