अन्तर्राष्ट्रीय
एप्पल के संस्थापक की बेटी का खुलासा, पिता के साथ थे ऐसे संबंध कि..
नई दिल्ली । एप्पल के पूर्व सीईओ और संस्थापक स्टीव जॉब्स की बेटी ने ऐसा खुलासा किया है जिसे कोई पिता सुनना नहीं चाहता। उनकी बेटी का कहना है कि उनके और पिता के रिश्ते अच्छे नहीं थे। लीसा के अनुसार उनके और उनके पिता के बीच काफ़ी तल़्खी भरे संबंध थे।
लीसा ब्रेनन जॉब्स ने अपनी किताब ‘स्माल फ्राई’ में किया खुलासा:
इस किताब का अंश वेनिटी फेयर मैगजीन में लिखा गया है। इसमें लिसा द्वारा बताया गया है कि उनकी सिंगल मदर घरों में बर्तन धोकर घर खर्च चलाया करती थी। जॉब्स ने शुरू में उन्हें अपनी बेटी मानने तक से इंकार कर दिया था। यही नहीं लिसा ने खुलासा किया है कि स्टीव जॉब्स उन्हें काफी बुरा भला कहते थे। ऐसे ही एक बार जब उन्होंने गुलाब की खुशबू वाला इत्र लगाया था तो उन्होंने गुस्से में कहा था कि वह टॉयलेट जैसी स्मेल कर रहीं हैं।
यही नहीं लीसा ने किताब में बचपन की एक घटना का जिक्र किया है। लीसा के अनुसार उन्हें पता था कि उनके पिता अपनी लग्ज़री गाड़ियाँ एक भी स्क्रेच लगने के बाद इस्तेमाल नहीं करते हैं। ऐसे में उन्होंने एक बार अपने पिता से कहा था कि क्या वह उनकी पोर्श कार ले सकती है, जब कभी उसमें स्क्रैच लग जाए या उसे नुकसान पहुंचे। तब स्टीव जॉब्स ने गुस्से में कहा था कि नहीं, उसे कुछ नहीं मिलेगा। स्टीव जॉब्स ने बार-बार यह बात कही कि वह लीसा को कभी कुछ नहीं देंगे।
बाद में हो गए थे अच्छे रिश्ते:
लीसा के अनुसार भले ही शुरुआत में उनके अपने पिता से रिश्ते कड़वे थे लेकिन उनकी आंटी सिंपसन की वजह से उनके और उनके पिता के रिश्तों में थोड़ी बहुत मिठास घुल पाई थी। आपको बता दें कि स्टीव जॉब्स टैक्नॉलजी की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए जाने जाते हैं। उनकी लीडरशीप में एप्पल ने आईपॉड, आईफोन, आईपैड जैसे कई सफल प्रोडक्ट लॉन्च किए थे।
अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।
इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।
जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।
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