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आध्यात्म

आत्‍मज्ञान के पश्‍चात् भक्ति से ही ब्रह्मज्ञान होता है

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kripalu ji maharaj

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ज्ञानी अरु योगी जबै, कृष्‍ण-भक्ति उर आन।

कृष्‍ण कृपा ते ही तबै, पावे ब्रह्म ज्ञान।। 27।।

भावार्थ- ज्ञानी एवं योगी, श्रीकृष्‍ण भक्ति के द्वारा ही ज्ञान प्राप्‍त कर सकते हैं। ब्रह्म अकर्ता है।

व्‍याख्‍या- पूर्णज्ञानी एवं पूर्णयोगी भी जब तक श्रीकृष्‍ण भक्ति नहीं करता, तब तक मोक्ष नहीं प्राप्‍त हो सकता। वस्‍तुतः ज्ञानी आदि साधना से अहं तत्‍त्‍व का भेदन तो कर सकते हैं। किन्‍तु महान् एवं प्रकृति का भेदन केवल श्रीकृष्‍ण कृपा से ही होता है। और कृपा प्राप्ति के हेतु भक्ति ही एकमात्र उपाय है।

जैसा कि पूर्व में बता चुके हैं। ज्ञान एवं योग के अधिकारित्‍व में ही बड़ी- बड़ी शर्तें हैं। फिर मार्ग में भी नाना विघ्‍न हैं। फिर यदि हम उस मार्ग के अन्तिम लक्ष्‍य तक पहुँच भी जायँ तो आत्‍यन्तिक दुःख निवृत्ति एवं परमानन्‍द प्राप्ति का लक्ष्‍य नहीं प्राप्‍त हो सकता है। फिर नित्‍य दासत्‍व आदि प्राप्‍त करने का तो प्रश्‍न ही नहीं उठता। उद्धव ने स्‍वयं कहा है। यथा-

सुदुश्‍चरामिमांमन्‍ये योगचर्यामनात्‍मनः।

यथाञ्जसा पुमान् सिद्धयेत् तन्‍मे ब्रू ह्यञ्जसाच्‍युत।।

(भाग. 11-29-1)

अर्थात् आत्‍मज्ञान के पश्‍चात् भक्ति से ही ब्रह्मज्ञान होता है। आत्‍मज्ञानी का पतन अवश्‍यंभावी है। अतः भागवत-

येऽन्‍येऽरविन्‍दाक्ष विमुक्‍तमानिनस्‍ त्‍वय्यस्‍तभावादविशुद्धबुद्धयः।

(भाग. 10-2-32)

मार्कण्‍डेय पुराण-

ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा।

बलादाकृष्‍य मोहाय महामाया प्रयच्‍छति।।

(मार्कण्‍डेय पुराण)

मेरी राय में तो सम्‍यक् अन्‍तःकरणशुद्धि भी भक्ति के बिना असंभव है। यथा भागवत-

धर्मः सत्‍यदयोपेतो विद्या वा तपसान्विता।

मद्भक्‍ त्‍यापेतमात्‍मानं न सम्‍यक् प्रपुनाति हि।।

(भाग. 11-14-22)

शंकर ने भी कहा है-

शुद्धयति हि नान्‍तरात्‍मा कृष्‍णपदाम्‍भोज भक्तिमृते।

(शंकराचार्य)

अन्‍तःकरण शुद्धि हो भी जाय तो मायानिवृत्ति तो कृपा साध्‍य ही है। अतः भागवत में उद्धव परमहंस कहते हैं। यथा-

अथात आनन्‍ददुघं पदाम्‍बुजं हंसाः श्रयेरन्‍ नरविन्‍दलोचन।

सुखं नु विश्‍वेश्‍वेर योगकर्मभिस्‍ त्‍वन्‍माययामी विहता न मानिनः।।

(भाग. 11-29-3)

अर्थात् ज्ञान एवं योग से हमारा लक्ष्‍य ही न प्राप्‍त होगा।

राधे राधे राधे राधे राधे राधे

 

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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