उत्तर प्रदेश
अब मंडल स्तर पर भी ट्रेड शो आयोजित करेगी योगी सरकार
लखनऊ। यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो की ग्रैंड सक्सेस से उत्साहित योगी सरकार अब इसी तरह के ट्रेड शो मंडल स्तर पर आयोजित करने को लेकर तैयारी में जुट गई है। शुरुआती स्तर पर 5 मंडलीय मुख्यालयों में ट्रेड शो का आयोजन कराया जा सकता है, जबकि जल्द ही सभी मंडलीय मुख्यालयों में ट्रेड शो के आयोजन की व्यवस्था की जा सकती है। गुरुवार को लोकभवन में आयोजित प्रेस वार्ता में एमएसएमई विभाग के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान और प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने इसकी जानकारी दी। इस दौरान, इंटरनेशनल ट्रेड शो के सफल आयोजन के लिए सभी को धन्यवाद दिया गया और आभार जताया।
कार्ययोजना पर हो रहा काम
एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने बताया कि यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के द्वितीय संस्करण ने सभी अपेक्षाओं से आगे जाकर उत्तर प्रदेश के व्यापार और औद्योगिक विकास में एक नया अध्याय लिखा है। 2023 में हुए पहले संस्करण की तुलना में दूसरे संस्करण ने नए मानक स्थापित किए हैं, जिससे यूपीआईटीएस भारत के प्रमुख व्यापार आयोजनों में से एक के रूप में स्थापित हो गया है। सीएम योगी की मंशा है कि अब इस तरह के ट्रेड शो का आयोजन मंडलीय मुख्यालयों में भी किया जाए। इसके लिए अधिकारियों को कार्ययोजना बनाने के लिए कहा गया है।
बाहर के बाजारों में आक्रामक मार्केटिंग की आवश्यकता
प्रमुख सचिव, एमएसएमई आलोक कुमार ने बताया कि इस प्रोग्राम के दो उद्देश्य थे। पहला छोटे उद्योगों को इंटरनेशनल लेवल का प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना और दूसरा हमारे क्राफ्ट, कुजीन और कल्चर से दुनिया को परिचित कराना था। भारत के बहुत सारे ब्रांड तो पहले से ही विदेशों में हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश का ब्रांड नहीं है। इस कार्यक्रम के माध्यम से हमारा इरादा उत्तर प्रदेश को शोकेस करना भी था। अब हमारा प्रयास मंडल स्तर पर इस तरह के आयोजन करने का है। इसमें भले ही इंटरनेशनल बायर्स तो बड़ी संख्या में नहीं आएंगे, लेकिन प्रदेश के बाहर के बायर्स इसमें हिस्सा ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को लैंड लॉक से ज्यादा माइंड लॉक स्टेट मान लिया गया है, क्योंकि हम अपने ही बाजार को देखते हैं। जो बाहर के बाजारों की पोटेंशियल है, जहां से हम ज्यादा पैसा कमा सकते हैं, इसके लिए हमने अब तक आक्रामक तरीके से मार्केटिंग नहीं की है। इस ट्रेड शो के माध्यम से यह लक्ष्य हासिल किया जाएगा।
5 मंडलों में ट्रेड शो कराने की व्यवस्था
उन्होंने बताया कि हम लोग आगरा, वाराणसी और लखनऊ में तीन यूनिटी मॉल स्थापित कर रहे हैं। यहां पर हम आर्टिजन के प्रोडक्ट्स को जगह देंगे। इसके साथ ही बरेली में भी हमने स्मार्ट सिटी के माध्यम से एक मॉल लिया है जिसको ऑपरेशनल करने वाले हैं, जबकि नोएडा में ऑलरेडी हमारी व्यवस्था पहले से ही है। इस तरह 5 मंडलों में हमने व्यवस्था कर ली है और हमने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि हर मंडलीय मुख्यालय में इस तरह का एक एग्जिबिशन सेंटर बने, ताकि आर्टिजन को सस्ते में अपने प्रोडक्ट्स को डिस्प्ले करने का मौका मिले।
जूट के थैले और गुलाबी मीनाकारी को मिले 5-5 करोड़ के ऑर्डर
एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने बताया कि इंटरनेशनल ट्रेड शो में प्रदेश के उत्पादों को इंटरनेशनल बायर्स ने खूब सराहा है। उत्तर प्रदेश अपना खुद का इंटरनेशनल ट्रेड शो आयोजित करने वाला पहला राज्य है। ट्रेड शो में ओडीओपी के 350 स्टॉल लगाए गए। विभिन्न उद्योगों जैसे एमएसएमई, कृषि, रक्षा और वस्त्र उद्योग के भी वहां पर स्टॉल लगे। कुल मिलाकर 10 हजार करोड़ रुपए की इंक्वायरी और लीड्स मिली है। छोटे-छोटे कारीगरों को जो इतना बड़ा प्लेटफॉर्म मिला है, उसी का नतीजा है कि जूट का थैला बनाने वालों को भी 5 करोड़ रुपए का ऑर्डर मिल गया। इसी तरह, वाराणसी की गुलाबी मीनाकारी को भी 5 करोड़ रुपए का ऑर्डर मिला। निश्चित तौर पर हमारे जो हस्तशिल्पी हैं, एमएसएमई हैं उनके उत्पादों को एक बड़ा बाजार हमारी सरकार ने दिया है, जिससे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर पहुंचाने का संकल्प पूरा होगा।
