उत्तराखंड
मुसीबत नहीं छोड़ रही रावत का पीछा
देहरादून। सीबीआई ने मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग की जांच की अधिसूचना को वापस करने के कैबिनेट के निर्णय को अस्वीकार कर दिया है। उसने राष्ट्रपति शासन के दौरान स्टिंग प्रकरण की जांच को जारी रखने का निर्णय लिया है। इससे अब कांग्रेस में खलबली मच गई है। केंद्र के इस निर्णय से आने वाले दिनों में सीएम हरीश रावत की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। संभावना है कि अधिसूचना जारी होने के बाद भी सीबीआई जांच जारी रखने के निर्णय को राज्य सरकार अदालत में चुनौती दे सकती है। वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री डॉ. इंदिरा हृदयेश की स्पेशल कैबिनेट ने 15 मई को मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग की जांच सीबीआई से कराने की अधिसूचना वापस लेने का निर्णय लिया था।
मदन बिष्ट के स्टिंग की भी होगी जांच
कैबिनेट ने प्रकरण की जांच राज्य की ओर से गठित एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) से कराने का फैसला लेते हुए एसआईटी के गठन के लिए मुख्य सचिव को अधिकृत किया था। अधिकारियों के मुताबिक, मामले की सीबीआई जांच के संबंध में उत्तराखंड सरकार की ‘अनुमति वापसी’ की अधिसूचना की कानूनी विशेषज्ञों ने जांच की। सूत्रों ने कानूनी राय के हवाले से कहा कि अधिसूचना कानूनी रूप से तर्कसंगत नहीं है, इसलिए सीबीआई ने प्राथमिक जांच जारी रखने का फैसला किया है। सीबीआई के जांच जारी रखने के निर्णय से साफ है कि सीएम हरीश रावत के हार्स ट्रेडिंग के आरोप वाले स्टिंग के अलावा मदन बिष्ट के स्टिंग की जांच भी होगी। ऐसे में आने वाले दिनों में कई कांग्रेस विधायकों से भी पूछताछ हो सकती है।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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