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ऑफ़बीट

ये देसी शार्ट वीडियो एप मचा रहा धूम, हुए 10 करोड़ से ज्यादा डाउनलोड

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नई दिल्ली। 1 जुलाई 2020 को लॉन्च किए गए मोज एप को अब तक 100 मिलियन यानी 10 करोड़ से भी अधिक बार डाउनलोड किया गया है। मोज एक को टिक टॉक के बैन होने का काफी फायदा मिला है। टिक टॉक के बैन के बाद भारतीय किसी ऐसे वीडियो प्लेटफॉर्म की तलाश में थे जो टिक टॉक की टक्कर का हो।

आईओएस पर बेहद लोकप्रिय होने के कारण मोज को एप स्टोर पर शीर्ष 10 सोशल नेटवर्किंग एप में स्थान दिया गया है। हाल ही में इसे गुगल प्ले स्टोर द्वारा 2020 में बेस्ट एप फॉर फन के रूप में मान्यता मिली है।

कंपनी ने अपने बयान में कहा, उन्नत सुविधाओं के एक समूह के अलावा, मोज एप शक्तिशाली निर्माण उपकरण के साथ उपयोगकर्ताओं के अपने समुदाय को सशक्त बनाता है, जो मजबूत संपादन क्षमताओं, एक विशाल संगीत पुस्तकालय, कैमरा फिल्टर और उच्च आकर्षक और मजेदार मूल सामग्री बनाने के लिए उपयोगकर्ताओं के लिए विशेष प्रभाव द्वारा समर्थित है।

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उत्तर प्रदेश

संभल में 46 साल बाद खुले मंदिर के कुएं से निकली माता पार्वती की खंडित मूर्ति

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चला रहे प्रशासन को बीते दिनों करीब 46 साल से बंद पड़ा मंदिर मिला था। यह मंदिर उसी इलाके में है, जहां हिंसा हुई थी और लंबे समय से बंद था। इस हिंदू मंदिर में पहले महादेव की मूर्ति निकली।

उसके बाद मंदिर के प्रांगण में स्थित कुएं की खुदाई की गई। इसके बाद इस मंदिर से मां पार्वती की खंडित प्रतिमा बरामद की गई है। फिलहाल पुलिस ने इस प्रतिमा को अपने कब्जे में ले लिया है और जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। हालातों को देखते हुए इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है।

बता दें कि संभल के नखासा थाना इलाके के मोहल्ला ख़ग्गू सराय में स्थित शिव मंदिर के कपाट खुलने के बाद खुद पुलिसकर्मियों ने मूर्तियों की सफाई की थी। इस दौरान हर-हर महादेव के जयकारों से पूरा आसमान गूंज उठा था। 46 साल बाद खुले मंदिर में पूजा शुरू कर दी गई है। आज भी बड़ी संख्या में भक्त जलाभिषेक करने पहुंचे थे।

ये शिव मंदिर सपा सांसद ज़ियाउर्रहमान बर्क के घर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। इस शिव मंदिर पर प्राचीन महादेव मंदिर लिख दिया गया है और मंदिर परिसर में मिले कुएं की खुदाई भी की जा रही है।

बताया जा रहा है कि प्रशासन अब इस मंदिर की कार्बन डेटिंग कराएगा. इसके लिए जिला प्रशासन ने भस्म शंकर मंदिर, शिवलिंग और वहां मिले कुएं की कार्बन डेटिंग कराने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को एक पत्र लिखा है. इस जांच के जरिए प्रशासन इस बात की जानकारी प्राप्त करेगा कि ये मंदिर और इसकी मूर्ति कितनी पुरानी हैं.

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