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उत्तर प्रदेश

हरदोई: दबंगों से परेशान परिवार पलायन को मजबूर, घर की दीवार पर लिखा यह स्लोगन

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हरदोई। उप्र के हरदोई जनपद के हरपालपुर थाना क्षेत्र के बरनई चतरखा गांव में दबंग ठाकुरों से परेशान ब्राह्मण परिवार पलायन को मजबूर हैं। ब्राह्मण परिवारों ने घर की दीवारों पर स्लोगन लिखकर पलायन की चेतावनी दी है। प्राप्त समाचार के अनुसार गांव में बीते गुरुवार को पुरानी रंजिश को लेकर दो पक्षों में जमकर लाठी-डंडे चले थे, जिसमें दोनों पक्षों के 4 लोग गंभीर रूप से घायल हो गये। दोनों पक्षों की तहरीर पर पुलिस ने 22 नामजद तथा 52 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया।

इसी को लेकर आज गाँव के ब्राह्मण परिवारों ने घरों की दीवारों पर दबंग ठाकुरों से परेशान होकर स्लोगन लिखकर पलायन की चेतावनी दी है। पुलिस के संज्ञान लेते हुए गाँव में एडिशनल एसपी समेत कई थानों की पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

एएसपी दुर्गेश कुमार सिंह ने कहा कि गांव में पुलिस तैनात है जो बदमाशी कर रहे हैं उनको भी चिन्हित किया जा रहा है। आज भी एक पक्ष से 4 लोगों का चालान किया गया है इन सब को समझा दिया गया है कोई भी गांव से पलायन नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि जो भड़काऊ पोस्ट हैं उन पर भी कार्यवाही की जा रही है चिन्हित किया जा रहा है।

गांव निवासी शिवकुमार शुक्ला पुत्र स्व. रामप्रकाश ने थाने में दी गई तहरीर में बताया कि वह गुरुवार को अपनीं पत्नी मीनू एवं छोटी बहू कल्पना के साथ मौजूद था। तभी गांव के राजन, बड़क्के, राजपाल, धीरु , वीरु, रानू , नवीन, दीपू, रामबाबू, सोनू, कालिया, धर्मेन्द्र, विकास समेत 40अज्ञात लोगों ने घर में घुसकर लाठी-डंडों से हमला बोल दिया, जिससे तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। तीन दिन पूर्व भी शिवकुमार शुक्ला के घर पर लाठी-डंडों से लैस होकर आरोपियों ने हमला किया था।

पीड़ित ने इस मामले की तहरीर दी थी लेकिन पुलिस ने शांति भंग की कार्रवाही करते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया। अगर पुलिस तभी आरोपियों पर कड़ी कार्यवाही कर देती तो शायद गुरुवार को आरोपी इस घटना को अंजाम नहीं देते।

दूसरे पक्ष से राजन पुत्र गोपाल ने थाने में दी गई तहरीर में बताया कि उनके गांव के शिवकुमार, प्रमोद कुमार, राममोहन, सचिन, बृजमोहन, राकेश,देवेश, संजू सहित 12 अज्ञात लोगों ने घर में घुसकर लाठी-डंडों से हमला बोल दिया जिससे वह घायल हो गया है।

पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीर पर 22 नामजद व 52 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है, वहीं बवाल के बाद हरकत में आई पुलिस ने गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरपालपुर, अरवल, लोनार समेत तीन थानों की पुलिस तैनात कर दी गयी थी।

इसके बाद अब गांव में घरों पर लिखाये गए पलायन के शब्दों को लेकर फिर से यह विवाद में नया मोड़ आया है। इस प्रकरण पर अब सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा की जा रही है।

उत्तर प्रदेश

यूपी में विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए योगी सरकार की पहल, एफडीआई पॉलिसी में किया संशोधन

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लखनऊ। योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सोमवार को लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में एफडीआई एवं फॉर्च्यून 500 कंपनियों के निवेश हेतु प्रोत्साहन नीति 2023 में संशोधन को मंजूरी दे दी। इस संशोधन के माध्यम से योगी सरकार ने विदेशी निवेशकों को बड़ी राहत दी है। इसके माध्यम से अब ऐसी विदेशी कंपनियां भी प्रदेश में निवेश कर सकेंगी जो इक्विटी के साथ-साथ लोन या किसी अन्य स्रोत से पैसों की व्यवस्था करती हैं। योगी सरकार के इस निर्णय से प्रदेश में विदेशी निवेश के बढ़ने की संभावना है।

