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उत्तर प्रदेश

हमारे त्योहार और परंपराएं हमारी विरासत का हिस्सा: सीएम

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लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में “आकांक्षा हाट 2024” का शुभारंभ किया। सीएम योगी ने महिला सशक्तिकरण और स्थानीय उद्यमिता को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि यह आयोजन राज्य में महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने और स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को अपनी रचनात्मकता और उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आकांक्षा हाट 2024 उत्तर प्रदेश की आकांक्षा समिति के प्रयासों से आयोजित किया जा रहा है जो प्रदेश के सभी 75 जिलों में सक्रिय है और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए सीएम योगी ने सभी महिला उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों की सराहना की। उन्होंने कहा, “महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए आकांक्षा समिति का यह प्रयास सराहनीय है। यह आयोजन न केवल महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित करेगा बल्कि स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में भी सहायक होगा।”

आकांक्षा समिति के प्रयासों से महिला स्वावलंबन को मिल रही नई दिशा

आकांक्षा समिति, उत्तर प्रदेश के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारियों की पत्नी संघ (IASOWA) का एक विकासशील अंग है, जो राज्य की महिलाओं के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए समर्पित है। राज्य के सभी 75 जिलों में कार्यरत इस समिति का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के स्व-रोजगार और स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक अवसर प्रदान करना है। आकांक्षा हाट 2024 के माध्यम से यह समिति महिलाओं को अपने उत्पादों, कौशल, और शिल्प को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान कर रही है, जिससे वे अपने परिवार और समाज को आर्थिक रूप से मजबूत बना सकेंगी।

संस्कृति और आर्थिक आदान-प्रदान का माध्यम है आकांक्षा हाट 2024 – सीएम

आकांक्षा हाट के माध्यम से जम्मू-कश्मीर सहित देश के विभिन्न राज्यों के उत्पाद भी प्रदर्शित किए जा रहे हैं, जिससे सांस्कृतिक और आर्थिक आदान-प्रदान का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे त्योहार और परंपराएं हमारी विरासत का हिस्सा हैं। आकांक्षा हाट जैसे आयोजनों से हमारी संस्कृति और परंपराएं जीवित रहती हैं और नई पीढ़ी को प्रेरित करती हैं। इससे उत्तर प्रदेश की महिला उद्यमियों को न केवल नए कौशल और विचारों को सीखने का अवसर मिलेगा, बल्कि उन्हें अपने व्यवसाय को व्यापक स्तर पर विस्तार देने में भी सहायता मिलेगी।

आकांक्षा हाट 2024 से वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) को मिलेगा बढ़ावा- मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने आकांक्षा हाट को वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) योजना के लिए भी एक महत्वपूर्ण मंच बताया। उन्होंने कहा कि महिलाओं के स्व-सहायता समूह ODOP के माध्यम से स्थानीय उत्पादों की क्वालिटी, पैकेजिंग, और मार्केटिंग में सुधार कर सकते हैं। “यह आयोजन न केवल स्थानीय उद्यमों को सशक्त बनाएगा बल्कि ODOP के तहत उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी पहचान दिलाएगा,”। मुख्यमंत्री ने सकारात्मक बदलावों को हाइलाइट करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि मीडिया को महिला सशक्तिकरण और उद्यमिता को बढ़ावा देने वाले सकारात्मक कार्यों को भी प्रमुखता देनी चाहिए। जब हम सकारात्मक पहलुओं को उजागर करेंगे, तो समाज में बदलाव की लहर तेज होगी और अधिक से अधिक महिलाएं इस दिशा में आगे बढ़ेंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश के बारे में लोगों के अंदर यह धारणा थी कि यहां कुछ नहीं हो सकता है, लेकिन जब उत्तर प्रदेश में गत वर्ष अपना इंटरनेशनल ट्रेड शो नोएडा ग्रेटर नोएडा में आयोजित किया तब लोगों ने यूपी की बदलती तस्वीर देखी। इस वर्ष उसका ट्रेड शो का दूसरा सत्र था, इसमें 5 लाख से अधिक लोग शामिल हुए। देश भर से इसमें और भी लोग आना चाहते हैं, मुझे लगता है की आकांक्षा समिति इसमें बहुत अच्छा रोल अदा कर सकती है।

प्रोत्साहन और प्रेरणा का केंद्र बना आकांक्षा हाट 2024

आकांक्षा हाट 2024 में कई महिला स्व-सहायता समूहों और उद्यमियों को सम्मानित भी किया गया, जिन्होंने अपने कार्यक्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इनमें बुंदेलखंड का ‘बेलिनी मिल्क प्रोड्यूसर ग्रुप’ भी है जो 2019 में शुरू हुआ और आज 71,000 महिलाओं को रोजगार प्रदान कर रहा है। मुख्यमंत्री ने उनके योगदान की सराहना करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण के ऐसे प्रयासों को बढ़ावा देकर प्रदेश को आत्मनिर्भरता की दिशा में ले जाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि आकांक्षा समिति का यह प्रयास निरंतर आगे बढ़ता रहेगा और महिलाओं को स्वावलंबन और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में नए अवसर प्रदान करता रहेगा।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, महिला आयोग की अध्यक्ष बबिता सिंह चौहान, कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका गर्ग, आकांक्षा समिति अध्यक्ष डॉ. रश्मि सिंह और कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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उत्तर प्रदेश

