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गर्भपात पर SC का अहम फैसला- ऐसा करना माना जा सकता है रेप

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Muslim side also got a blow from SC in Shri Krishna Janmabhoomi dispute

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नई दिल्ली। गर्भपात के नियमों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज गुरुवार को अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा किसी विवाहित महिला को जबरन प्रेगनेंट करना मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी ऐक्ट के तहत रेप माना जा सकता है। कोर्ट ने एक केस की सुनवाई करते हुए यह बात कही।

बता दें कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी ऐक्ट के तहत गर्भपात के नियमों को तय किया गया है। इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि विवाहित महिला की तरह ही अविवाहित युवतियां भी बिना किसी की मंजूरी के 24 सप्ताह तक गर्भपात करा सकती हैं। अदालत ने इस दौरान साफ तौर पर कहा कि विवाहित हो या फिर अविवाहित महिला सभी को सुरक्षित अबॉर्शन का अधिकार है।

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क्या कहता है मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट?

महिला की सुरक्षा सबसे अहम

1971 में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट बनाया गया है और इसके तहत तमाम प्रावधान किए गए हैं।

इस कानून के तहत 20 हफ्ते तक की प्रेग्नेंसी को महिला के वेलफेयर को देखते हुए डॉक्टर की सलाह से टर्मिनेट किया जा सकता है।

20 हफ्ते से ऊपर के गर्भ के मामले में कोर्ट की इजाजत से ही गर्भपात कराया जा सकता है।

अगर गर्भ के कारण महिला की जान को खतरा हो तो उसका गर्भपात हो सकता है।

इसके विपरीत अगर गर्भपात कराने से महिला की जान को खतरा हो जाए तो गर्भपात की इजाजत नहीं मिलती। महिला के जान की हिफाजत को सबसे अहम माना गया है।

महिला के गर्भ में पल बच्चा विकलांगता का शिकार हो, तो गर्भपात हो सकता है, लेकिन ये कोर्ट तय करेगा कि गर्भ में बच्चे की क्या स्थिति है।

अगर महिला शारीरिक या मानसिक तौर पर बच्चा पैदा करने की स्थिति में न हो और जान का खतरा हो तो गर्भपात नहीं कराया सकता है।

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नेशनल

महाराष्ट्र सरकार ने 12 आईएएस अधिकारियों का किया तबादला

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मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को 12 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया। इसके तहत आईएएस अधिकारी अंबलगन पी को उद्योग सचिव और हर्षदीप कांबले को मुंबई नागरिक परिवहन उपक्रम (BEST) का महाप्रबंधक बनाया गया है। इसी तरह कुल 12 आईएएस अधिकारियों के तबादले किये हैं। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 1990 बैच के आईएएस अधिकारी अनिल दिग्गिकर, जो BEST महाप्रबंधक (जीएम) थे, उनको मुंबई में दिव्यांग कल्याण विभाग, मंत्रालय (राज्य सचिवालय) में अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में तैनात किया गया है। वर्ष 1997 बैच के अधिकारी हर्षदीप कांबले बीईएसटी में दिग्गिकर का स्थान लेंगे। इससे पहले कांबले उद्योग, ऊर्जा और श्रम विभाग के प्रमुख सचिव (उद्योग) थे।

इन अधिकारियों का भी तबादला

बयान के अनुसार, संयुक्त आयुक्त (राज्य कर) वनमती सी को वर्धा में कार्डिले के स्थान पर भेजा गया है। चंद्रपुर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) संजय पवार वनमती का स्थान लेंगे। नागपुर के आयुक्त (कपड़ा) अविश्यंत पांडा गढ़चिरौली जिला के नये कलेक्टर होंगे। इसमें बताया गया कि विवेक जॉनसन (वर्ष 2018 बैच) चंद्रपुर में पवार की जगह लेंगे। पुणे मंडल के उपायुक्त (राजस्व) अन्नासाहेब दादू चव्हाण को मुंबई स्थानांतरित कर दिया गया है, जहां वह महात्मा फुले जियावंदई आरोग्य योजना सोसाइटी के सीईओ का पद संभालेंगे। बयान में कहा गया है कि गोपीचंद मुरलीधर कदम (राज्य सिविल सेवा से आईएएस कैडर में पदोन्नत) को सोलापुर में स्मार्ट सिटी के सीईओ के रूप में तैनात किया गया है।

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