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इन फिटनेस टिप्स को अपनाकर कामकाजी महिलाएं सुधारें अपनी सेहत
एक तरफ तो एक कामयाब महिला बनने का जोश उसमें नयी स्फूर्ति का संचार करता है, तो दूसरी तरफ घर और बच्चों की जिम्मेदारी निभाते-निभाते वह खुद को लगभग भूल ही जाती है। ऐसे में कहीं न कहीं वो अपनी हेल्थ को अनदेखा कर देती हैं। टाइम की कमी के चलते वो जरूरत के हर काम तो कर लेती हैं लेकिन खुद के लिए उसके पास टाइम ही नहीं होता हैं। ऐसे में खुद के केयर के अभाव में कई तरह की बीमारियों को बैठे बिठाए वो पाल लेती हैं। आज हम आपको बताएंगे वर्किंग वुमन की सेहत सुधारने वाले कुछ फिटनेस टिप्स के बारे में –
खुद को रखें एक्टिव – अगर ऑफिस में ज्यादा समय तक बैठ कर काम करती हैं, तो बीच-बीच में उठने की आदत डालें। लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का यूज़ कर सकती हैं। कंप्यूटर पर काम करते हुए ज्यादा देर हो गई है, तो कुछ देर खड़े हो जाएं।
हेल्थी फूड का स्टोरेज करें – रोस्टेड चने, मूंगफली, कार्न को घर और ऑफिस में इन्हें जगह दें। मल्टी ग्रेन बिस्किट्स , एनर्जी बार और कुछ फ्रूट्स सैलैड हमेशा अपने साथ रखें। घर हो या ऑफिस इनकी जगह बना कर रखें।
एक्सरसाइज के लिए समय निकालें – अपनी बेहद व्यस्त दिनचर्या में एक्सरसाइज के लिए समय निकालने की आदत डालें। हफ्ते में दो बार 20 मिनट के लिए किसी भी तरह की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें। वीकएंड पर टहलने या साइकिलिंग कर सकती हैं। शाम को खाना खाने के बाद कुछ देर वॉक कर सकती हैं।
ओट्स और मुसली खाएं – सुबह-सुबह ऑफिस भागने की जल्दी में नाश्ता करना न भूलें। नाश्ते में ओट्स और मुसली को जगह दें। ये कंप्लीट फूड होगा आपके नाश्ते के लिए। दही, दूध या फ्रूट जूस के साथ इनको खाएं। स्वाद और सेहत दोनों के लिए ये सबसे बेहतर हैं।
बेक्ड चीजों को तरजीह दें – फ्राइड चीजों से दूर बनाएं और इनकी जगह बेक्ड प्रोडक्ट को तरजीह दें। इसी तरह फ्रोजन की जगह फ्रेश चीजों का सेवन करें। कुकीज, चॉकलेट, बर्गर, बठुरे, राइस या स्नैक्स जो मैदे से बनी चीजों को ना कहें।
खुद को बनाएं लचीला – खुद को लचीला बनाने के लिए आप अधिक से अधिक जमीन पर उठने और बैठने, झुक कर उठाने या काम करने की आदत डालें। ये लचीलापन आपकी बॉडी में लाएगा। जिम जब चाहें तब जाएं। आधे घंटे ही सही जिम में वर्कआउट जरूर करें।
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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन
चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.
लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.
महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’
राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”
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