अखिलेश यादव का योगी सरकार पर निशाना, कहा- नौकरी भाजपा के एजेंडे का हिस्सा नहीं

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पीसीएस-प्री और आरओ-एआरओ परीक्षा को लेकर बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने सोमवार को प्रयागराज में जमकर प्रदर्शन किया। लोकसेवा आयोग के दफ्तर के सामने हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच धक्कामुक्की भी हुई। जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए अभ्यर्थियों को खदेड़ दिया था। इस घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। अखिलेश ने कहा कि नौकरी भाजपा के एजेंडे में का हिस्सा नहीं है।

उन्होंने कहा कि माहौल ‘योगी बनाम प्रतियोगी’ छात्र हो चुका है। आज उप्र के प्रतियोगी परीक्षाओं के हर अभ्यर्थी, हर छात्र, हर युवक-युवती की ज़ुबान पर यही है कि नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं। अखिलेश ने कहा कि उन्होंने चलवाया लाठी-डंडा, नौकरी नहीं जिनका एजेंडा। नहीं चाहिए अनुपयोगी सरकार। भाजपा सरकार नहीं धिक्कार है। अयोग्य लोगों का अयोग्य आयोग’ नहीं चाहिए।

सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा के लोग, जनता को रोज़ी-रोटी के संघर्ष में उलझाए रखने की राजनीति करते हैं, जिससे भाजपाई साम्प्रदायिक राजनीति की आड़ में भ्रष्टाचार करते रहें। सालों-साल वैकेंसी या तो निकलती नहीं है या फिर परीक्षा की प्रक्रिया पूरी नहीं होती है। भाजपा ने छात्रों को पढ़ाई की मेज से उठाकर सड़कों पर लाकर खड़ा कर दिया है।

उन्होंने कहा कि यही आक्रोशित अभ्यर्थी और उनके हताश-निराश परिवार वाले अब भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन रहे हैं। नौकरीपेशा, पढ़ा-लिखा मध्यवर्ग अब भावना में बहकर भाजपा के बहलावे-फुसलावे में आनेवाला नहीं। अब तो व्हाट्सएप ग्रुप के झूठे भाजपाई प्रचार के शिकार अभिभावकों को भी समझ आ गया है कि अपनी सत्ता पाने और बचाने के लिए भाजपा ने कैसे उनका भावनात्मक शोषण किया है। अब ये लोग भी भाजपा की नकारात्मक राजनीति के झांसे में आने वाले नहीं और बांटने वाली साम्प्रदायिक राजनीति को नकारकर ‘जोड़नेवाली सकारात्मक राजनीति’ को गले लगा रहे हैं। अब कोई भाजपाइयों का मानसिक गुलाम बनने को तैयार नहीं हैं।

अखिलेश ने कहा कि अब सब समझ गये हैं, भाजपा सरकार के रहते कुछ भी नहीं होनेवाला। भाजपा के पतन में ही छात्रों का उत्थान है। भाजपा और नौकरी में विरोधाभासी संबंध है। जब भाजपा जाएगी, तभी नौकरी आएगी।

उन्होंने कहा कि अब क्या भाजपा सरकार छात्रों के हॉस्टल या लॉज पर बुलडोज़र चलाएगी। भाजपाई जिस शिद्दत से नाइंसाफ़ी का बुलडोजर चला रहे हैं, अगर उसी शिद्दत से सरकार चलाई होती तो आज भाजपाइयों को छात्र आक्रोश से डरकर, अपने घरों में छुपकर नहीं बैठना पड़ता। आंदोलनकारियों के ग़ुस्से से घबराकर भाजपाइयों के घरों, दुकानों, प्रतिष्ठानों और गाड़ियों से भाजपा के झंडे उतर गये हैं। आंदोलनकारी युवा ऊँची आवाज़ में पूछ रहे हैं ‘अब कहाँ गायब हैं दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का दावा करने वाली भाजपा के नेता और कार्यकर्ता?’ क्या ये सिर्फ़ समाज को बाँटने के लिए बाहर निकलते हैं। जिस समय छात्रों की आवाज में आवाज मिलाने का समय है, उस समय ये भाजपाई, कहीं दबे-छिपे काट रहे हैं सत्ता की मलाई। सपा प्रमुख ने कहा कि नकारात्मक भाजपा और उसकी नकारात्मक झूठी राजनीति का समय पूरा हो गया है। जन-जन कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा।

 

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