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पंजाब

नशा मुक्त गांवों को विशेष अनुदान देगी पंजाब सरकार

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चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार उन गांवों को विशेष अनुदान देगी जो नशा मुक्त होने का दर्जा प्राप्त करेंगे।उन्होंने यह घोषणा राज्य की शीर्ष नशा निरोधक इकाई के नये कार्यालय के उद्घाटन दौरान कही। मोहाली में ‘एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ)’ के नए कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार पंजाब के नशा मुक्त गांवों को विशेष अनुदान देगी।’ उन्होंने कहा कि इन अनुदानों का उपयोग गांवों में खेलों और खेल संबंधी बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा, जिससे युवाओं की असीम ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब के खिलाड़ियों ने पहले ही ओलंपिक जैसे आयोजनों में देश के लिए गौरव हासिल किया है, राज्य के युवा और अधिक पदक जीतेंगे।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार इस अवसर पर उन्होंने नशा विरोधी हेल्पलाइन और ‘व्हाट्सएप चैटबॉट’ (9779100200) का भी शुभारंभ किया है। नवनिर्मित कार्यालय का निरीक्षण करने और हेल्पलाइन का शुभारंभ करने के बाद मान ने कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य स्तरीय शीर्ष मादक पदार्थ कानून प्रवर्तन इकाई स्पेशल टास्क फोर्स का नाम बदलकर ‘एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ)’ करने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा कि यह इकाई मोहाली के सेक्टर-79 स्थित सोहाना पुलिस थाने की दूसरी मंजिल पर स्वतंत्र रूप से कार्यरत होगी। उन्होंने बताया कि हाल ही में 90 लाख रुपये की लागत से भवन का नवीनीकरण किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे जमीनी स्तर पर मादक पदार्थों की तस्करी पर अंकुश लगाने और इस जघन्य अपराध में शामिल बड़े तस्करों की पहचान करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि नशा तस्करी में शामिल कई बड़े तस्करों को जेल भेज दिया गया है और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

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पंजाब

जिद छोड़कर किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए – सीएम भगवंत मान

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चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें अपनी जिद छोड़ कर किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और उनसे सवाल किया कि अगर वह रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोक सकते हैं तो 200 किलोमीटर दूर बैठे अन्नदाताओं से बात क्यों नहीं कर सकते?

पंजाब के मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, “केंद्र सरकार को अपनी पुरानी जिद छोड़ कर किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए… कबूतर के आंख मारने से बिल्ली नहीं भागती.. पता नहीं केंद्र सरकार अब कौन सा प्रायश्चित कर रही है??

अगर मोदी जी रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोक सकते हैं तो क्या 200 किलोमीटर दूर बैठे अन्नदाताओं से बात नहीं कर सकते? किस समय का इंतजार कर रहे हो? इससे पहले आज समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अवधेश प्रसाद ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर अपनी कमियों और अक्षमताओं को छिपाने के लिए किसानों को दिल्ली मार्च करने से रोकने का आरोप लगाया था।

समाजवादी पार्टी के सांसद प्रसाद ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “किसान दिल्ली की सीमा पर जमा हुए हैं… वे प्रधानमंत्री को अपनी मांग बताने जा रहे हैं, लेकिन उन्हें दिल्ली जाने नहीं दिया जा रहा है। भाजपा ने अपनी सारी कमियों और अक्षमताओं को छिपाने के लिए यह सब किया है… आज देश और प्रदेश में महंगाई दूर करने और युवाओं को रोजगार देने की जरूरत है, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।”

इस बीच, सोमवार को पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों और उनके मुद्दे पर मीडिया का कम ध्यान देने का हवाला देते हुए प्रदर्शनकारी किसान नेताओं से अपनी लंबी भूख हड़ताल खत्म करने का आग्रह किया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जाखड़ ने किसान यूनियनों के बीच एकता के महत्व पर जोर दिया और पंजाब में कृषि मुद्दों को हल करने के लिए रचनात्मक बातचीत का आह्वान किया, जो एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बना हुआ है। किसानों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन अब 316वें दिन में प्रवेश कर गया है।

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