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जेलमंत्री की पहल पर हटाए गए आईजी जेल

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उत्‍तर प्रदेश कारागार विभाग, अवैध वसूली का मामला, प्रभारी आईजी जेल, जेलमंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया

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उत्‍तर प्रदेश कारागार विभाग, अवैध वसूली का मामला, प्रभारी आईजी जेल, जेलमंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया

balwant singh ramuwalia

खत्म हुआ जेलों में व्याप्त जंगलराज!

राकेश यादव

लखनऊ। प्रदेश कारागार विभाग में तबादलों को लेकर की जा रही अवैध वसूली का मामले का खुलासा आखिरकार हो ही गया। प्रोन्नति पाए अफसरों से मुंहमांगी रकम लेकर मनमाफिक स्थानों पर तैनाती किए जाने से नाराज जेलमंत्री ने अवैध वसूली को लेकर विभागीय अफसरों में चर्चा का विषय बने प्रभारी आईजी जेल के हटाए जाने पर जेल अफसरों के चेहरे खिल गए।

पूर्व प्रभारी आईजी जेल की मनमाफिक तैनातियों से जेलों की व्यवस्थाएं पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गई थी। हकीकत यह है कि अवैध वसूली नहीं देने वाले प्रोन्नति प्राप्त कई अधिकारियों को अभी तक तैनाती नहीं मिल पाई हैं।

प्रदेश में वर्तमान समय में 72 जेल हैं। इसमें 66 जिला जेल और छह केंद्रीय कारागार है। जिला जेल में विचाराधीन बंदियों और केंद्रीय कारागार में सजायापता कैदियों को रखा जाता है। इन जेलों में करीब 90 हजार से अधिक कैदी बंद है।

इन कैदियों को नियंत्रित करने के लिए प्रदेश कारागार विभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या काफी कम है। अधिकारियों की कमी को पूरा करने के लिए शासन ने पिछले दिनों विभाग में अधीक्षक से वरिष्ठ अधीक्षक पद पर और जेलर से अधीक्षक पद पर प्रोन्नति प्रदान करने के लिए अलग-अलग विभागीय प्रोन्नति कमेटी की बैठक की।

सितंबर 15 में अधीक्षक से वरिष्ठ अधीक्षक पद पर हुई प्रोन्नति में वीके सिंह, एके सिंह, पीएन पांडे, एसएल यादव, एसपी यादव, सेवाराम चैधरी और पीके शुक्ला को वरिष्ठ अधीक्षक पर प्रोन्नति किया गया। दिसबंर 15 में इसी प्रकार जेलर से अधीक्षक पद पर एके सिंह, पीपी सिंह, डीसी मिश्रा, अकरम खान, केपी त्रिपाठी, बीडी पांडे, राजकिशोर सिंह और वीके सिंह को प्रोन्नति प्रदान की गई।

सू़त्रों का कहना है कि वरिष्ठ अधीक्षक पद पर प्रोन्नति पाए सात अधिकारियों में मात्र एक अधिकारी पीएन पांडे पर नौ माह के बाद सेंटल जेल बरेली में तैनात किया गया है जबकि शेष अभी भी पुरानी जेलों पर ही सेवा दे रहे है।

इसी प्रकार अधीक्षक पद पर प्रोन्नति पाए वाराणसी में बवाल के बाद बीडी पांडे को तैनात किया गया, करीब एक सप्ताह पूर्व अकरम खान, एके सिंह व केपी त्रिपाठी को तैनाती दी गई बाकि अधिकारियों को अभी तैनाती का इंतजार है।

सूत्र बताते है कि जेल अफसरों में तैनाती को लेकर जमकर धनउगाही की जा रही है मोटी रकम देने वाले अधिकारियों को तो तैनाती मिल गई जिन्होंने नहीं दिया वह तैनाती की प्रतीक्षा में बैठे है। इन्हीं तबादलों को लेकर जेलमंत्री व प्रभारी आईजी जेल के बीच टकराव हो गया।

टकराव को बाहुबली विघायक मुख्तार के जेल तबादले से जोड़कर नया रंग देने की तैयारी की जा रही थी। इसी बीच जेलमंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया की पहल पर शासन ने आनन-फानन में प्रभारी आईजी जेल को हटाए जाने की सिफारिश की। शासन ने इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें हटा दिया।

प्रभारी आईजी जेल के हटाए जाने पर जेल प्रशासन के अफसरों में खुशी की लहर दौड़ गई है। चर्चा है कि इनके जाने के बाद अवैध वसूली से राहत मिलने के साथ जेलों की व्यवस्था भी पटरी पर आ जाएगी।

 

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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