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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ-2025: प्रयागराज में जल्द ही डिजिटल कुंभ म्यूजियम बनाएगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में दिव्य भव्य महाकुंभ 2025 को सफल बनाने के लिए प्रयासरत योगी सरकार एक अहम पहल करने जा रही है। सीएम योगी के विजन अनुसार, प्रयागराज में पर्यटन विभाग ‘डिजिटल कुंभ म्यूजियम’ बनाने की तैयारी में है जहां श्रद्धालु डिजिटल माध्यमों से समुद्र मंथन देख सकेंगे। इसके अलावा, कुंभ, महाकुंभ सहित अन्य धार्मिक-आध्यात्मिक स्थलों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से विकास करने वाले उत्तर प्रदेश के लिए महाकुंभ- 2025 अवसर और चुनौती दोनों है। ऐसे में, पर्यटन विभाग श्रद्धालुओं को विशिष्ट अनुभव देने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में प्रयागराज में शिवालय पार्क के पास, अरैल रोड नैनी में डिजिटल कुंभ म्यूजियम बनेगा। इसके लिए 21.38 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं, जिसमें छह करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं। संग्रहालय का आकार 10,000 वर्ग मीटर होगा, जिसमें एक साथ 2000 से 2500 लोग भ्रमण कर सकेंगे। यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।

समुद्र मंथन के 14 रत्नों की बनेगी गैलरी

सीएम योगी के विजन अनुसार, परियोजना के अंतर्गत डिजिटल म्यूजियम में समुद्र मंथन की 14 रत्नों वाली गैलरी बनाई जाएगी। डिजिटल माध्यम से समुद्र मंथन के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। डिजिटल स्क्रीन सहित अन्य माध्यमों से प्रयागराज महाकुंभ-कुंभ, हरिद्वार,नासिक, उज्जैन कुंभ आदि के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। इसके अलावा, लैंडस्केपिंग विकसित की जाएगी। टिकट काउंटर भी बनाया जाएगा।

वन स्टॉप सॉल्यूशन की तरह कार्य करेगा चित्रकूट टूरिज्म एप

उत्तर प्रदेश में स्थित वह पावन तीर्थस्थल जहां पर मर्यादापुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने अपने वनवास का लगभग 11 वर्ष व्यतीत किया। अगर वहां आप घूमना चाहते हैं तो मोबाइल में चित्रकूट टूरिज्म ऐप इंस्टाल कीजिए। यहां दर्शनीय स्थलों का नाम, महत्व, दर्शन के समय समेत समग्र जानकारी मिल जाएगी। इतना ही नहीं आप कैसे पहुंचेंगे, कहां रुक सकते हैं यह सब एप बताएगा। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि पर्यटकों की सुविधा देखते यह एप विकसित किया गया है। ऐप खोलते ही दर्शनीय स्थलों का नाम और वहां की डिटेल दिखेगी। जैसे रामघाट पर क्लिक करते ही भ्रमण का समय, स्थान का महत्व व इतिहास, तापमान, शहर से दूरी सहित अन्य जानकारी आ जाएगी। इसी तरह अन्य स्थलों की जानकारी भी उपलब्ध है। इसी तरह फेस्टिवल व इवेंट पर क्लिक करने पर महाकुंभ, चित्रकूट महोत्सव, रामनवमी, राष्ट्रीय रामायण मेला आदि की विस्तार से जानकारी दी गई है। महाकुंभ में विशेष स्नान की तिथियां, महत्व आदि के बारे सूचना दी गई है। इसके अलावा स्थानीय प्रसिद्ध खानपान, शापिंग आदि के बारे में बहुत ही गहरी जानकारी दी गई है। ऐप पर कनेक्टिविटी, ठहरने के स्थल समेत नजदीकी पेट्रोल पंप व एटीएम का विवरण भी उपलब्ध होगा।

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उत्तर प्रदेश

फसल कटाई के दौरान राजस्व कर्मियों की कहीं और नहीं लगाई जाएगी ड्यूटी

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लखनऊ। खरीफ फसलों की कटाई के समय को नजदीक देखते हुए योगी सरकार की ओर से सभी जिलाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। इसमें विशेष तौर पर निर्देश दिया गया है कि फसल कटाई अवधि के दौरान राजस्व कर्मियों को अन्य ड्यूटी में न लगाया जाए। सिर्फ विशेष परिस्थितियों में ही ऐसा किया जा सकेगा, जिसका कारण बताना अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त उपजिलाधिकारी और तहसीलदारों को फसल कटाई प्रयोगों के संपादन की समीक्षा का भी निर्देश जारी किया गया है।

निर्देशों के क्रम में कहा गया कि सभी जनपदों में कृषि, राजस्व एवं विकास विभाग के अधिकारियों को 15 प्रतिशत अनिवार्य निरीक्षण के लिए नामित किया जाए। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत इंपैनल्ड बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों द्वारा भी 30 प्रतिशत क्रॉप कटिंग प्रयोगों का अवलोकन कराने के निर्देश दिए गए। वहीं, फसल कटाई के बाद पोर्टल पर कटाई प्रयोगों का परीक्षण कर ही उपज तौल अनुमोदित किया जाए।

हाल ही में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के समक्ष हुए प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि सीसीई एग्री एप के माध्यम से खरीफ 2022 से भारत सरकार के निर्देशानुसार आवश्यक रूप से 100 प्रतिशत क्राप कटिंग लागू है। फसल बीमा में ली गयी फसलें खरीफ – धान, मक्का, बाजरा, ज्वार, उर्द, मूँग, तिल, मूँगफली, सोयाबीन व अरहर (10 फसलें) और रबी- गेहूँ, जौ, चना, मटर, मसूर, लाही-सरसों, अलसी व आलू (08 फसलें) सम्मिलित हैं। सीसीई एग्री ऐप से क्राप-कटिंग कराने हेतु राजस्व परिषद, उ०प्र० से निर्देश जारी किए जा चुके हैं। रबी 2023-24 में 86.09% प्रयोग सीसीई एग्री ऐप से संपादित कराये गये। वहीं जीसीईएस ऐप पर रबी 2023-24 से लागू है। जीसीईएस में ली गयी फसलें -खरीफ धान, मक्का, बाजरा, ज्वार, उर्द, मूँग, तिल, मूँगफली, सोयाबीन व अरहर (10 फसलें) और रबी-गेहूँ, जौ, चना, मटर, मसूर, लाही-सरसों, अलसी व आलू (08 फसलें) शामिल हैं। रबी 2023-24 में 13,388 क्राप कटिंग प्रयोग नियोजित हुए, जबकि 88% क्राप कटिंग प्रयोग जीसीईएस ऐप से संपादित कराए गए। इसी तरह खरीफ 2024 में 13,654 प्रयोग नियोजित कराए गए।

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