प्रादेशिक
बर्बाद होने का शख्स ने 10 साल बाद लिया बदला, गोलियों से किया छलनी, कसूर था ड्यूटी निभाना
नई दिल्ली। पंजाब के एसएएस जिले के खरड़ कस्बे से दिलदहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक महिला ड्रग इंस्पेक्टर पर उसके ऑफिस में घुसकर एक शख्स ने ताबड़तोड़ 4 गोलियां बरसा दीं।
बाद में पकड़े जाने के डर से खुद को भी गोली मार ली। घटना शुक्रवार सुबह करीब साढ़े 11 बजे की है। हत्या के पीछे का कारण पुरानी रंजिश बताया जा रहा है।
रोजाना की तरह शुक्रवार को डॉक्टर नेहा, ऑफिस की दूसरी मंजिल पर रूम नंबर-211 में काम कर रही थीं। शुक्रवार करीब 11:30 बजे लाल रंग की टी-शर्ट पहने बलविंदर अंदर आया और कुछ बात करने के बाद डॉक्टर पर गोलियां बरसा दीं। गोलियां नेहा की बाजू व छाती पर लगीं। बलविंदर के बैग से एक चाकू, 12 बुलेट व रिवॉल्वर का लाइसेंस मिला।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बलविंदर और डॉक्टर के बीच 10 साल पुरानी रंजिश थी। साल 2009 में बलविंदर का रूपनगर जिले के मोरिंडा में मेडिकल स्टोर था। 29 सितंबर 2009 को तत्कालीन ड्रग इंस्पेक्टर डॉक्टर नेहा शौरी ने छापेमारी कर 35 प्रकार की प्रतिबंधित दवाएं पाईं थीं और दुकान सील कर लाइसेंस रद्द कर दिया था।
दुकान सील होने के बाद बलविंदर ने मोरिंडा में ही अस्पताल खोला। लेकिन पिछले साल डॉक्टर नेहा ने यहां चेकिंग की और डॉक्यूमेंट पूरे न होने पर अस्पताल भी बंद करवा दिया। उसके बाद बलविंदर को नौकरी के लिए मजबूर होना पड़ा। अपनी इस खराब हालत का जिम्मेदार वह डॉक्टर नेहा को मानता था।
कहा जाता है कि ड्रग इंस्पेक्टर डॉक्टर नेहा सख्त मिजाज अफसर थीं। केमिस्टों में उनकी रेड को लेकर हमेशा खौफ बना रहता था। आरोपी के करीबियों ने बताया कि बलविंदर ने 20 दिन पहले ही रिवॉल्वर खरीदी थी। निशाना न चूके इसलिए नहर के किनारे गोली चलाने की प्रैक्टिस भी कर चुका था।
इससे पता चलता है कि उसने कई दिन पहले ही अफसर को मारने का प्लान बना लिया था। बलविंदर की दुकान का जब लाइसेंस रद्द किया गया तो उसके बाद उसने कई काम किए। अस्पताल भी खोला तो वह भी सील कर दिया गया। इसके बाद वह आर्थिक तौर पर काफी कमजोर हो गया और परेशान रहने लगा था।
उत्तर प्रदेश
जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियों का एक्सीडेंट, बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत
नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे पर रविवार सुबह करीब 5 बजे भीषण हादसा हो गया। इस हादसे में जगतगुरु कृपालु जी महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई। इसके अलावा उनकी दो बेटियां गंभीर रूप से घायल हैं। घायल दोनों बेटियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है। हादसे के बाद जगतगुरु कृपालु परिषत की ओर से शोक संदेश भी जारी किया गया है। संदेश जारी करने के बाद भक्तों द्वारा इस घटना को लेकर दुख व्यक्त किया जा रहा है।
दिल्ली जाते समय हुआ हादसा बताया जा रहा है कि मथुरा से जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियां डॉ. विशाखा त्रिपाठी, डॉ. कृष्णा त्रिपाठी और डॉ. श्यामा त्रिपाठी कार से दिल्ली एयरपोर्ट जाने के लिए निकलीं थीं। उनके साथ आश्रम से जुड़े अन्य लोग भी मौजूद थे। दिल्ली एयरपोर्ट से उनको फ्लाइट पड़कर सिंगापुर जाना था। कार यमुना एक्सप्रेसवे पर दनकौर कोतवाली क्षेत्र में पहुंची थी। इसी दौरान तेज रफ्तार की एक डीसीएम ने आगे चल रही दोनों कारों में टक्कर मार दिया। टक्कर लगने के बाद कार क्षतिग्रस्त हो गईं।
हादसे में बड़ी बेटी का निधन
हादसे में कृपालु जी की बड़ी बेटी 65 साल की डॉ. विशाखा त्रिपाठी का निधन हुआ है. हादसा दो छोटी बेटियों, डॉ. श्यामा त्रिपाठी व डॉ. कृष्णा त्रिपाठी की हालत गंभीर बताई जाती जा रही है. सभी घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. सिंगापुर जाने के लिए तीनों बहनें फ्लाइट पकड़ने एयरपोर्ट के लिए जा रही थीं.
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