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संजय दत्त ने दिया रणबीर को तोहफा, ऋषि कपूर भड़के, बोले, “मेरे बेटे को अपने जैसा मत बनाओ”

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मुंबई। आजकल रणबीर कपूर और संजय दत्त ऐसे हो गए हैं जैसे, ‘नदिया के पार’ और ‘हम आपके हैं कौन?’। क्योंकि संजय दत्त की बायोपिक और रणबीर कपूर अभिनीत ‘संजू’ 29 जून को रिलीज़ होने वाली है। इस फिल्म के आने से संजय दत्त और रणबीर कपूर की जिंदगी के कई राज़ लोगों के सामने आने वाले हैं। ऐसा ही एक राज या कहें किस्सा सामने आया है, रणबीर कपूर और संजय दत्त की जिंदगी को लेकर, जब पापा ऋषि कपूर, संजय पर भड़क गए थे।

रणबीर कपूर ने बताया, “बचपन से ही मैं संजय दत्त को अपना आइडल मानता हूँ। मैंने पहली बार संजय को कश्मीर में देखा था, जब वह पापा के साथ ‘साहिबां’ फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। संजय दत्त की पहली छवि उनके मन में काफी अलग थी। एक लंबा-चौड़ा आदमी, जिसके लंबे- लंबे बाल थे और कानों में इयररिंग्स पहन रखे थे।” इसके साथ ही रणबीर ने बताया कि “संजय दत्त ने मेरे बर्थडे पर हार्ले डेविडसन मोटरबाइक मुझे गिफ्ट की थी। संजय देर रात अपनी फरारी में घुमाने ले जाया करते थे। जब पापा को संजय दत्त के तोहफे के बारे में पता चला तो वह भड़क उठे। उन्होंने तुरंत संजय दत्त को बुलाया और डांटा। ऋषि कपूर ने संजय दत्त से कहा कि, “मेरे बेटे को बिगाड़ना बंद करो। इसको तेरे जैसा मत बना।”

‘संजू’ के ट्रेलर को भी ऑडियंस का जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला है। रणबीर की एक्टिंग को लोगों की काफी तारीफ़ मिल रही है। राजकुमार हिरानी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘संजू’ 29 जून को रिलीज हो रही है।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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