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प्रादेशिक

नागपुर में लॉकडाउन से पहले मार्केट में उमड़ी भीड़, खरीदारी करने घर से निकले लोग

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नई दिल्ली। महाराष्ट्र में कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक बीते दिन राज्य में 15 हजार नए केस सामने आए। हालात काबू से बाहर होता देख सरकार ने एक बार फिर नागपुर में लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है।

नागपुर शहर में 15 मार्च से एक सप्ताह का लॉकडाउन लगाया जाएगा। इस फैसले के बाद शहर में फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियम टूटते नजर आए। दरअसल, लोग खरीदारी के लिए बाजार में उमड़ पड़े।

सोशल मीडिया पर नागपुर के कॉटन मार्केट की तस्वीरें वायरल हो गई हैं, जिसमें सैकड़ों-हजारों लोग बाजार में खरीदारी करते नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सख्ती बरती जा रही है।

इसके तहत नागपुर में 15 मार्च से 21 मार्च तक लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया गया। वहीं, अकोला में 12 मार्च से 15 मार्च सुबह आठ बजे तक लॉकडाउन लगा दिया गया है, जबकि परभणी जिले में भी 15 मार्च को सुबह छह बजे तक पाबंदिया रहेंगी। इसके अलावा पुणे में नाइट कर्फ्यू लागू किया गया है।

उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ में अग्नि जनित घटनाओं के खिलाफ एडब्ल्यूटी बनेगा सुरक्षा कवच

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महाकुम्भनगर। उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 को लेकर तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश अग्निशमन व आपात सेवा विभाग एडवांस्ड फीचर्स युक्त 4 आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) का भी मेला क्षेत्र को इस्तेमाल करेगी। इन आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर को मेला क्षेत्र में टेंट सिटी और बड़ी टेंट सेटअप के दृष्टिगत डिप्लॉय किया गया है। यह वीडियो तथा थर्मल इमेजिनिंग सिस्टम समेत कई आधुनिक फीचर्स से लैस हैं तथा इनके जरिए मेला क्षेत्र में अग्नि जनित घटनाओं की रोकथाम के साथ ही दमकलकर्मियों के जीवन रक्षण में भी मदद मिलेगी। यह जोखिम से भरे फायर ऑपरेशंस को अंजाम देने के साथ ही अग्निरक्षकों की सुरक्षा के लिए भी कवच के तौर पर कार्य कार करने में सक्षम होगा।

कई तरह की खूबियों से लैस है एडब्ल्यूटी

महाकुम्भ के नोडल/मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) एक आधुनिक अग्निशमन वाहन है। मुख्यत: इसका प्रयोग बहुमंजिलीय एवं विशेष ऊँचाई के टेन्ट तथा भवन की आग बुझाने में किया जाता है। चार बूम से निर्मित ए.डब्ल्यू.टी 35मी की ऊंचाई तथा 30मी की क्षैतिज दूरी की पहुंच तक अग्निशमन कार्य को संचालित कर सकते हैं। यह कई प्रकार के आधुनिक फीचर्स से लैस है तथा वीडियो तथा थर्मल इमेजिंग कैमरे से युक्त होने के कारण इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है। यही कारण है कि यह न केवल रेस्क्यू ऑपरेशंस को अंजाम देकर जान-माल की रक्षा करने में सक्षम हैं बल्कि अग्निरक्षकों के जीवनरक्षण और उनकी सुरक्षा में कवच का कार्य भी करते हैं।

131.48 करोड़ के वाहन व उपकरणों को किया जा रहा डिप्लॉय

डिप्टी डायरेक्टर अमन शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ को अग्नि दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने के लिए विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित हुआ है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है। इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपए की लागत से वाहन व उपकरणों को महाकुम्भ मेला में अग्नि जनित दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए डिप्लॉय किया जा रहा है। इनको पूरी तरह से मेला क्षेत्र में डिप्लॉय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के विजन अनुसार, इस बार महाकुम्भ में अलग-अलग प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन, 2000 से अधिक ट्रेन्ड मैनपावर, 50 से अधिक अग्निशमन केंद्र व 20 फायर पोस्ट बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग इक्विप्मेंट्स से भी लैस किया जा रहा है।

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