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पंजाब

पंजाब में कांग्रेस को बड़ा झटका, पूर्व वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल बीजेपी में शामिल

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Manpreet Singh Badal joins BJP

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चण्डीगढ़। पंजाब कांग्रेस के कद्दावर नेता व राज्य के पूर्व वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने आज पार्टी को अलविदा कह दिया। राहुल गांधी के नाम आज 2 पन्नों का पत्र लिखने के साथ ही उनका कांग्रेस से नाता टूट गया है। इसके बाद उन्होंने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है।

ट्विटर पर किया ऐलान

अपने ट्विटर अकाउंट पर 2 पन्नों के पत्र में मनप्रीत बादल ने राहुल गांधी को लिखा कि जब 7 साल पहले उन्होंने अपनी पीपल्स पार्टी ऑफ पंजाब का कांग्रेस विलय किया था तब यह सोचकर वह पार्टी में आए थे कि कांग्रेस का एक लंबा इतिहास है और इसमें रहकर वे पंजाब और लोगों के हितों की अपनी सोच के मुताबिक सेवा कर पाएंगे लेकिन धीरे-धीरे उनको निराशा हाथ लगने लगी।

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री का काम कोई आसान नहीं रहा ।मैंने यह उस समय संभाला जब पंजाब का खजाना बहुत मुश्किल स्थितियों में था। मैं भी लोकालुभावन नीतियों में पड़ सकता था लेकिन मैंने इस विकट स्थिति को उभारने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि स्थिति किसी भी समय वित्तीय एमरजेंसी की भी आ सकती थी लेकिन मैंने तथ्यों को स्वीकारा और मुश्किल फैसले लिए जो कि उस समय समय की जरूरत थे।

उन्होंने कहा कि 15वें फाइनेंस कमिशन के सामने भी मैंने पंजाब का केस रखा और उनसे पंजाब के पक्ष वाली फैसले करवाए। मनप्रीत ने दावा किया कि उन्होंने अकेले ही 50000 करोड़ रुपए सरकारी खजाने में आयोग से दिलवाए।

लगाए गंभीर आरोप

मनप्रीत बादल ने कहा कि पार्टी ने मेरे इस प्रयास की कोई सराहना नहीं की बल्कि पंजाब कांग्रेस ने इसका उपहास ही उड़ाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के इस व्यवहार ने उनका दिल तोड़ दिया है लेकिन वह इसके बारे में और ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहते।

पूर्व वित्त मंत्री ने पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग का नाम लिए बगैर कहा कि जिस तरह से कुछ लोगों को दिल्ली से डिक्टेट करने की छूट दी गई है उससे मैं निराश हूं। उन्होंने कहा कि आपने कहा था कि आप पार्टी के नेताओं के बीच की दूरियों को कम करेंगे लेकिन मुझे लगता है कि यह और बढ़ गई हैं। इसलिए मैं कांग्रेस की सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं।

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पंजाब

जिद छोड़कर किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए – सीएम भगवंत मान

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चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें अपनी जिद छोड़ कर किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और उनसे सवाल किया कि अगर वह रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोक सकते हैं तो 200 किलोमीटर दूर बैठे अन्नदाताओं से बात क्यों नहीं कर सकते?

पंजाब के मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, “केंद्र सरकार को अपनी पुरानी जिद छोड़ कर किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए… कबूतर के आंख मारने से बिल्ली नहीं भागती.. पता नहीं केंद्र सरकार अब कौन सा प्रायश्चित कर रही है??

अगर मोदी जी रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोक सकते हैं तो क्या 200 किलोमीटर दूर बैठे अन्नदाताओं से बात नहीं कर सकते? किस समय का इंतजार कर रहे हो? इससे पहले आज समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अवधेश प्रसाद ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर अपनी कमियों और अक्षमताओं को छिपाने के लिए किसानों को दिल्ली मार्च करने से रोकने का आरोप लगाया था।

समाजवादी पार्टी के सांसद प्रसाद ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “किसान दिल्ली की सीमा पर जमा हुए हैं… वे प्रधानमंत्री को अपनी मांग बताने जा रहे हैं, लेकिन उन्हें दिल्ली जाने नहीं दिया जा रहा है। भाजपा ने अपनी सारी कमियों और अक्षमताओं को छिपाने के लिए यह सब किया है… आज देश और प्रदेश में महंगाई दूर करने और युवाओं को रोजगार देने की जरूरत है, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।”

इस बीच, सोमवार को पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों और उनके मुद्दे पर मीडिया का कम ध्यान देने का हवाला देते हुए प्रदर्शनकारी किसान नेताओं से अपनी लंबी भूख हड़ताल खत्म करने का आग्रह किया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जाखड़ ने किसान यूनियनों के बीच एकता के महत्व पर जोर दिया और पंजाब में कृषि मुद्दों को हल करने के लिए रचनात्मक बातचीत का आह्वान किया, जो एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बना हुआ है। किसानों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन अब 316वें दिन में प्रवेश कर गया है।

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