उत्तर प्रदेश
स्वस्थ शरीर ही समर्थ समाज और सशक्त राष्ट्र की परिकल्पना को साकार कर सकता हैः सीएम योगी
लखनऊ| प्राचीन काल से ही भारत की परंपरा में खेल और खेलकूद की गतिविधियों को महत्व दिया गया है। भारतीय ऋषि इस बात का उद्घोष करता है कि ‘शरीरमाद्यम् खलु धर्म साधनम्’ यानी धर्म के जितने भी साधन हैं, वह स्वस्थ शरीर से ही संभव हैं। स्वस्थ शरीर के लिए खेलकूद, योगासन, प्राणायाम आदि क्रियाएं अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्वस्थ शरीर ही समर्थ समाज और सशक्त राष्ट्र की परिकल्पना को भी साकार कर सकता है।
उक्त बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं। उन्होंने 73 वें अखिल भारतीय पुलिस रेसलिंग क्लस्टर-2024 के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। सीएम योगी ने प्रतियोगिता में शामिल प्रतिभागियों का अभिनंदन किया।
दिव्यांग खिलाड़ियों ने मनवाया अपनी प्रतिभा का लोहा
सीएम योगी ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत की संकल्पना के लिए जो कार्यक्रम प्रस्तुत किए थे, उनमें खेल और खेलकूद की गतिविधियां भी महत्वपूर्ण हैं। खेलो इंडिया खेलो, फिट इंडिया मूवमेंट, सांसद खेलकूद प्रतियोगिता, गांव-राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं आयोजित हो रही हैं। हर तबके का व्यक्ति इन आयोजनों के साथ जुड़ रहा है। पेरिस में पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के जज्बे को पूरा देश और दुनिया देख रही है कि कैसे बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए हमारे दिव्यांग खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा और तेज का लोहा मनवाने का भी काम किया है। यह दृश्य हमारे लिए इसलिए भी प्रसन्नता का है, क्योंकि यह प्रधानमंत्री की ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत की’ परिकल्पना को भी साकार कर रहा है।
कई बार पराजय भी बड़ी जीत का मार्ग प्रशस्त करता है
सीएम योगी ने कहा कि खेल अपने कार्य के प्रति समर्पण के भाव के साथ तो जोड़ता ही है, साथ ही साथ जीवन में उतार-चढ़ाव के हर एक मोड़ पर जीतने की भी प्रेरणा देता है। अति प्रफुल्लित होकर अन्य के जीवन में बाधा पैदा करने की जो कुत्सित चेष्टाएं होती है, उसे रोकने का सामर्थ्य भी देता है। अगर किसी कारणों से सफलता नहीं प्राप्त हुई तो हर खिलाड़ी के अंदर शालीनता से उसे स्वीकार करने का भी सामर्थ्य भी पैदा करता है और जीवन इसी से चलता है।बहुत बार पराजय भी बड़ी जीत का मार्ग प्रशस्त करता है।
हमें रचनात्मक कार्यों के साथ भी जुड़ना होगा
सीएम ने पुलिस बल के उपस्थित जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा रहा हो या विभिन्न प्रदेशों में कानून व्यवस्था, सुरक्षा का बेहतरीन माहौल बनाने का मुद्दा। पुलिस अपने इन उत्तरदायित्वों का निर्वहन पूरी प्रतिबद्धता और ईमानदारी के साथ करने का प्रयास करती है, लेकिन इन सभी के बावजूद अन्य ऐसी गतिविधियां जो समाज को जोड़ती हो, एक दूसरे के मन में विश्वास पैदा करती हो, उन आयोजनों के साथ जुड़ना उतना ही रचनात्मक है और इसीलिए केवल पुलिसिंग ही नहीं, बल्कि हमें अन्य रचनात्मक कार्यों के साथ भी जुड़ना होगा।
मेडल प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को सीधी भर्ती से जोड़ा गया
सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश में खेल और खेलकूद की गतिविधियों के लिए व्यापक कार्ययोजना को आगे बढ़ाया है। हम लोगों ने खेल नीति भी बनाई। ओलंपिक, कॉमनवेल्थ, एशियाड व विश्व चैंपियनशिप में जो खिलाड़ी मेडल प्राप्त करते हैं, उन्हें सीधी भर्ती के माध्यम में उत्तर प्रदेश पुलिस बल का हिस्सा बनाने की कार्रवाई हो रही है। अब तक ऐसे 500 से अधिक खिलाड़ियों को हम लोगों ने उत्तर प्रदेश पुलिस में सीधी भर्ती करने की कार्रवाई के साथ जोड़ा है। उनके बेहतरीन प्रदर्शन आज उत्तर प्रदेश पुलिस बल को नई गति देने में योगदान दे रहे हैं। खेलकूद की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए 57000 ग्राम पंचायत में खेल का मैदान, 825 विकास खंडों में मिनी स्टेडियम और 75 जनपदों में स्टेडियम निर्माण के कार्यक्रम को युद्ध स्तर पर आगे बढ़ाने वाला राज्य उत्तर प्रदेश है।
