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बजट में रेलवे: तीन नए रेल कॉरिडोर, 40 हजार पुराने डिब्बों को वंदे भारत की तरह बदला जाएगा
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश कर दिया। दूसरे क्षेत्रों की तरह बजट में रेलवे क्षेत्र के लिए भी एलान हुए हैं। इस बजट में सरकार का फोकस वंदे भारत ट्रेनों पर रहा।
रेलवे क्षेत्र को इस बजट से क्या?
अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने कहा कि तीन रेलवे कॉरिडोर ऊर्जा, खनिज और सीमेंट के लिए बनाए जाएंगे। पीएम गति शक्ति के तहत इनकी पहचान की गई है। इससे लागत कम होगी और सामान की आवाजाही सुगम होगी। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से विकास दर बढ़ाने में मदद मिलेगी।
एक अहम एलान में वित्त मंत्री ने कहा कि 40 हजार सामान्य बोगियों को वंदे भारत के पैमानों के अनुरूप विकसित किया जाएगा, ताकि यात्रियों की सुरक्षा और सहूलियत को बढ़ाया जा सके।
पिछले बजट में रेलवे को क्या मिला था?
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछली बार रेलवे क्षेत्र के लिए भी कई अहम एलान किए थे। वित्त मंत्री ने बजट में रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत परिव्यय की घोषणा की थी। यह वित्त वर्ष 2013-14 में किए गए परिव्यय का लगभग नौ गुना था।
बजट में रेलवे सेक्टर में निजी भागेदारी बढ़ाने की बात कही गई थी ताकि रेलवे के तहत सड़कों, शहरी बुनियादी ढांचे और बिजली जैसे ढांचागत विकास में मदद मिल सके। बजट भाषण में कहा गया था कि सरकार आने वाले समय में वंदे भारत और हाइड्रोजन ट्रेन जैसी कई ट्रेनों के संचालन में खर्च करेगी। यात्री सुविधाओं के लिए भी खर्च किए जाने का प्रावधान किया गया था।
ये थे रेलवे सेक्टर के लिए अहम घोषणाएं
2.4 लाख करोड़ का खर्च रेलवे सेक्टर में
रेलवे में निजी क्षेत्र की भागेदारी
17,297 करोड़ रुपए से रेलवे की पटरियों का नवीकरण
45,000 करोड़ रुपए का रेलवे सुरक्षा निधि में हस्तांतरण
2023-24 में 70 हजार करोड़ की कमाई का अनुमान
पिछले बजट में रेलवे ने अपने आय और व्यय का ब्यौरा भी उपलब्ध कराया था। इसने 2023-24 बजट में यात्रियों से 70 हजार करोड़ रुपए की कमाई का अनुमान लगाया था जोकि पिछले बजट सत्र में 64 हजार करोड़ था। वहीं मॉल ढुलाई से वित्त वर्ष 2023-24 में 1.79 लाख करोड़ रुपए की कमाई होने का अनुमान था जो 2022-23 बजट में 1.65 लाख करोड़ था।
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पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन, दिल्ली एम्स में ली आखिरी सांस
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में गुरुवार रात निधन हो गया। उन्हें रात 8:06 बजे दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) लाया गया था। वे घर पर बेहोश हो गए थे।
हॉस्पिटल बुलेटिन के मुताबिक, उन्हें इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था, जहां रात 9:51 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। वे लंबे समय से बीमार थे।
मनमोहन सिंह, 2004 में देश के 14वें प्रधानमंत्री बने और मई 2014 तक इस पद पर दो टर्म रहे। वे देश के पहले सिख और चौथे सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे।
केंद्र सरकार ने 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। साथ ही शुक्रवार को होने वाले सभी कार्यक्रम कैंसिल कर दिए गए हैं। डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बेलगावी से देर रात दिल्ली पहुंचने के बाद सीधे मोतीलाल नेहरू मार्ग पर स्थित मनमोहन सिंह के आवास गए थे। मनमोहन सिंह के निधन पर राहुल ने लिखा- मैंने अपना मार्गदर्शक और गुरु खो दिया है।
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