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प्रादेशिक

यूपी की व्यावसायिक और प्राविधिक शिक्षा के क्षेत्र में अभिनव पहल, लाइटहाउस आईटीआई व पालीटेक्निक योजना शीघ्र होगी शुरू

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लखनऊ। व्यावसायिक और प्राविधिक शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वाकांक्षी पहल करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार विशिष्ट विशेषताओं वाले लाइटहाउस पॉलीटेक्निक और आईटीआई स्थापित कर रही है और शीघ्र ही ये क्रियाशील भी हो जाएंगे। शिक्षा क्षेत्र के सभी विभागों द्वारा दी गई कार्य योजना के अनुसार आगामी 100 दिनों में आधुनिक प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम का संचालन शुरू हो जाएगा। इन विषयों में सम्मिलित ड्रोन टेक्नॉलजी, साइबर सिक्युरिटी, डाटा साइंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, सौर ऊर्जा आदि से संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रारंभ किया जाएगा।

वहीं आगामी 6 माह में 5 लाइटहाउस आईटीआई स्थापित होंगे, जिनमे कई विशेषताएँ होंगी। प्रदेश में वर्तमान में संचालित 15 से 20 सरकारी आईटीआई को भी लाइटहाउस आईटीआई के रूप में विकसित किया जाएगा जो संबंधित ट्रेड हेतु अन्य संस्थानों के लिए प्रेरणास्त्रोत बेंचमार्क होंगे। इनमें विशिष्ट कौशल या मांग के अनुरूप, किन्ही भी एक या दो ट्रेड का उच्चीकरण किया जाएगा। इन ट्रेड का चयन अध्ययन करके व विशेषज्ञों के साथ परामर्श के बाद किया जाएगा। इन लाइटहाउस आईटीआई को स्वच्छ और ऊर्जा संरक्षित करने हेतु हरित कैंपस बनाया जाएगा, इनमे दिव्यांग जन हेतु विशेष व्यवस्था होगी, उद्योगों की सहभागिता व शत प्रतिशत प्लेसमेंट सुनिश्चित किया जाएगा और ट्रेड, इंफ्रास्ट्रक्चर, व प्रशिक्षण राष्ट्रीय व अंतर राष्ट्रीय मापदंड के अनुरूप होगा। साथ ही, इसी अवधि में आठ नए राजकीय आई टी आई को पीपीपी मॉडल पर भी क्रियाशील किया जाएगा।

प्रदेश में वर्तमान में 304 राजकीय और 2963 निजी आई टी आई हैं, जिनकी प्रशिक्षण क्षमता, क्रमशः, , 1,72,352, और 4,58,243 है।
प्राविधिक शिक्षा के अंतर्गत डिप्लोमा सेक्टर में वर्तमान में 149 राजकीय, 19 अनुदानित, 1266 निजी व 7 अन्य पॉलीटेक्निक संस्थान कार्यशील हैं। इनकी प्रवेश क्षमता राजकीय में 36,879, अनुदानित में 10,464, अन्य में 656, और निजी में 1 लाख 76 हजार 436 है। आगामी 6 महीनों में 10 लाइटहाउस पालीटेक्निक परियोजना का प्रारंभ होगा। यह अखिल भारतीय प्राविधिक शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और एनबीए मानक के अनुरूप सेंटर ऑफ एक्सेलेन्स के रूप में विकसित किये जाएंगे। इनमें यहाँ खेलकूद, जीवन कौशल, और व्यक्तित्व विकास के मॉड्यूल आउटसोर्स किये जाएंगे; नवीन प्रोद्योगिकी एवं उद्योग आधारित पाठ्यक्रम, चलाए जाएंगे और छात्राओं के लिए विशेष प्रबंध होगा। इनका कैंपस पूर्ण रूप से डिजिटल, क्लीन और ग्रीन होगा जिसमे सौर ऊर्जा का प्रयोग होगा। इन विशिष्ट पालीटेक्निक में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय यूनिवर्सिटी से छात्र और शिक्षक एक्सचेंज प्रोग्राम चलाए जाएंगे और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संस्थानों द्वारा शिक्षण और प्रशिक्षण दिया जाएगा।

प्रदेश सरकार द्वारा व्यावसायिक व प्राविधिक शिक्षा को रोजगार परक और आवश्यकताओं के अनुसार उनका आधुनिकीकरण करने की पहल जारी है। ऐसा अनुमान है कि आगामी पाँच वर्षों में 10 लाख युवाओं का व्यावसायिक प्रशिक्षण पूर्ण किया जाएगा और प्रदेश में स्किल यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाएगी। इसी अवधि में समस्त पाठ्यक्रमों के लिए ई-कंटेन्ट भी उपलब्ध हो जाएगा।

उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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