प्रादेशिक
पटना: अपराधियों के तांडव से हिल गया इलाका, 43 राउंड फायरिंग में दो की मौत
पटना। बिहार की राजधानी पटना के सिटी इलाके से सटा जेठुली गांव रविवार की शाम गोलियों की तड़तड़ाहट से गूँज उठा। अपराधियों के बीच 43 राउंड फायरिंग से पूरा इलाका हिल गया। एक पक्ष के दो लोगों की मौत हुई तो हत्या के आरोपी का घर व कॉम्युनिटी हॉल आग के हवाले कर दिया गया। नेशनल हाइवे पर घंटों तांडव हुआ। कॉम्युनिटी हॉल का सामान बाहर निकालकर सड़क पर जलाया जाता रहा।
पूरे घटनाक्रम में पुलिस मूकदर्शक बनी रही। पुलिस ने जब भी आगे बढ़ने का प्रयास किया, लोगों ने पथराव कर भगा दिया। बाद में वरीय पुलिस अधिकारियों के आदेश पर इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। घटना नदी थाना क्षेत्र के अंदर आता है।
गाड़ी खड़ी करने का विवाद इस हद तक बढ़ा
घटना जिन दो पक्षों के बीच हुई, उनमें से एक पक्ष ही अबतक सामने आया है। जेठुली गांव के पूर्व पंचायत प्रतिनिधि टुनटुन यादव के अनुसार, रविवार दोपहर हम लोगों के पार्किंग ग्राउंड के पास मुखिया पति सतीश राय उर्फ बच्चा राय का ड्राइवर गाड़ी खड़ी कर रहा था।
इसी दौरान मैं अपनी कार निकाल रहा था। मैंने सतीश राय के ड्राइवर को गाड़ी हटाने के लिए कहा तो वह नहीं माना। इतने में सतीश राय वहां पहुंचा और विवाद करने लगा। कुछ देर में उसके सहयोगी बंदूकें लेकर वहां पहुंच गए।
मेरे परिजन सतीश राय को समझाने वहां पहुंचे। जब तक हमलोग कुछ बोल पाते सतीश राय और उसके सहयोगी गोलीबारी करने लगे। इसमें आधा दर्जन लोगों को गोली लग गई। दो लोगों रोशन और गौतम की मौत हो गई। चार घायलों का इलाज पटना मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।
कम्युनिटी हॉल और घर में लगाई आग
गोलीबारी के विरोध में पीड़ित पक्ष के लोग और स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए। लोगों ने सतीश राय के कम्युनिटी हॉल और उसके घर में आग लगा दी। घर में फंसे लोगों ने किसी तरह खिड़की से कूद कर अपनी जान बचाई।
देखते ही देखते घर का पूरा सामान जलकर राख हो गया। लोगों ने आगजनी कर सड़क पर जमकर बवाल किया। इधर, सूचना मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची और आग को बुझाने में जुट गई। अगलगी में लाखों के नुकसान की आशंका जताई जा रही है।
जमीन और वर्चस्व की लड़ाई भी वजह
पीएमसीएच में भर्ती घायलों के अनुसार घटना के पीछे वर्चस्व और जमीन का विवाद भी है। एक घायल ने बताया कि रविवार को विवाद की शुरुआत दोपहर करीब 12 बजे हुई और दोपहर बाद मामला बहुत आगे बढ़ गया। मौत की जानकारी के बाद फायरिंग का आरोपी गायब हो गया। इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ में अग्नि जनित घटनाओं के खिलाफ एडब्ल्यूटी बनेगा सुरक्षा कवच
महाकुम्भनगर। उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 को लेकर तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश अग्निशमन व आपात सेवा विभाग एडवांस्ड फीचर्स युक्त 4 आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) का भी मेला क्षेत्र को इस्तेमाल करेगी। इन आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर को मेला क्षेत्र में टेंट सिटी और बड़ी टेंट सेटअप के दृष्टिगत डिप्लॉय किया गया है। यह वीडियो तथा थर्मल इमेजिनिंग सिस्टम समेत कई आधुनिक फीचर्स से लैस हैं तथा इनके जरिए मेला क्षेत्र में अग्नि जनित घटनाओं की रोकथाम के साथ ही दमकलकर्मियों के जीवन रक्षण में भी मदद मिलेगी। यह जोखिम से भरे फायर ऑपरेशंस को अंजाम देने के साथ ही अग्निरक्षकों की सुरक्षा के लिए भी कवच के तौर पर कार्य कार करने में सक्षम होगा।
कई तरह की खूबियों से लैस है एडब्ल्यूटी
महाकुम्भ के नोडल/मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) एक आधुनिक अग्निशमन वाहन है। मुख्यत: इसका प्रयोग बहुमंजिलीय एवं विशेष ऊँचाई के टेन्ट तथा भवन की आग बुझाने में किया जाता है। चार बूम से निर्मित ए.डब्ल्यू.टी 35मी की ऊंचाई तथा 30मी की क्षैतिज दूरी की पहुंच तक अग्निशमन कार्य को संचालित कर सकते हैं। यह कई प्रकार के आधुनिक फीचर्स से लैस है तथा वीडियो तथा थर्मल इमेजिंग कैमरे से युक्त होने के कारण इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है। यही कारण है कि यह न केवल रेस्क्यू ऑपरेशंस को अंजाम देकर जान-माल की रक्षा करने में सक्षम हैं बल्कि अग्निरक्षकों के जीवनरक्षण और उनकी सुरक्षा में कवच का कार्य भी करते हैं।
131.48 करोड़ के वाहन व उपकरणों को किया जा रहा डिप्लॉय
डिप्टी डायरेक्टर अमन शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ को अग्नि दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने के लिए विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित हुआ है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है। इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपए की लागत से वाहन व उपकरणों को महाकुम्भ मेला में अग्नि जनित दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए डिप्लॉय किया जा रहा है। इनको पूरी तरह से मेला क्षेत्र में डिप्लॉय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के विजन अनुसार, इस बार महाकुम्भ में अलग-अलग प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन, 2000 से अधिक ट्रेन्ड मैनपावर, 50 से अधिक अग्निशमन केंद्र व 20 फायर पोस्ट बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग इक्विप्मेंट्स से भी लैस किया जा रहा है।
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