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पंजाब

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नवनिर्वाचित सरपंचों के लिए किया ये ऐलान

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चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब के नवनिर्वाचित सरपंचों के लिए बड़ा एलान किया है। सीएम मान ने कहा कि कि गांवों के सरपंच बैठक कर गांवों की जरूरतों के अनुसार सड़कों, स्कूल, सोलर लाइट, लाइब्रेरी आदि पर निर्णय लें। इन कामों को पहल के आधार पर करवाना सरकार का काम है। उन्होंने कहा कि AAP सरकार कभी नहीं कहा कि खजाना खाली है, खजाना आपका है और खजाने का मुंह भी आपकी तरफ होगा। आप खजाने के मालिक हैं।

साथ ही सीएम मान ने सरपंचों से अपील है कि मोहल्ला क्लीनिक खोलने हैं, स्कूल खोलने हैं इसलिए गांव के काम के लिए जो भी पैसे आएगा, वह काम पास खड़े होकर करवाएं। यदि कोई ठेकेदार खराब सामान का इस्तेमाल करता है तो सरकार से शिकायत करें, उस ठेकेदार का टेंडर रद्द कर दिया जाएगा और उसे दोबारा टेंडर नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि पंचायतों को लोकतंत्र की नींव कहा जाता है, नींव मजबूत होगी तो ही इमारत खड़ी हो सकती है। उन्होंने सरपंचों से नशे को रोकने के लिए कदम उठाने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने गांवों को हरा-भरा बनाने के लिए भी प्रयास करने को कहा। हरियाली बढ़ानी है और पानी भी बचाना है।

भगवंत मान ने सरपंचों से कहा कि गरीबी का स्तर उठाने के लिए सबसे अच्छा तरीका शिक्षा है। हम आपके बच्चों को पढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका वाले मंगल पर प्लॉट काटने में लगे हुए हैं, लेकिन अभी तक हम लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं दे पाए। गांव में अभी तक छप्पड़ों व सीवरेज का काम नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि जिससे समाज का भला हो ऐसे काम लेकर पंचायतें उनके पास आएं। जो उम्मीदवार आपके खिलाफ सरपंची चुनाव में लड़े हैं, उन्हें भी अपने साथ लें। वहीं गांव कामयाब होगा जहां एकता होगी। उन्होंने अपील की कि सरपंच चुनाव के दौरान तो जिसे चाहे पार्टी का समर्थन करना चाहिए, लेकिन बाकी समय राजनीति से ऊपर उठकर गांवों के विकास के लिए प्रयास करना चाहिए।

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पंजाब

जिद छोड़कर किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए – सीएम भगवंत मान

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चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें अपनी जिद छोड़ कर किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और उनसे सवाल किया कि अगर वह रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोक सकते हैं तो 200 किलोमीटर दूर बैठे अन्नदाताओं से बात क्यों नहीं कर सकते?

पंजाब के मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, “केंद्र सरकार को अपनी पुरानी जिद छोड़ कर किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए… कबूतर के आंख मारने से बिल्ली नहीं भागती.. पता नहीं केंद्र सरकार अब कौन सा प्रायश्चित कर रही है??

अगर मोदी जी रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोक सकते हैं तो क्या 200 किलोमीटर दूर बैठे अन्नदाताओं से बात नहीं कर सकते? किस समय का इंतजार कर रहे हो? इससे पहले आज समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अवधेश प्रसाद ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर अपनी कमियों और अक्षमताओं को छिपाने के लिए किसानों को दिल्ली मार्च करने से रोकने का आरोप लगाया था।

समाजवादी पार्टी के सांसद प्रसाद ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “किसान दिल्ली की सीमा पर जमा हुए हैं… वे प्रधानमंत्री को अपनी मांग बताने जा रहे हैं, लेकिन उन्हें दिल्ली जाने नहीं दिया जा रहा है। भाजपा ने अपनी सारी कमियों और अक्षमताओं को छिपाने के लिए यह सब किया है… आज देश और प्रदेश में महंगाई दूर करने और युवाओं को रोजगार देने की जरूरत है, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।”

इस बीच, सोमवार को पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों और उनके मुद्दे पर मीडिया का कम ध्यान देने का हवाला देते हुए प्रदर्शनकारी किसान नेताओं से अपनी लंबी भूख हड़ताल खत्म करने का आग्रह किया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जाखड़ ने किसान यूनियनों के बीच एकता के महत्व पर जोर दिया और पंजाब में कृषि मुद्दों को हल करने के लिए रचनात्मक बातचीत का आह्वान किया, जो एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बना हुआ है। किसानों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन अब 316वें दिन में प्रवेश कर गया है।

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