टूरिज्म और टेक्सटाइल में व्यापारिक गठजोड़ को लेकर उत्सुक है वियतनाम
प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने कहा कि बाजार का अपना एक लॉजिक होता है। हम उनको फैसिलिटेट कर सकते हैं, लेकिन प्रोडक्ट की क्वालिटी क्या होगी, प्राइस क्या होगा, ये आर्टिजन और बायर के बीच तय होता है। उसमें सरकार का ज्यादा हस्तक्षेप नहीं है। हम अपने उद्यमियों को एक बड़ा प्लेटफॉर्म प्रोवाइड करने के लिए कमिटेड हैं और यह प्लेटफॉर्म ग्रेटर नोएडा में दो बार उपलब्ध करके दिखा दिया। हमारा प्लान है कि हर मंडलीय मुख्यालय पर एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार हो जहां ज्यादा मात्रा में लोग आकर इन प्रोडक्ट्स को देख सकें और डिसीजन ले सकें कि उनको ये प्रोडक्ट खरीदना है या नहीं। उन्होंने बताया कि वियतनाम को हमने पहली बार पार्टनर कंट्री के रूप में इस आयोजन से जोड़ा था। वियतनाम भी प्रदेश के अंदर बुद्धिस्ट सर्किट के अंदर टूरिज्म और टेक्सटाइल समेत अन्य सेक्टर में बड़े पैमाने पर यूपी के साथ जुड़ने को उत्सुक है।
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ में अग्नि जनित घटनाओं के खिलाफ एडब्ल्यूटी बनेगा सुरक्षा कवच
महाकुम्भनगर। उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 को लेकर तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश अग्निशमन व आपात सेवा विभाग एडवांस्ड फीचर्स युक्त 4 आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) का भी मेला क्षेत्र को इस्तेमाल करेगी। इन आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर को मेला क्षेत्र में टेंट सिटी और बड़ी टेंट सेटअप के दृष्टिगत डिप्लॉय किया गया है। यह वीडियो तथा थर्मल इमेजिनिंग सिस्टम समेत कई आधुनिक फीचर्स से लैस हैं तथा इनके जरिए मेला क्षेत्र में अग्नि जनित घटनाओं की रोकथाम के साथ ही दमकलकर्मियों के जीवन रक्षण में भी मदद मिलेगी। यह जोखिम से भरे फायर ऑपरेशंस को अंजाम देने के साथ ही अग्निरक्षकों की सुरक्षा के लिए भी कवच के तौर पर कार्य कार करने में सक्षम होगा।
कई तरह की खूबियों से लैस है एडब्ल्यूटी
महाकुम्भ के नोडल/मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) एक आधुनिक अग्निशमन वाहन है। मुख्यत: इसका प्रयोग बहुमंजिलीय एवं विशेष ऊँचाई के टेन्ट तथा भवन की आग बुझाने में किया जाता है। चार बूम से निर्मित ए.डब्ल्यू.टी 35मी की ऊंचाई तथा 30मी की क्षैतिज दूरी की पहुंच तक अग्निशमन कार्य को संचालित कर सकते हैं। यह कई प्रकार के आधुनिक फीचर्स से लैस है तथा वीडियो तथा थर्मल इमेजिंग कैमरे से युक्त होने के कारण इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है। यही कारण है कि यह न केवल रेस्क्यू ऑपरेशंस को अंजाम देकर जान-माल की रक्षा करने में सक्षम हैं बल्कि अग्निरक्षकों के जीवनरक्षण और उनकी सुरक्षा में कवच का कार्य भी करते हैं।
131.48 करोड़ के वाहन व उपकरणों को किया जा रहा डिप्लॉय
डिप्टी डायरेक्टर अमन शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ को अग्नि दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने के लिए विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित हुआ है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है। इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपए की लागत से वाहन व उपकरणों को महाकुम्भ मेला में अग्नि जनित दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए डिप्लॉय किया जा रहा है। इनको पूरी तरह से मेला क्षेत्र में डिप्लॉय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के विजन अनुसार, इस बार महाकुम्भ में अलग-अलग प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन, 2000 से अधिक ट्रेन्ड मैनपावर, 50 से अधिक अग्निशमन केंद्र व 20 फायर पोस्ट बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग इक्विप्मेंट्स से भी लैस किया जा रहा है।
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