प्रादेशिक
सीएमएस में हुआ 4,82,185 बच्चों का रुबेला टीकाकरण, यूनीसेफ के डॉक्टर रहे मौजूद
लखनऊ। शनिवार को मिजल्स रूबेला अभियान के अंतर्गत सिटी मांटेसरी स्कूल ( सीएमएस ), राजेंद्र नगर में टीकाकरण अभियान का आयोजन किया गया। यहां टीकाकरण अभियान में बच्चों तथा उनके अभिभावकों में भारी उत्साह देखने को मिला।
वैसे तो लखनऊ में अभी तक 482184 बच्चों को मिजिल्स रूबेला वैक्सीन का टीकाकरण किया जा चुका है लेकिन सीएमएस राजेंद्र नगर ने 1 दिन में एक स्कूल में सबसे ज्यादा बच्चों को टीके लगने का नया रिकॉर्ड बनाया।
यहां आज एक ही दिन में 3617 बच्चों को एम आर की वैक्सीन लगाई गई। इसके लिए नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, राजेंद्र नगर द्वारा 25 टीमों को लगाया गया था।
अभियान के दौरान नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, राजेंद्र नगर की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ मंजू सिंह, सीएमओ संक्रामक रोग नियंत्रण कक्ष के प्रभारी डॉ एस के सक्सेना, यूनिसेफ के डॉक्टर संदीप शाही पूरे समय उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में सीएमएस राजेंद्र नगर की प्रधानाचार्य दीपा तिवारी ने अथक प्रयास किया। सीएमएस राजेंद्र नगर की इस उपलब्धि पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेंद्र अग्रवाल ने ख़ुशी व्यक्त की और उन्होंने आशा प्रकट की कि लखनऊ के अन्य स्कूल भी इससे प्रेरणा लेंगे।
उन्होंने बताया कि अभियान में अब तक लखनऊ में 482184 बच्चों को टीका लगाया जा चुका है जबकि लखनऊ का लक्ष्य 1755000 है। सीएमएस के संस्थापक प्रबंधक डा जगदीश गांधी ने सीएमएस राजेंद्रनगर को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।
उन्होंने अपनी अन्य शाखाओं के प्रधानाचार्यो का आह्वान किया कि वह भी अपने यहां पढ़ रहे 15 साल तक के शत प्रतिशत बच्चों को मिजिल्स रुबैला का टीका लगवाएं।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एम के सिंह ने बताया कि यह अभियान सभी बच्चों को टीकाकृत करने तक जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि यह वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है तथा इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है।
इसका प्रमाण यह है कि लखनऊ में 480000 से ज्यादा बच्चों को यह वैक्सीन सफलतापूर्वक लगाई जा चुकी है और किसी भी बच्चे में किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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