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आध्यात्म

उमिया माता के स्थापना दिवस पर पीएम मोदी वर्चुअली जुड़े, धरती मां को लेकर कही ये बात

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रामनवमी के मौके पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के गथिला, जूनागढ़ में उमिया माता मंदिर के 14वें स्थापना दिवस समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि मैं मां उमिया के भक्तों के साथ-साथ सभी किसानों से अपील करता हूं कि अपनी धरती मां को रासायनिक उर्वरकों के संकट से बचाने के लिए प्राकृतिक खेती की ओर रुख करें।

कोरोना कब आ जाए ये कोई नहीं जानता: पीएम मोदी

Umiya Mata Temple, Unja, Gujarat - History, Timing, Sightseeing

इसके अलावा पीएम मोदी ने कोरोना संकट के मुद्दे पर भी बात की। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना (महामारी) एक बड़ा संकट था, और हम यह नहीं कह रहे हैं कि संकट खत्म हो गया है। हो सकता है कि इसमें विराम लग गया हो, लेकिन हम कभी नहीं जानते कि यह कब फिर से सामने आएगा। यह एक ‘बहुरूपिया’ महामारी है। इसे रोकने के लिए करीब 185 करोड़ वैक्सीन दी गईं जिसने दुनिया को हैरान कर दिया। यह आपके समर्थन से संभव हुआ है।

व्रत एवं त्यौहार

CHHATH POOJA 2024 : जानें कब से शुरू होगी छठी मैया की पूजा, जानिए इसे क्यों मनाते हैं

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मुंबई। त्रेतायुग में माता सीता और द्वापर युग में द्रौपदी ने भी रखा था छठ का व्रत रामायण की कहानी के अनुसार जब रावण का वध करके राम जी देवी सीता और लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या वापस लौटे थे, तो माता सीता ने कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को व्रत रखकर कुल की सुख-शांति के लिए षष्ठी देवी और सूर्यदेव की आराधना की थी।

छठ पूजा क्यों मनाते है ?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा अर्चना और अर्घ्य देने से सुख-शांति, समृद्धि, संतान सुख और आरोग्य की प्राप्ति होती है। छठ पूजा को डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है। यह चार दिनों तक चलने वाला त्योहार है, जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। छठ पर्व के दौरान प्रकृति के विभिन्न तत्वों जैसे जल, सूर्य, चंद्रमा आदि की पूजा की जाती है. यह प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का एक तरीका है और हमें प्रकृति के संरक्षण का महत्व सिखाता है. छठ का व्रत बहुत कठिन होता है. व्रतधारी 36 घंटे तक बिना पानी पिए रहते हैं. साथ ही छठ पर्व सभी वर्गों और समुदायों के लोगों को एक साथ लाता है. इस पर्व के दौरान लोग मिलकर पूजा करते हैं, भोजन करते हैं और एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं. इससे सामाजिक एकता और भाईचारा बढ़ता है.

छठ पर्व के 4 दिन

छठ पूजा का पहला दिन, 5 नवंबर 2024- नहाय खाय.
छठ पूजा का दूसरा दिन, 6 नवंबर 2024- खरना.
छठ पूजा का तीसरा दिन, 7 नवंबर 2024-डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य.
छठ पूजा का चौथा दिन, 8 नवंबर 2024- उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण

 

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