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उत्तर प्रदेश

अतीक की कब्र पर पहुँच सकती है शाइस्ता परवीन, सादे कपड़ों में पुलिस तैनात

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Shaista Parveen

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प्रयागराज। विगत 24 फरवरी को प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद लगभग 2 महीने से फरार माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की पुलिस अभी तक तलाश नहीं कर पाई है।

हालांकि, इस बीच पुलिस ने शाइस्ता को पकड़ने के लिए कई जगह छापेमारी की लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। इसी क्रम में अब सादे कपड़े में पुलिसकर्मियों को कसारी मसारी कब्रिस्तान (अतीक अहमद की कब्रगाह) में भी सक्रिय किया गया है। आशंका है कि पुलिस निगरानी हटने पर शाइस्ता परवीन और जेनब फातिमा अपने पति की कब्र पर पहुंच सकती हैं। चकिया से लेकर हटवा तक पुलिस टीम लगातार नजर रखे हुए है।

उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद का बड़ा बेटा उमर जो लखनऊ की गोसाईगंज जेल में बंद है, वह भी जांच के दायरे में आ चुका है।पिछले दिनों यह खबर आई थी कि एनकाउंटर में मारा जा चुका उमेश पाल हत्याकांड का आरोपी अतीक का बेटा असद घटना से एक दिन पहले 23 फरवरी को लखनऊ में उमर से जेल में मिला था। हत्याकांड से एक दिन पहले उमर और असद की मुलाकात को साजिश से जोड़कर देखा जा रहा है।

हत्याकांड में पुलिस हवाला कनेक्शन पर भी छानबीन कर रही है। ऐसी जानकारी मिली है कि हत्याकांड में खर्च करने के लिए एक करोड़ 20 लाख रुपए 13 जनवरी को हवाला के जरिए अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन तक पहुंचे थे।

इसका जरिया बना था अधिवक्ता खान सौलत हनीफ, जो उमेश पाल अपहरण कांड में उम्र कैद की सजा मिलने के बाद नैनी जेल में बंद है। उसे उमेश पाल हत्याकांड की साजिश मामले में भी पुलिस ने शामिल किया है।

उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ में अग्नि जनित घटनाओं के खिलाफ एडब्ल्यूटी बनेगा सुरक्षा कवच

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महाकुम्भनगर। उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 को लेकर तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश अग्निशमन व आपात सेवा विभाग एडवांस्ड फीचर्स युक्त 4 आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) का भी मेला क्षेत्र को इस्तेमाल करेगी। इन आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर को मेला क्षेत्र में टेंट सिटी और बड़ी टेंट सेटअप के दृष्टिगत डिप्लॉय किया गया है। यह वीडियो तथा थर्मल इमेजिनिंग सिस्टम समेत कई आधुनिक फीचर्स से लैस हैं तथा इनके जरिए मेला क्षेत्र में अग्नि जनित घटनाओं की रोकथाम के साथ ही दमकलकर्मियों के जीवन रक्षण में भी मदद मिलेगी। यह जोखिम से भरे फायर ऑपरेशंस को अंजाम देने के साथ ही अग्निरक्षकों की सुरक्षा के लिए भी कवच के तौर पर कार्य कार करने में सक्षम होगा।

कई तरह की खूबियों से लैस है एडब्ल्यूटी

महाकुम्भ के नोडल/मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) एक आधुनिक अग्निशमन वाहन है। मुख्यत: इसका प्रयोग बहुमंजिलीय एवं विशेष ऊँचाई के टेन्ट तथा भवन की आग बुझाने में किया जाता है। चार बूम से निर्मित ए.डब्ल्यू.टी 35मी की ऊंचाई तथा 30मी की क्षैतिज दूरी की पहुंच तक अग्निशमन कार्य को संचालित कर सकते हैं। यह कई प्रकार के आधुनिक फीचर्स से लैस है तथा वीडियो तथा थर्मल इमेजिंग कैमरे से युक्त होने के कारण इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है। यही कारण है कि यह न केवल रेस्क्यू ऑपरेशंस को अंजाम देकर जान-माल की रक्षा करने में सक्षम हैं बल्कि अग्निरक्षकों के जीवनरक्षण और उनकी सुरक्षा में कवच का कार्य भी करते हैं।

131.48 करोड़ के वाहन व उपकरणों को किया जा रहा डिप्लॉय

डिप्टी डायरेक्टर अमन शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ को अग्नि दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने के लिए विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित हुआ है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है। इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपए की लागत से वाहन व उपकरणों को महाकुम्भ मेला में अग्नि जनित दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए डिप्लॉय किया जा रहा है। इनको पूरी तरह से मेला क्षेत्र में डिप्लॉय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के विजन अनुसार, इस बार महाकुम्भ में अलग-अलग प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन, 2000 से अधिक ट्रेन्ड मैनपावर, 50 से अधिक अग्निशमन केंद्र व 20 फायर पोस्ट बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग इक्विप्मेंट्स से भी लैस किया जा रहा है।

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