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बिजनेस

फटाफट आराम देने वाली सेरिडॉन, विक्स ऐक्शन 500 जैसी 328 दवाओं को सरकार ने किया बैन

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हमारे समाज में कुछ लोग बिना डॉक्टरी की डिग्री लिए ही डॉक्टर हैं। हम ऐसा इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि हम लोगों को तबीयत जरा सी नासाज लगती हैं वैसे ही फटाफट आराम पाने के लिए दवा खुद से खरीद लेते हैं। लेकिन अब केंद्र सरकार ने आसानी से सेरिडॉन, विक्स एक्शन 500, सुमो और डिकोल्ड जैसी करीब 328 दवाएं पर बैन लगा दिया हैं। रोक के बाद इन दवाओं को अब देश में बनाया या बेचा नहीं जा सकेगा।

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मंत्रालय की ओर से जिन दवाओं पर रोक लगायी गयी है, उनमें सेरिडॉन, विक्स एक्शन 500, कोरेक्स, सुमो, जीरोडॉल, फेंसिडील, जिंटाप, डिकोल्ड और कई तरह के एंटीबायॉटिक्स, दर्द निवारक दवाएं, मधुमेह और हृदय रोगियों की दवाएं शामिल हैं। कयास लगाया जा रहा है कि सरकार इस प्रकार की करीब पांच सौ और दवाओं की बिक्री, वितरण और उत्पादन पर रोक लगा सकती है।

इन देशों में हैं बैन – अमेरिका, जापान, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के साथ ही कई देशों में एफडीसी पर रोक है। लेकिन भारत के साथ ही कई विकाससील देशों में ये बिकती हैं। देश में महज पुडुचेरी एक ऐसा राज्य है, जिसने एफडीसी पर रोक लगा दी है।

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करोड़ो में हैं ये बिजनेस – सरकार ने जिन 328 एफडीसी पर बैन लगाया है उनका देश के संगठित दवा क्षेत्र में कुल कारोबार करीब 3800 करोड़ रुपए  का है। यह भारत के फार्मा सेक्टर के कुल कारोबार का करीब 3 प्रतिशत है। सरकार के फैसले के बाद कोरेक्स पर रोक से फाइजर के 308 करोड़ रुपए के कारोबार पर असर पड़ेगा। वहीं एबॉट के 480, मैकलॉड्स के 367, पैनडेम के 214, सुमो के 79 और जीरोडॉल के 72 करोड़ रुपए के कारोबार पर असर होगा।

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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