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पंजाब

पंजाब की महिलाओं के लिए खुशखबरी – सीएम मान ने लिया बड़ा फैसला

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चंडीगढ़। पंजाब की महिलाओं के लिए खुशखबरी सामने आई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा ऐलान किया गया है कि पंजाब सरकार द्वारा शुरू की गई ‘पहल’ स्कीम के तहत अब पंजाब पुलिस की वर्दी महिला स्वयंसेवी ग्रुपों से सिलवाई जाएंगी। यह योजना महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। इससे पहले इस योजना के तहत स्कूली विद्यार्थियों के लिए वर्दी महिला स्वयंसेवी ग्रुपों द्वारा तैयार की जा रही थी।

आज संगरूर के गांव लड्डा कोठी में पंचायतों के नए चुने गए पंचों के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान संबोधन करते हुए सी.एम. मान ने कहा कि इन पंचों का 50 प्रतिशत हिस्सा माताएं-बहनें हैं, जो बहुत अच्छी बात है। अगर इनके बिना घर नहीं चल सकता तो देश भी नहीं चल सकता। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ‘पहल’ योजना की शुरुआत अकालगढ़ से की गई थी। वहां पंचायत घर में मशीनें लगाकर माताओं-बहनों का सैल्फ हैल्प ग्रुप बनाया था। उन्हें सरकारी स्कूलों के बच्चों की वर्दी सिलने के लिए दी जाती थी और स्कूलों को सप्लाई की जाती थी। महिलाएं चाहें तो मशीनें लेकर घर भी जा सकती थी। पंजाब में 1800 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया और उन्होंने 80 हजार स्कूल यूनिफॉर्म बनाकर 4.5 करोड़ रुपये कमाए। इसके बाद प्राइवेट स्कूल भी इस योजान से जुड़ गए।

इस मौके पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि अब हम पंजाब पुलिस की वर्दी भी इन महिलाओं के पास लेकर जा रहे हैं। पुलिस जवानों के नाम और अन्य विवरकण महिलाओं को दिए जाएंगे और उन्हें वर्दी सिलने का काम दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस काम में महिलाएं माहिर हैं उन्हें अगर कामर्शियल कर दिया जाए तो यह बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। उन्होंने नए चुने पंचों को कहा कि अगर उन्होंने भी गांवों में ऐसा ग्रुप बनाना चाहते हैं तो पंचायतें प्रस्ताव पारित करें। इसके अलावा गांवों में स्टेडियम, लाइब्रेरी, स्कूलों में कमरे, बेंच, सोलर लाइट के लिए भी प्रस्ताव लाएं।

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पंजाब

जिद छोड़कर किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए – सीएम भगवंत मान

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चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें अपनी जिद छोड़ कर किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और उनसे सवाल किया कि अगर वह रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोक सकते हैं तो 200 किलोमीटर दूर बैठे अन्नदाताओं से बात क्यों नहीं कर सकते?

पंजाब के मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, “केंद्र सरकार को अपनी पुरानी जिद छोड़ कर किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए… कबूतर के आंख मारने से बिल्ली नहीं भागती.. पता नहीं केंद्र सरकार अब कौन सा प्रायश्चित कर रही है??

अगर मोदी जी रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोक सकते हैं तो क्या 200 किलोमीटर दूर बैठे अन्नदाताओं से बात नहीं कर सकते? किस समय का इंतजार कर रहे हो? इससे पहले आज समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अवधेश प्रसाद ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर अपनी कमियों और अक्षमताओं को छिपाने के लिए किसानों को दिल्ली मार्च करने से रोकने का आरोप लगाया था।

समाजवादी पार्टी के सांसद प्रसाद ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “किसान दिल्ली की सीमा पर जमा हुए हैं… वे प्रधानमंत्री को अपनी मांग बताने जा रहे हैं, लेकिन उन्हें दिल्ली जाने नहीं दिया जा रहा है। भाजपा ने अपनी सारी कमियों और अक्षमताओं को छिपाने के लिए यह सब किया है… आज देश और प्रदेश में महंगाई दूर करने और युवाओं को रोजगार देने की जरूरत है, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।”

इस बीच, सोमवार को पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों और उनके मुद्दे पर मीडिया का कम ध्यान देने का हवाला देते हुए प्रदर्शनकारी किसान नेताओं से अपनी लंबी भूख हड़ताल खत्म करने का आग्रह किया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जाखड़ ने किसान यूनियनों के बीच एकता के महत्व पर जोर दिया और पंजाब में कृषि मुद्दों को हल करने के लिए रचनात्मक बातचीत का आह्वान किया, जो एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बना हुआ है। किसानों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन अब 316वें दिन में प्रवेश कर गया है।

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