Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

भड़काऊ भाषण: अनुराग ठाकुर पर FIR दर्ज करने पर HC 13 जून को सुनाएगी फैसला

Published

on

Loading

नई दिल्ली। सीपीएम नेता वृंदा करात द्वारा निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट सोमवार 13 जून को फैसला सुनाएगा। बता दें कि निचली अदालत ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा के खिलाफ वर्ष 2020 में कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के लिए एफआईआर दर्ज करने की मांग करने वाली वृंदा करात की याचिका को खारिज कर दिया था।

जस्टिस चंद्रधारी सिंह की खंडपीठ सोमवार को इस मामले में फैसला सुनाएगी जिसने 25 मार्च, 2022 को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। वृंदा करात ने अक्टूबर 2021 में निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसे इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि सक्षम प्राधिकारी से अपेक्षित मंजूरी नहीं ली गई थी जो कानून के तहत जरूरी है।

ट्रायल कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि एफआईआर दर्ज करने के आदेश के चरण में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 196 के अनुसार, केंद्र सरकार की सक्षम प्राधिकारी की पूर्व मंजूरी आवश्यक है क्योंकि दोनों व्यक्ति संसद सदस्य हैं।

माकपा नेता वृंदा करात और के.एम. तिवारी ने निचली अदालत के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी और अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए संसद मार्ग थाने को निर्देश देने की मांग की थी।

करात ने याचिका के माध्यम से दिल्ली पुलिस को अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 153ए (धर्म, नस्ल के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153बी (आरोप, राष्ट्रीय-एकता के लिए पूर्वाग्रही दावे),

295A (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, धार्मिक भावनाओं को आहत करने के उद्देश्य से) और 505 (सार्वजनिक शरारत के लिए प्रेरित करने वाले बयान) के तहत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की थी।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

Published

on

Loading

हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

Continue Reading

Trending