नाम अलग हो सकते हैं, लेकिन मिशन सबका एक है-भारत की सुरक्षा
सीएम योगी ने कहा कि नाम भले ही अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन सबका कार्य व मिशन एक ही है और वह है भारत की सुरक्षा। यह हम सभी के लिए सर्वोच्च मायने रखती है। भारत नेपाल सीमा हो या भारत भूटान सीमा, वहां पर इन देशों के साथ भारत के सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंधों पर कोई आंच आए बगैर एसएसबी इन सीमाओं की सुरक्षा के लिए बेहतरीन प्रयास कर रहा है। उत्तर प्रदेश के अंदर साढ़े पांच सौ किमी. की सीमा नेपाल से जुड़ी हुई है। उत्तर प्रदेश पुलिस एसएसबी के साथ ज्वाइंट पेट्रोलिंग में भाग लेती है। राष्ट्रीय सुरक्षा का उत्तरदायित्व मिलकर हम एक साथ निभाएंगे तो सीमाओं के क्षेत्र में आमजन का विश्वास भी अर्जित करेंगे। सुरक्षा के साथ कहीं पर कोई खरोच भी नहीं आने देंगे, इस विश्वास के साथ बेहतरीन तालमेल के माध्यम से यह कार्यक्रम आगे बढ़ते हैं तो अनेक रचनात्मक गतिविधियों को भी वहां पर उस क्षेत्रवासियों के लिए एसएसबी द्वारा प्रस्तुत किया जाता है।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार, सशस्त्र सीमा बल के डीजी दलजीत सिंह चौधरी आदि मौजूद रहे।
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ में अग्नि जनित घटनाओं के खिलाफ एडब्ल्यूटी बनेगा सुरक्षा कवच
महाकुम्भनगर। उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 को लेकर तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश अग्निशमन व आपात सेवा विभाग एडवांस्ड फीचर्स युक्त 4 आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) का भी मेला क्षेत्र को इस्तेमाल करेगी। इन आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर को मेला क्षेत्र में टेंट सिटी और बड़ी टेंट सेटअप के दृष्टिगत डिप्लॉय किया गया है। यह वीडियो तथा थर्मल इमेजिनिंग सिस्टम समेत कई आधुनिक फीचर्स से लैस हैं तथा इनके जरिए मेला क्षेत्र में अग्नि जनित घटनाओं की रोकथाम के साथ ही दमकलकर्मियों के जीवन रक्षण में भी मदद मिलेगी। यह जोखिम से भरे फायर ऑपरेशंस को अंजाम देने के साथ ही अग्निरक्षकों की सुरक्षा के लिए भी कवच के तौर पर कार्य कार करने में सक्षम होगा।
कई तरह की खूबियों से लैस है एडब्ल्यूटी
महाकुम्भ के नोडल/मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) एक आधुनिक अग्निशमन वाहन है। मुख्यत: इसका प्रयोग बहुमंजिलीय एवं विशेष ऊँचाई के टेन्ट तथा भवन की आग बुझाने में किया जाता है। चार बूम से निर्मित ए.डब्ल्यू.टी 35मी की ऊंचाई तथा 30मी की क्षैतिज दूरी की पहुंच तक अग्निशमन कार्य को संचालित कर सकते हैं। यह कई प्रकार के आधुनिक फीचर्स से लैस है तथा वीडियो तथा थर्मल इमेजिंग कैमरे से युक्त होने के कारण इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है। यही कारण है कि यह न केवल रेस्क्यू ऑपरेशंस को अंजाम देकर जान-माल की रक्षा करने में सक्षम हैं बल्कि अग्निरक्षकों के जीवनरक्षण और उनकी सुरक्षा में कवच का कार्य भी करते हैं।
131.48 करोड़ के वाहन व उपकरणों को किया जा रहा डिप्लॉय
डिप्टी डायरेक्टर अमन शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ को अग्नि दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने के लिए विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित हुआ है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है। इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपए की लागत से वाहन व उपकरणों को महाकुम्भ मेला में अग्नि जनित दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए डिप्लॉय किया जा रहा है। इनको पूरी तरह से मेला क्षेत्र में डिप्लॉय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के विजन अनुसार, इस बार महाकुम्भ में अलग-अलग प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन, 2000 से अधिक ट्रेन्ड मैनपावर, 50 से अधिक अग्निशमन केंद्र व 20 फायर पोस्ट बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग इक्विप्मेंट्स से भी लैस किया जा रहा है।
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