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लोकसभा चुनाव : पांचवें चरण की 49 सीटों पर वोटिंग जारी, कई दिग्गजों की किस्मत का होगा फैसला
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के लिए आज मतदान हो रहा है। वोटिंग सुबह सात बजे शुरू हुई। मतदाता अपने मत का प्रयोग शाम 6 बजे तक कर पाएंगे। पांचवें चरण में कुल 8 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 49 लोकसभा सीटों के लिए वोट डाले जा रहे हैं। पांचवें चरण में कुल 695 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। इनमें 82 महिला प्रत्याशियों के नाम भी शामिल हैं. पांचवें चरण में 9 करोड़ वोटर अपना सांसद चुनेंगे। पांचवें चरण में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत कई दिग्गजों के भाग्य का फैसला होगा।
लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में उत्तर प्रदेश की 14 लोकसभा सीटों के लिए आज वोट डाले जा रहे हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंक्षी ब्रजेश पाठक भी मतदान करने पहुंचे। उन्होंने लखनऊ के एक मददान केंद्र पर वोट डाला. मतदान के बाद उन्होंने लोगों से वोट डालने की अपील की। उन्होंने कहा, “मैं सभी मतदाताओं से अपील करता हूं कि वे विकसित भारत के संकल्प के लिए आएं. हम अमेठी और रायबरेली सहित राज्य की सभी 80 सीटें जीत रहे हैं।
बता दें कि लखनऊ सीट पर बीजेपी 1991 से लगातार जीत रही है। यहां से अटल बिहारी वाजपेयी 5 बार सांसद रहे। इसके अलावा विजयलक्ष्मी पंडित, शीला कौल भी सांसद रहीं. इस सीट से 1977 में हेमवती नंदन बहुगुणा चुनाव जीते. 2014 और 2019 में राजनाथ सिंह ने लखनऊ से जीत हासिल की। वे इस बार भी मैदान में हैं।
केंद्रीय मंत्री और मुंबई नॉर्थ से बीजेपी उम्मीदवार पीयूष गोयल मुंबई के पोलिंग बूथ पर वोट डालने पहुंचे। उधर, रायबरेली से बीजेपी उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह ने भी वोट डाला। उधर, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास भी परिवार के साथ मुंबई में वोट डालने पहुंचे।
उत्तर प्रदेश
संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट
संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.
कैसे भड़की हिंसा?
24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.
दावा क्या है?
हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.
किस आधार पर हो रहा है दावा?
दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.
किस आधार पर हो रहा है विरोध?
अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
संभल का धार्मिक महत्व
शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.
इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.
धार्मिक विश्लेषण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.
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