फॉरेन कैपिटल इन्वेस्टमेंट को किया गया शामिल

योगी कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि 1/11/2023 को फॉरेन डायरेक्टर इन्वेस्टमेंट (एफडीआई) की नीति आई थी, इसमें थोड़ा संशोधन किया गया है। नीति में अर्हता के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा 100 करोड़ रुपए रखी गई है। आरबीआई द्वारा जो एफडीआई की परिभाषा दी गई है, उसके अनुसार अभी तक मात्र इक्विटी में किए गए निवेश को ही एफडीआई में सम्मिलित किया जाता है। नीति में जो संसोधन किया गया है उसमें हमने इसे फॉरेन कैपिटल इन्वेस्टमेंट का रूप दिया है। उन्होंने कहा कि अभी तक एफडीआई के तहत कंपनी के पास अपनी इक्विटी होती थी लेकिन ज्यादातर कंपनी अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए बाहर से लोन के साथ ही दूसरे माध्यमों से भी पैसा मैनेज करती हैं। हमने उसको भी अलाऊ कर दिया है। यदि किसी कंपनी के पास इक्विटी केवल 10 प्रतिशत है और 90 प्रतिशत निवेश राशि की व्यवस्था दूसरे स्रोतों से कर रखी होगी तो हम उसको भी बेनिफिट प्रदान करेंगे।

100 करोड़ के निवेश को माना जाएगा पात्र

उन्होंने बताया कि अब इस नीति को फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट, फॉरेन कैपिटल इन्वेस्टमेंट एंड फॉर्च्यून ग्लोबल 500 एंड फॉर्च्यून इंडिया 500 इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी 2023 कहा जाएगा। फॉरेन कैपिटल इन्वेस्टमेंट के रूप में इक्विटी में निवेश करने वाली विदेशी कंपनी के लिए प्रिफरेंश शेयर, डिवेंचर्स, एक्सटर्नल कॉमर्शियल बॉरोइंग, स्टैंड बाई लैटर ऑफ क्रेडिट, लैटर्स ऑफ गारंटी व अन्य डेब्ट सिक्योरिटी को भी शामिल कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, अन्य मोड जो आरबीआई के द्वारा फ्रेमवर्क ऑन एक्सटर्नल कॉमर्शियल बॉरोइंग, ट्रेड क्रेडिट, स्ट्रक्चर्ड ऑब्लीगेशंस के अंतर्गत किए गए 100 करोड़ के विदेशी निवेश की गणना के लिए अर्ह होंगे। विदेशी निवेशक कंपनी द्वारा की गई फॉरेन कैपिटल इन्वेस्टमेंट राशि (जिसमें इक्विटी में न्यूनतम 10 प्रतिशत तथा शेष ऋण व अन्य इंस्ट्रूमेंट के माध्यम से मिलाकर 100 करोड़ रुपए का निवेश) को इस नीति के अंतर्गत पात्र माना जाएगा तथा पूंजी निवेश की गणना में सम्मिलित किया जाएगा।

बिना नॉमिनी भी हो सकेगा ग्रेच्युटी का भुगतान

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश रिटायरमेंट बेनिफिट्स रूल्स 1961 में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। इसके तहत यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु सेवा में रहते हुए अथवा सेवानिर्वत्ति के उपरांत ग्रेच्युटी की धनराशि प्राप्त किए बिना हो जाती है और उसने अपने पीछे कोई परिवार नहीं छोड़ा है और न ही कोई नॉमिनी बनाया है तो ग्रेच्युटी का भुगतान उस व्यक्ति को किया जा सकता है जिसके पक्ष में किसी न्यायालय द्वारा उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रदान किया गया हो। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि पहले कि व्यवस्था में ऐसे व्यक्ति की ग्रेच्युटी की धनराशि सरकार को चली जाती थी।

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