Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

अब मंडल स्तर पर भी ट्रेड शो आयोजित करेगी योगी सरकार

Published

on

Loading

लखनऊ। यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो की ग्रैंड सक्सेस से उत्साहित योगी सरकार अब इसी तरह के ट्रेड शो मंडल स्तर पर आयोजित करने को लेकर तैयारी में जुट गई है। शुरुआती स्तर पर 5 मंडलीय मुख्यालयों में ट्रेड शो का आयोजन कराया जा सकता है, जबकि जल्द ही सभी मंडलीय मुख्यालयों में ट्रेड शो के आयोजन की व्यवस्था की जा सकती है। गुरुवार को लोकभवन में आयोजित प्रेस वार्ता में एमएसएमई विभाग के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान और प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने इसकी जानकारी दी। इस दौरान, इंटरनेशनल ट्रेड शो के सफल आयोजन के लिए सभी को धन्यवाद दिया गया और आभार जताया।

कार्ययोजना पर हो रहा काम

एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने बताया कि यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के द्वितीय संस्करण ने सभी अपेक्षाओं से आगे जाकर उत्तर प्रदेश के व्यापार और औद्योगिक विकास में एक नया अध्याय लिखा है। 2023 में हुए पहले संस्करण की तुलना में दूसरे संस्करण ने नए मानक स्थापित किए हैं, जिससे यूपीआईटीएस भारत के प्रमुख व्यापार आयोजनों में से एक के रूप में स्थापित हो गया है। सीएम योगी की मंशा है कि अब इस तरह के ट्रेड शो का आयोजन मंडलीय मुख्यालयों में भी किया जाए। इसके लिए अधिकारियों को कार्ययोजना बनाने के लिए कहा गया है।

बाहर के बाजारों में आक्रामक मार्केटिंग की आवश्यकता

प्रमुख सचिव, एमएसएमई आलोक कुमार ने बताया कि इस प्रोग्राम के दो उद्देश्य थे। पहला छोटे उद्योगों को इंटरनेशनल लेवल का प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना और दूसरा हमारे क्राफ्ट, कुजीन और कल्चर से दुनिया को परिचित कराना था। भारत के बहुत सारे ब्रांड तो पहले से ही विदेशों में हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश का ब्रांड नहीं है। इस कार्यक्रम के माध्यम से हमारा इरादा उत्तर प्रदेश को शोकेस करना भी था। अब हमारा प्रयास मंडल स्तर पर इस तरह के आयोजन करने का है। इसमें भले ही इंटरनेशनल बायर्स तो बड़ी संख्या में नहीं आएंगे, लेकिन प्रदेश के बाहर के बायर्स इसमें हिस्सा ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को लैंड लॉक से ज्यादा माइंड लॉक स्टेट मान लिया गया है, क्योंकि हम अपने ही बाजार को देखते हैं। जो बाहर के बाजारों की पोटेंशियल है, जहां से हम ज्यादा पैसा कमा सकते हैं, इसके लिए हमने अब तक आक्रामक तरीके से मार्केटिंग नहीं की है। इस ट्रेड शो के माध्यम से यह लक्ष्य हासिल किया जाएगा।

5 मंडलों में ट्रेड शो कराने की व्यवस्था

उन्होंने बताया कि हम लोग आगरा, वाराणसी और लखनऊ में तीन यूनिटी मॉल स्थापित कर रहे हैं। यहां पर हम आर्टिजन के प्रोडक्ट्स को जगह देंगे। इसके साथ ही बरेली में भी हमने स्मार्ट सिटी के माध्यम से एक मॉल लिया है जिसको ऑपरेशनल करने वाले हैं, जबकि नोएडा में ऑलरेडी हमारी व्यवस्था पहले से ही है। इस तरह 5 मंडलों में हमने व्यवस्था कर ली है और हमने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि हर मंडलीय मुख्यालय में इस तरह का एक एग्जिबिशन सेंटर बने, ताकि आर्टिजन को सस्ते में अपने प्रोडक्ट्स को डिस्प्ले करने का मौका मिले।

जूट के थैले और गुलाबी मीनाकारी को मिले 5-5 करोड़ के ऑर्डर

एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने बताया कि इंटरनेशनल ट्रेड शो में प्रदेश के उत्पादों को इंटरनेशनल बायर्स ने खूब सराहा है। उत्तर प्रदेश अपना खुद का इंटरनेशनल ट्रेड शो आयोजित करने वाला पहला राज्य है। ट्रेड शो में ओडीओपी के 350 स्टॉल लगाए गए। विभिन्न उद्योगों जैसे एमएसएमई, कृषि, रक्षा और वस्त्र उद्योग के भी वहां पर स्टॉल लगे। कुल मिलाकर 10 हजार करोड़ रुपए की इंक्वायरी और लीड्स मिली है। छोटे-छोटे कारीगरों को जो इतना बड़ा प्लेटफॉर्म मिला है, उसी का नतीजा है कि जूट का थैला बनाने वालों को भी 5 करोड़ रुपए का ऑर्डर मिल गया। इसी तरह, वाराणसी की गुलाबी मीनाकारी को भी 5 करोड़ रुपए का ऑर्डर मिला। निश्चित तौर पर हमारे जो हस्तशिल्पी हैं, एमएसएमई हैं उनके उत्पादों को एक बड़ा बाजार हमारी सरकार ने दिया है, जिससे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर पहुंचाने का संकल्प पूरा होगा।

टूरिज्म और टेक्सटाइल में व्यापारिक गठजोड़ को लेकर उत्सुक है वियतनाम

प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने कहा कि बाजार का अपना एक लॉजिक होता है। हम उनको फैसिलिटेट कर सकते हैं, लेकिन प्रोडक्ट की क्वालिटी क्या होगी, प्राइस क्या होगा, ये आर्टिजन और बायर के बीच तय होता है। उसमें सरकार का ज्यादा हस्तक्षेप नहीं है। हम अपने उद्यमियों को एक बड़ा प्लेटफॉर्म प्रोवाइड करने के लिए कमिटेड हैं और यह प्लेटफॉर्म ग्रेटर नोएडा में दो बार उपलब्ध करके दिखा दिया। हमारा प्लान है कि हर मंडलीय मुख्यालय पर एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार हो जहां ज्यादा मात्रा में लोग आकर इन प्रोडक्ट्स को देख सकें और डिसीजन ले सकें कि उनको ये प्रोडक्ट खरीदना है या नहीं। उन्होंने बताया कि वियतनाम को हमने पहली बार पार्टनर कंट्री के रूप में इस आयोजन से जोड़ा था। वियतनाम भी प्रदेश के अंदर बुद्धिस्ट सर्किट के अंदर टूरिज्म और टेक्सटाइल समेत अन्य सेक्टर में बड़े पैमाने पर यूपी के साथ जुड़ने को उत्सुक है।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

Published

on

Loading

प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

Continue Reading

Trending