Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

निखत अंसारी ने उगल दी कई सच्चाई, अब जेल कर्मियों की हो सकती है गिरफ्तारी

Published

on

Nikhat Ansari has revealed many truths

Loading

चित्रकूट/लखनऊ। माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को उप्र की चित्रकूट जेल से भगाने की साजिश रचने के आरोप में पकड़ी गई उसकी पत्नी निखत बानो अंसारी और चालक नियाज से विशेष जांच दल (एसआइटी) ने लगातार तीसरे दिन भी पूछताछ की।

दोनों से जेल अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कई साक्ष्य मिले हैं जो महंगे गिफ्ट लेकर उसकी मदद कर रहे थे। माना जा रहा है कि अब जल्द की आरोपित जेल अफसरों व कर्मियों की गिरफ्तारी हो सकती है।

मुख्तार अंसारी की बहू निखत बानों से तीन दिन की पूछताछ में जेल कर्मियों की मुसीबतें और बढ़ गई हैं। सूत्र बताते हैं कि निखत और नियाज एक-एक गिफ्ट के बारे में पुलिस को बता चुके हैं। किसको कब कौन सा गिफ्ट दिया और वह कितना महंगा था? पूरी डिटेल मिलने के बाद पुलिस ने एक रिपोर्ट तैयार की है उसको जेल के उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।

उसमें बताया जाएगा कि निखत की साजिश में सभी निलंबित जेल कर्मी शामिल थे। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही आरोपित जेल अफसरों व कर्मियों को पुलिस गिरफ्तार कर सकती है। 17 फरवरी को जेल से तीन दिन की रिमांड निखत की ली गई थी जबकि नियाज की पांच दिन की रिमांड मिली है। बता दें कि 11 फरवरी को डीएम व एसपी ने जेल अधीक्षक कार्यालय के एक कमरे से निखत बानो को पकड़ा था।

जेल चौकी प्रभारी श्यामदेव सिंह ने कर्वी कोतवाली में विधायक अब्बास अंसारी, पत्नी निखत बानो, चालक नियाज, जेल एसपी अशोक सागर, जेलर संतोष कुमार और वार्डर जगमोहन समेत अन्य ड्यूटी में रहे जेल कर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, किसी व्यक्ति को मृत्य या घोर उपहति के लिए धमकाने, बंदी को भगाने की साजिश रचने, लोकसेवक के लोककृत्यों के कार्यों में बाधा, जान से मारने की धमकी, साक्ष्य मिटाने, आपराधिक षड़यंत्र व किसी व्यक्ति को मिथ्या साक्ष्य देने के लिए धमकी देना आदि गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था।

निखत-नियाज की गिरफ्तारी के बाद डीआइजी जेल शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने जांच की थी जिसमें आरोपित जेल अफसरों के अलावा पांच और जेल कर्मी दोषी मिले थे। जिनको शासन ने निलंबित कर दिया है।

आरोपितों से पहले भी पुलिस ले चुकी बयान

मामले के विवेचक सीओ सिटी हर्ष पांडेय ने पहले जेल में आरोपित अधिकारियों व कर्मचारियों से पूछताछ की थी। जो बातें सामने आईं थीं उनकी पुष्टि एसआइटी टीम ने निखत और नियाज से किया है।

निखत के मददगार सपा महासचिव के घर पुलिस का छापा

अब कासगंज जेल में निरुद्ध विधायक अब्बास अंसारी की पत्नी निखत बानो की मदद करने वाले सपा के जिला महासचिव फराज खान के घर पर रविवार की शाम को पुलिस ने छापा मारा। घर पर फराज तो नहीं मिला है लेकिन पिता को पुलिस पूछताछ के लिए साथ ले गई है।

निखत को मकान दिलाने में फराज खान का नाम आया था। विकास नगर कपसेठी में रहने वाले प्रहलाद साहू का मकान उसने निखत को दो जनवरी को आठ हजार रुपये में दिलाया था। मकान मालिक से एग्रीमेंट कराने को कहा था लेकिन वह भी नहीं किया था।

यह बात प्रहलाद ने पुलिस को बताई थी। जिसकी पुष्टि निखत व नियाज ने पूछताछ के दौरान की है। जिस पर रविवार की शाम करीब साढ़े पांच बजे कर्वी कोतवाली पुलिस ने सपा नेता फराज खान के पुरानी बाजार स्थित मकान में छापा मारा लेकिन वह नहीं मिला। बता दें कि जिस दिन निखत गिरफ्तार हुई थी उसी दिन से फराज खान भूमिगत है।

रात में कई स्थानों पर मारे छापे

पुलिस ने शनिवार की रात में भी कई स्थानों पर छापा मारा था। सूत्र बताते हैं निखत व नियाज को भी कुछ ठिकानों पर ले गई थी लेकिन वहां पर क्या कुछ मिला। यह कोई बताने का तैयार नहीं है।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

Published

on

Loading

लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

Continue Reading

Trending