प्रादेशिक
मिशन शक्ति अभियान के तीसरे चरण के तहत चार माह में 28.32 लाख से अधिक लोगों को किया गया जागरूक
लखनऊ। महिला एवं बाल विकास विभाग और बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से मिशन शक्ति अभियान के तीसरे चरण के तहत महज चार माह में 28 लाख 32 हजार से अधिक लोगों को जागरूक किया जा चुका है। विभाग की ओर से लगातार प्रदेश में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
महिलाओं और बच्चों के प्रति हिंसा से जुड़े विभिन्न कानूनों व प्रावधानों के बारे में लोगों जागरूक करने का कार्य सभी जिलों में किया जा रहा है। जिसमें महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, नशे में मारपीट, तस्करी, बाल विवाह,भेदभाव, बालश्रम अन्य शोषणों के विरूद्ध विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
विभाग की ओर से सात अगस्त 2021 से लेकर 25 नवंबर तक 12,18,181 बालकों, 16,09238 महिलाओं व 4685 अन्य को मिलाकर 28,32,104 लोगों को जागरूक किया जा चुका है। विभाग की ओर से प्रदेश भर में हक की बात जिलाधिकारी के साथ, कन्या जन्मोत्सव, स्वावलंबन कैंप, मेगा इवेंट, कानूनी जागरूकता अभियान, गुड्डा गुड्डी बोर्ड की स्थापना, मेधावी छात्राओं व जेंडर चैंपियंस का सम्मान जैसे अलग अलग कार्यक्रमों को आयोजित किया जा रहा है।
हजारों आवेदनों को एक दिन में किया गया स्वीकृत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के पात्र लोगों तक लाभ पहुंचाने के लिए अनूठी पहल की है। मिशन शक्ति के तीसरे चरण के तहत स्वावलंबन कैंप में निराश्रित महिला पेंशन योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना समेत दूसरी अन्य योजनाओं की जानकारी देने के साथ साथ योजनाओं के आवेदन भी एक ही छत के नीचे स्वीकार किए गए। कन्या सुमंगला योजना के लिए 24,728 आवेदन आए जिसमें 12,931, निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 10,329 आवेदन आए जिसमें 3,780, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत 2,521 आवेदन आए जिसमें 810, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के लिए 2,636 आवेदन आए जिसमें 529 को स्वीकार किया जा चुका है।
उत्तराखंड
गुजरात से हरिद्वार गंगा स्नान के लिए आए दो बच्चों की डूबने से मौत, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
हरिद्वार। गुजरात से हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए आए एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। यहां एक परिवार के 2 नाबालिग बच्चों की गंगा नदी में डूबने से मौत हो गई। हादसा बुधवार सुबह 10 बजे उत्तरी हरिद्वार के सप्तऋषि क्षेत्र में संतमत घाट पर हुआ। हादसे के बाद परिवार के सदस्यों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे।
गुजरात के तापी जिले के वलोड थाना अंतर्गत बाजीपुरा गांव निवासी विपुल भाई पवार अपने परिवार के साथ गंगा दर्शन और स्नान के लिए हरिद्वार पहुंचे थे। बुधवार सुबह लगभग 10:00 बजे पूरा परिवार उत्तरी हरिद्वार के परमार्थ घाट के पास संतमत घाट पर गंगा स्नान कर रहा था।
स्नान के दौरान विपुल भाई की 13 वर्षीय बेटी प्रत्यूषा और 6 वर्षीय बेटा दर्श अचानक गंगा की तेज धारा में बहने लगे। परिजन और घाट पर मौजूद अन्य श्रद्धालु बच्चों को बचाने के लिए दौड़े, लेकिन तेज बहाव और गहरे पानी के कारण उन्हें बचाने में असफल रहे। देखते ही देखते दोनों बच्चे गंगा की लहरों में आंखों से ओझल हो गए।
घटना की सूचना मिलते ही सप्तऋषि पुलिस चौकी से पुलिस टीम मौके पर पहुंची। जल पुलिस और गोताखोरों की मदद से बच्चों को तलाश किया गया। कुछ ही देर बाद दोनों को ठोकर नंबर 13 के पास पानी से बेसुध हालत में बाहर निकाला गया। तत्काल 108 एंबुलेंस की सहायता से दोनों को हरिद्वार जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।
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