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धरती को चपटा साबित करने के लिए गैराज में बनाया रॉकेट, अंतरिक्ष के लिए भरी उड़ान

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आपको यह जानकर अजीब लग सकता है लेकिन एक शख्स ने खुद के बनाए रॉकेट से ही खुद को आसमान में लॉन्च कर डाला। अमेरिका के कैलिफॉर्निया में रहने वाले 61 वर्षीय माइक हग्स ने यह कारनामा किया। माइक काफी समय से यह साबित करना चाहते थे कि धरती का आकार गोल नहीं बल्कि चपटा है।

माइक ने यह रॉकेट अपने गैराज में तैयार किया था। इसके लिए उन्होंने घर में पड़े कबाड़ से रॉकेट तैयार किया। शनिवार को घर में तैयार इस स्टीम रॉकेट में बैठकर माइक हग्स ने पृथ्वी को चपटी साबित करने की कोशिश में अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी।

1,875 फीट (571 मीटर) की ऊंचाई पर जाकर रॉकेट जवाब दे गया और उसके बाद माइक ने बाहर निकलकर जमीन के लिए छलांग लगा दी। पैराशूट खोलने से पहले माइक ने 350 मील प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरी और वह 1,875 फीट की ऊंचाई तक पहुंचे। इसके बाद उन्होंने मोजावे रेगिस्तान में लैंड किया। हैरानी की बात है कि माइक को इस दौरान कोई चोट नहीं आई है और वह पूरी तरह से सुरक्षित हैं।

हग्स का लक्ष्य लॉन्च के जरिए धरती से मीलों दूर पहुंचना है, जहां से वह एक ऐसी तस्वीर खींच सकें जो पृथ्वी के आकार को लेकर उनकी थ्योरी को साबित कर सके। माइक ने पहला मानव चलित रॉकेट साल 2014 में बनाया था जो एक चौथाई मील उडऩे में कामयाब रहा था।

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ऑफ़बीट

बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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