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प्रादेशिक

सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना पर तेजी से चल रहा काम, 29.74 लाख किसान होंगे लाभान्वित

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लखनऊ। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना को पूरा कराने के लिए तेजी से कार्य कराया जा रहा है। इस परियोजना की पुनरीक्षित लागत 9802.68 करोड़ रूपये हैं। मौजूदा समय में इस परियोजना से 12.61 लाख हे0 सिंचन क्षमता सृजित हो गयी है। परियोजना के पूरा होने पर 14.04 लाख हे0 सिंचन क्षमता सृजित होगी और 29.74 लाख किसान लाभान्वित होंगे।

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी के अनुसार यह परियोजना वर्ष 1978 में शुरू की गयी थी, किन्तु धनावंटन के कारण इसमें विलम्ब हुआ, वर्तमान सरकार के गठन के बाद वर्ष 2017 से अब तक लगभग 4126 करोड़ रूपये का आवंटन किया गया। इसके साथ ही समय-समय पर समीक्षा कराते हुये इसकों पूरा होने की स्थिति में लाया गया है।

इस परियोजना से पूर्वाचंल के 09 जनपदों- बहराइच, श्रावस्ती, गोण्डा, बस्ती, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, संतकबीरनगर, महाराजगंज एवं गोरखपुर में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। यह परियोजना वर्ष 2021-22 में पूरी होने की संभावना है।

उत्तराखंड

गुजरात से हरिद्वार गंगा स्नान के लिए आए दो बच्चों की डूबने से मौत, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

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हरिद्वार। गुजरात से हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए आए एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। यहां एक परिवार के 2 नाबालिग बच्चों की गंगा नदी में डूबने से मौत हो गई। हादसा बुधवार सुबह 10 बजे उत्तरी हरिद्वार के सप्तऋषि क्षेत्र में संतमत घाट पर हुआ। हादसे के बाद परिवार के सदस्यों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे।

गुजरात के तापी जिले के वलोड थाना अंतर्गत बाजीपुरा गांव निवासी विपुल भाई पवार अपने परिवार के साथ गंगा दर्शन और स्नान के लिए हरिद्वार पहुंचे थे। बुधवार सुबह लगभग 10:00 बजे पूरा परिवार उत्तरी हरिद्वार के परमार्थ घाट के पास संतमत घाट पर गंगा स्नान कर रहा था।

स्नान के दौरान विपुल भाई की 13 वर्षीय बेटी प्रत्यूषा और 6 वर्षीय बेटा दर्श अचानक गंगा की तेज धारा में बहने लगे। परिजन और घाट पर मौजूद अन्य श्रद्धालु बच्चों को बचाने के लिए दौड़े, लेकिन तेज बहाव और गहरे पानी के कारण उन्हें बचाने में असफल रहे। देखते ही देखते दोनों बच्चे गंगा की लहरों में आंखों से ओझल हो गए।

घटना की सूचना मिलते ही सप्तऋषि पुलिस चौकी से पुलिस टीम मौके पर पहुंची। जल पुलिस और गोताखोरों की मदद से बच्चों को तलाश किया गया। कुछ ही देर बाद दोनों को ठोकर नंबर 13 के पास पानी से बेसुध हालत में बाहर निकाला गया। तत्काल 108 एंबुलेंस की सहायता से दोनों को हरिद्वार जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।

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