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उत्तर प्रदेश

अति आत्मविश्वास घातक, जनता के बीच रहें और संवाद-समन्वय बनाए रखेंः सीएम योगी

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गाजियाबाद| कार्यकर्ता अतिआत्मविश्वास से बचें। आमजन के बीच रहकर संवाद और समन्वय अवश्य स्थापित करें। केंद्र व प्रदेश सरकार ने बिना भेदभाव के हर वर्ग के लिए शासन की योजनाएं उपलब्ध कराई हैं। सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों की जानकारी देकर मतदाताओं से भारतीय जनता पार्टी के लिए वोट की अपील करें। सभी को अपने-अपने टीम में 10-10 व्यक्तियों को जोड़कर बूथ पर डेरा डाल देना है । ‘बूथ जीता चुनाव जीता’ ही जीत का मूल मंत्र है।

उक्त बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं।. उन्होंने शुक्रवार को गाजियाबाद विधानसभा उपचुनाव के मद्देनजर कार्यकर्ता बैठक की। सीएम ने सभी मोर्चा व प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों से संवाद किया। सीएम ने पहले सभी पदाधिकारियों की सुनी, फिर गाजियाबाद विधानसभा उपचुनाव में फतह का मूलमंत्र दिया।

बूथों पर काम करें, वोट बनवाएं

सीएम कार्यकर्ताओं को मंत्र दिया कि बूथ पर काम करें। बूथ जीत गए तो चुनाव जीत गए। सीएम ने वोटर लिस्ट की चर्चा की। बोले कि वोटर लिस्ट को लेकर संजीदगी रहे। सही वोटर बनें। वोटर लिस्ट फाइनल होने तक इसका पुनरीक्षण करते रहें। सीएम योगी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि कोई भी मतदाता वोट देने से वंचित न रहे, इसके लिए घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क करें और उन्हें सरकार द्वारा दी जा रही समस्त लाभकारी योजनाओं के बारे में बताएं।

विपक्ष से पूछें-कहां है एक-एक लाख

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आरक्षण व संविधान के मुद्दे पर विपक्ष ने खूब अफवाह फैलाई। उपचुनाव में विपक्षी दल फिर वोट मांगने आएंगे, उनके नेताओं से पूछिए कि आखिर एक-एक लाख कहां हैं। अपने वोट के जरिए उनके झूठ का पर्दाफाश कीजिए। सपा-कांग्रेस ने आमजन को गुमराह करने की कोशिश की है। उनके झूठ का पर्दाफाश होना चाहिए। वहीं आमजन को भी बताइए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संविधान की मूल प्रति को सिर पर रखकर संसद तक गए थे। उन्होंने समाज के हर वर्ग के लिए विकास किया है।

सभी मोर्चा व प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों से साधा संवाद

सीएम ने भाजपा के सभी मोर्चा के अध्यक्षों व प्रकोष्ठों के संयोजकों से संवाद साधा। मोर्चा के पदाधिकारियों से पूछा कि क्या काम कर रहे हैं और क्या करना चाहिए। युवा, महिला मोर्चा समेत व्यापार, श्रम, आर्थिक प्रकोष्ठ, लघु उद्योग, शिक्षण संस्थान प्रकोष्ठ, विधि समेत 22 प्रकोष्ठों के संयोजकों ने अपनी बातें रखीं।

कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिसौदिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह, सांसद अतुल गर्ग महापौर सुनीता दयाल, प्रदेश सरकार के मंत्री कपिलदेव अग्रवाल, बृजेश सिंह, नरेंद्र कश्यप, जिला पंचायत अध्यक्ष ममता त्यागी, एमएलसी दिनेश गोयल, विधायक अजीत पाल त्यागी नंदकिशोर गुर्जर, मंजू सिवाच, धर्मेश तोमर, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष मानसिंह गोस्वामी, मयंक गोयल, क्षेत्रीय महामंत्री हरि ओम शर्मा, जिलाध्यक्ष सतपाल प्रधान, महामंत्री गोपाल अग्रवाल आदि मौजूद रहे। संचालन भाजपा के महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा ने किया।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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