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भारतीय नृत्यों में विदेशियों का रुझान बढ़ा है : बिरजू महाराज

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नई दिल्ली| 77 वर्ष की उम्र में भी बेजोड़ कथक नृत्य करते और अन्य नर्तकों का मार्गदर्शन करते भारत के प्रख्यात कथक नर्तक बिरजू महाराज का कहना है कि उन्हें सरकार की 60 साल की उम्र में सेवानिवृत्ति की नीति समझ नहीं आती। उन्हें लगता है कि 1998 में राज्य सरकार द्वारा संचालित शास्त्रीय नृत्य के स्कूल ‘कथक केंद्र’ के प्रमुख के पद से सेवामुक्त होने के बाद उन्होंने ज्यादा काम किया है।

सेवानिवृत्त होने के बाद अपने डांस स्कूल ‘कलाश्रम’ के माध्यम से वह अपना नृत्य कौशल नृत्य के शौकीनों को सिखा रहे हैं।  बिरजू महाराज ने कहा, “जब गुरुओं को काफी अनुभव हो जाता है तो सरकार कहती है कि हम सेवानिवृत्त हो गए हैं, लेकिन मैने सेवानिवृत्त होने के बाद और ज्यादा काम किया है।” केवल 13 वर्ष की उम्र में एक नृत्य संस्थान में नृत्य सिखाने की शुरुआत करने वाले बिरजू महाराज का कहना है, “सरकारी कथक केंद्र से सेवानिवृत्त होने से पूर्व मैंने महसूस नहीं किया था कि वह मेरा स्कूल नहीं है।”

वाराणासी के निकट एक छोटे से गांव के कथक घराने में जन्मे बिरजू महाराज की सात पीढ़ियां कथक से जुड़ी थीं। उन्होंने अपने चाचा शंभू महाराज के साथ भारतीय कला केंद्र में भी नृत्य सिखाया, जिसे बाद में कथक केंद्र के नाम से जाना जाने लगा। उनका कहना है, पिछले कुछ सालों में भारतीय फिल्म उद्योग में पश्चिमी नृत्य शैलियों की अचानक आई बाढ़ के कारण और जैज, हिपहॉप और अन्य पश्चिम नृत्यों के स्कूल खुलने के कारण भारतीय शास्त्रीय नृत्य थोड़ा पिछड़ गया था, लेकिन भारतीय शास्त्रीय नृत्य के प्रति रुझान फिर से पैदा हो रहा है।

दिग्गज कथक नर्तक ने कहा, “मुझे खुशी है कि विदेशों में लोग अब अपनी नृत्य शैलियों से ऊब चुके हैं और ज्यादा से ज्यादा विदेशी कुचिपुड़ी, ओडिसी, कथक जैसे भारतीय शास्त्रीय नृत्य सीखने आ रहे हैं। फिर से हमारी नृत्य शैलियों का सम्मान किया जा रहा है।” गुरु-शिष्य परंपरा के प्रबल समर्थक बिरजू महराज ने बदलाव को स्वीकार करते हुए नृत्य के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण को भी सही ठहराया।  यहां तक कि उन्होंने प्रशिक्षित कथक नृत्यांगना और बॉलीवुड अभिनेत्री माधुरी दीक्षित के साथ 2013 में उनके ऑनलाइन डांस स्कूल के लिए समन्वय भी किया था।

पद्म विभूषण से सम्मानित बिरजू महाराज ने कहा, “ऑनलाइन सीखने के बाद जब भी आप और बारीकी से नृत्य सीखना चाहें तो आप लाइव कक्षाओं में सीख सकते हैं।” उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, कालीदास सम्मान और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की मानद डिग्री जैसे कई अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है।

लाइव कक्षा में गुरु के महत्व की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा, “गुरु आपकी मुद्राओं को सुधारता है और आपको बेहतर ढंग से सिखाता है। आप ऑनलाइन और लाइव कक्षाओं की तुलना नहीं कर सकते। ऑनलाइन एक अच्छा तरीका है, लेकिन सही ढंग से सीखने के लिए कक्षा और गुरु का होना बेहद जरूरी है।” विश्वभर में विभिन्न मंचों पर प्रस्तुति दे चुके बिरजू महाराज ने सत्यजित रे की ‘शतरंज के खिलाड़ी’, माधुरी दीक्षित अभिनीत ‘डेढ़ इश्किया’ और संजय लीला भंसाली की ‘देवदास’ जैसी कई फिल्मों में भी नृत्य निर्देशन किया है। उन्होंने हाल ही में आई फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी’ में ‘मोहे रंग दो लाल’ में दीपिका पादुकोण का नृत्य भी निर्देशित किया है।

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गदर जैसी हिट फिल्मों में अभिनय कर चुके टोनी मीरचंदानी का निधन

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मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता टोनी मीरचंदानी का आज सोमवार को स्वास्थ्य समस्याओं के चलते अभिनेता का निधन हो गया। बता दें अभिनेता टोनी ‘कोई मिल गया’ और ‘गदर’ जैसी फिल्मों से दर्शकों के बीच मशहूर हुए थे। अभिनेता के निधन से सिनेमा जगत में मातम छाया हुआ है। दिवंगत अभिनेता के परिवार में उनकी पत्नी रमा मीरचंदानी और बेटी श्लोका मीरचंदानी हैं।

गदर जैसी हिट फिल्मों में कर चुके है अभिनय

टोनी मीरचंदानी ने फिल्मों के अलावा टीवी शो में भी काम किया है। वह एक मल्टी टैलेंटेड एक्टर थे। ‘कोई मिल गया’ में उनके रोल को दर्शकों ने खूब सराहा था। ‘गदर’ से भी उन्होंने दर्शकों के मन पर गहरी छाप छोड़ी। एक्टर का काम कला के प्रति उनके जुनून को दर्शाता था। वह टीवी जगत के भी एक लोकप्रिय अभिनेता थे। उन्होंने कई शो में काम किया। उन्हें स्क्रीन पर बेहतरीन किरदार निभाने में महारत हासिल थी जो एक एक्टर के तौर पर उनकी काबिलियत को बयां करता था। वह अक्सर सेट पर नए एक्टर्स को सलाह देते थे, जिसका खुलासा उनके को-एक्टर्स ने कई इंटरव्यू में किया था।

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