Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

रेशम उद्योग के उत्कृष्ट योगदानकर्ताओं को मिलेगा पं. दीनदयाल उपाध्याय रेशम रत्न सम्मान

Published

on

Loading

लखनऊ। योगी सरकार के रेशम विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 में रेशम उत्पादन और संबंधित क्षेत्रों में असाधारण योगदान देने वाले व्यक्तियों को पं. दीनदयाल उपाध्याय रेशम रत्न सम्मान प्रदान किया जाएगा। यह सम्मान 08 विभिन्न श्रेणियों में दिया जाएगा, जिसका उद्देश्य रेशम उद्योग में नवाचार, उत्पादन और डिजाइनिंग को प्रोत्साहन देना है।

रेशम क्षेत्र में उत्कृष्टता की पहचान करने और इसे बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह सम्मान उन व्यक्तियों को दिया जाएगा, जिन्होंने कोकून उत्पादन, रेशम फिनिश्ड प्रोडक्ट में नवाचार, सर्वोच्च कोया/धागा विक्रय, सर्वोच्च फिनिश्ड प्रोडक्ट विक्रय, रेशम निर्मित परिधान एवं अन्य उत्पाद में सर्वोत्तम डिजाइनिंग और लाइफटाइम एचीवमेंट जैसी श्रेणियों में उत्कृष्ट कार्य किया है।

कारीगरों और उद्यमियों को मिलेगा प्रोत्साहन

उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान ने बताया कि रेशम उद्योग प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इस सम्मान का उद्देश्य प्रदेश के उन कारीगरों और उद्यमियों को प्रोत्साहित करना है जो रेशम उद्योग में निरंतर सुधार और नवाचार कर रहे हैं।

हर श्रेणी में प्रथम पुरस्कार के रूप में मिलेंगे 50 हजार रुपए

हर श्रेणी में प्रथम पुरस्कार के रूप में 50,000 रूपए की नकद राशि और द्वितीय पुरस्कार के रूप में 25,000 रूपए की धनराशि दी जाएगी। साथ ही विजेताओं को प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम में रेशम उद्योग से संबंधित “रेशम मित्र” पत्रिका का विमोचन भी किया जाएगा। इसके साथ ही, रेशम मित्र पोर्टल का शुभारंभ किया जाएगा, जो रेशम उत्पादन और व्यापार से जुड़े व्यक्तियों के लिए ज्ञान और संसाधनों का एक अनूठा मंच प्रदान करेगा।

10 अक्तूबर तक कर सकेंगे आवेदन

सम्मान के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और आवेदन की अंतिम तिथि 10 अक्टूबर, 2024 निर्धारित की गई है। इच्छुक प्रतिभागी अपने आवेदन पत्र रेशम निदेशालय, विश्वास खंड-3, गोमतीनगर, लखनऊ को भेज सकते हैं। आवेदन पत्र विभाग की वेबसाइट www.sericulture.up.gov.in और रेशम मित्र पोर्टल http://reshammitraup.in/ पर उपलब्ध हैं।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ में अग्नि जनित घटनाओं के खिलाफ एडब्ल्यूटी बनेगा सुरक्षा कवच

Published

on

Loading

महाकुम्भनगर। उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 को लेकर तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश अग्निशमन व आपात सेवा विभाग एडवांस्ड फीचर्स युक्त 4 आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) का भी मेला क्षेत्र को इस्तेमाल करेगी। इन आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर को मेला क्षेत्र में टेंट सिटी और बड़ी टेंट सेटअप के दृष्टिगत डिप्लॉय किया गया है। यह वीडियो तथा थर्मल इमेजिनिंग सिस्टम समेत कई आधुनिक फीचर्स से लैस हैं तथा इनके जरिए मेला क्षेत्र में अग्नि जनित घटनाओं की रोकथाम के साथ ही दमकलकर्मियों के जीवन रक्षण में भी मदद मिलेगी। यह जोखिम से भरे फायर ऑपरेशंस को अंजाम देने के साथ ही अग्निरक्षकों की सुरक्षा के लिए भी कवच के तौर पर कार्य कार करने में सक्षम होगा।

कई तरह की खूबियों से लैस है एडब्ल्यूटी

महाकुम्भ के नोडल/मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) एक आधुनिक अग्निशमन वाहन है। मुख्यत: इसका प्रयोग बहुमंजिलीय एवं विशेष ऊँचाई के टेन्ट तथा भवन की आग बुझाने में किया जाता है। चार बूम से निर्मित ए.डब्ल्यू.टी 35मी की ऊंचाई तथा 30मी की क्षैतिज दूरी की पहुंच तक अग्निशमन कार्य को संचालित कर सकते हैं। यह कई प्रकार के आधुनिक फीचर्स से लैस है तथा वीडियो तथा थर्मल इमेजिंग कैमरे से युक्त होने के कारण इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है। यही कारण है कि यह न केवल रेस्क्यू ऑपरेशंस को अंजाम देकर जान-माल की रक्षा करने में सक्षम हैं बल्कि अग्निरक्षकों के जीवनरक्षण और उनकी सुरक्षा में कवच का कार्य भी करते हैं।

131.48 करोड़ के वाहन व उपकरणों को किया जा रहा डिप्लॉय

डिप्टी डायरेक्टर अमन शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ को अग्नि दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने के लिए विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित हुआ है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है। इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपए की लागत से वाहन व उपकरणों को महाकुम्भ मेला में अग्नि जनित दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए डिप्लॉय किया जा रहा है। इनको पूरी तरह से मेला क्षेत्र में डिप्लॉय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के विजन अनुसार, इस बार महाकुम्भ में अलग-अलग प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन, 2000 से अधिक ट्रेन्ड मैनपावर, 50 से अधिक अग्निशमन केंद्र व 20 फायर पोस्ट बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग इक्विप्मेंट्स से भी लैस किया जा रहा है।

Continue Reading

Trending