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फतेहपुर के प्रॉपर्टी डीलर ने खरीदी चांद पर ज़मीन, जानिए कीमत

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उत्तर प्रदेश के फ़तेहपुर जिले में एक प्रॉपर्टी डीलर बिकेश कुमार ने चांद पर एक एकड़ जमीन खरीदी है. बिकेश कुमार ने डेढ़ महीने पहले लूना सोसाइटी की वेबसाइट से चांद पर जमीन खरीदने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था. इसके साथ ही उसने पैसा भी ऑनलाइन पेमेंट किया था. शुक्रवार को प्रॉपर्टी डीलर को चांद पर जमीन खरीदने के साथ ही उन्हें चांद की नागरिकता भी मिल गई है. इसके साथ ही जमीन के दस्तावेजों के साथ उन्हें कई अधिकार भी दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि चांद की नागरिकता उन्हें लूना सोसायटी की ओर से दी गई है.

चांद पर जमीन खरीदने वाला यह शख्स फ़तेहपुर जिले थाना कोतवाली क्षेत्र के गौतम नगर का रहने वाला है, जो प्रॉपर्टी खरीद फरोख्त का काम करता है. प्रॉपर्टी डीलर बिकेश कुमार ने बताया कि उसने एक्टर सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस के दौरान चांद पर जमीन खरीदने की खबर टेलीविजन पर देखी थी, जिसमें यह दिखाया जा रहा था कि फ़िल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने चांद पर जमीन खरीद रखी है. टेलीविजन पर इस खबर को देखने के बाद उसमें भी चांद पर जमीन खरीदने के लिए जिज्ञासा बढ़ी. इसके लिए उसने लूना सोसाइटी की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन किया.

इसके साथ ही उसने 158 डॉलर ऑनलाइन पेमेंट भी किया. यह भारतीय मुद्रा में 158 डॉलर लगभग 11 हजार रुपये होता है. शुक्रवार को सोसायटी की ओर से उन्हें प्रॉपर्टी के कागजात उपलब्ध कराए गए. सोसायटी की ओर से बोर्डिंग पास और टिकट भी उपलब्ध कराए गए है. प्रॉपर्टी डीलर ने बिकेश कुमार ने बताया कि भविष्य में अगर वहां जाना होगा तो वे जरूर जाएंगे, क्योंकि चांद पर बहुत कम लोग गए हैं.

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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