प्रादेशिक
‘अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस’ पर लखनऊ में हुआ नुक्कड़ नाटक का आयोजन
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस’ के अवसर पर 1857 स्मृति संग्रहालय, रेजीडेंसी, लखनऊ मंडल, लखनऊ द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में समाज सेविका श्रीमती वर्षा वर्मा एवं मुख्य अतिथि के रूप मे कैप्टेन डॉ० उषा रानी सिंह एसोसिएट प्रोफ़ेसर, रसायन विज्ञान एवं एसोसिएट एन०सी०सी० अधिकारी उ०प्र० गर्ल्स बटालियन ने उपस्थित होकर कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाया। सर्वप्रथम सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद द्वारा विशिष्ट एवं मुख्य अतिथियो को फूलों का गुलदस्ता देकर उनका स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती वंदना एवं अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।
इस अवसर पर संग्रहालय प्रभारी द्वारा लोगों को “अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के इतिहास से परिचित कराया गया गया। इस दौरान अधीक्षण पुरातत्वविद द्वारा अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय परिषद” द्वारा दिए गए शीर्षक “म्यूजियम, सस्टेनेबलिटी, एंड वेल बीइंग” के बारे मे जानकारी दी गयी |
इस कार्यक्रम में 1857 स्मृति संग्रहालय रेजीडेंसी, लखनऊ मंडल, लखनऊ द्वारा चित्रकला (शीर्षक “म्यूजियम, सस्टेनेबलिटी, एंड वेल बीइंग” पर आधारित) प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें महिला डिग्री कॉलेज अमीनाबाद, लखनऊकी एन० सी० सी० 20 उ०प्र० गर्ल्स बटालियन की छात्राओं ने सहभागिता दी | इस अवसर पर 1857 स्मृति संग्रहालय, रेजीडेंसी द्वारा 1857 की क्रान्ति के वीरगाथा के कुछ महत्वपूर्ण शूरवीरो एवं वीरांगनाओं के पात्रों को अभिनय एवं कविता पाठ के माध्यम से नुक्कड़ नाटक का आयोजन भी किया गया। जिसमें एन सी सी छात्राओं ने रानी लक्ष्मी बाई, मंगल पाण्डेय, ब्रिटिश ऑफिसर एवं बेगम हजरात महल के पात्रों का अभिनय बड़ी सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया। इस अवसर पर एन० सी० सी० छात्रा खुशी द्विवेदी एवं शिवांगी राय द्वारा भाषण के माध्यम से 1857 की क्रान्ति पर अपने विचार प्रस्तुत किये गए।
इस अवसर पर संग्रहालय के विकास के प्रचार-प्रसार हेतु समस्त संग्रहालय कर्मचारियों के साथ हेरिटेज वाक का आयोजन किया गया। इस रैली का उद्देश्य जन सामान्य में संग्रहालय के प्रति जागरुकता उत्पन्न करना था। इस अवसर पर छात्राओं हेतु संग्रहालय का भ्रमण एवं 1857 स्मति मंग्रहालय पर आधारित व्रतचित्र का आयोजन भी किया।
चित्रकला प्रतियोगिता के अंतर्गत प्रथम पुरस्कार सुरभि जायसवाल, द्वितीय पुरस्कार शिवांगी अवस्थी, तृतीय पुरुस्कार रितांशी यादव एवं सांत्वना पुरस्कार शिवी त्यागी ने प्राप्त किया। सभी विजयी छात्राओ को आफ़ताब हुसैन, अधीक्षण पुरातत्विद, लखनऊ मंडल द्वारा पुरुस्कृत किया गया। इसके अतिरिक्त अविजित प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र भी वितरित किये गए। इस अवसर पर 1857 स्मृति संग्रहालय पर आधारित ब्राशर का वितरण भी छात्राओं को किया गया |
इस अवसर के माध्यम से सभी विद्यार्थियों एवं आगंतुकों को देश के सभी संग्रहालयों को राष्ट्रीय धरोहर समझते हुए उन्हें भावी पीढ़ी के लिए स्वच्छ एवं सुरक्षित रख की अपील की गई। इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए लखनऊ मंडल, लखनऊ के तकनीकी विभाग के सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद में श्रीमती निकिता चंद्रा एवं डॉ विभा एवं सहायक पुरातत्वविद पुरातत्वविदों में श्री प्रदीप पाण्डेय एवं रवि यादव उपस्थित हुए। अन्त में सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद द्वारा सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। एवं सभी आगंतुकों के मध्य जलपान का वितरण किया गया।
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ में अग्नि जनित घटनाओं के खिलाफ एडब्ल्यूटी बनेगा सुरक्षा कवच
महाकुम्भनगर। उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 को लेकर तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश अग्निशमन व आपात सेवा विभाग एडवांस्ड फीचर्स युक्त 4 आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) का भी मेला क्षेत्र को इस्तेमाल करेगी। इन आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर को मेला क्षेत्र में टेंट सिटी और बड़ी टेंट सेटअप के दृष्टिगत डिप्लॉय किया गया है। यह वीडियो तथा थर्मल इमेजिनिंग सिस्टम समेत कई आधुनिक फीचर्स से लैस हैं तथा इनके जरिए मेला क्षेत्र में अग्नि जनित घटनाओं की रोकथाम के साथ ही दमकलकर्मियों के जीवन रक्षण में भी मदद मिलेगी। यह जोखिम से भरे फायर ऑपरेशंस को अंजाम देने के साथ ही अग्निरक्षकों की सुरक्षा के लिए भी कवच के तौर पर कार्य कार करने में सक्षम होगा।
कई तरह की खूबियों से लैस है एडब्ल्यूटी
महाकुम्भ के नोडल/मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) एक आधुनिक अग्निशमन वाहन है। मुख्यत: इसका प्रयोग बहुमंजिलीय एवं विशेष ऊँचाई के टेन्ट तथा भवन की आग बुझाने में किया जाता है। चार बूम से निर्मित ए.डब्ल्यू.टी 35मी की ऊंचाई तथा 30मी की क्षैतिज दूरी की पहुंच तक अग्निशमन कार्य को संचालित कर सकते हैं। यह कई प्रकार के आधुनिक फीचर्स से लैस है तथा वीडियो तथा थर्मल इमेजिंग कैमरे से युक्त होने के कारण इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है। यही कारण है कि यह न केवल रेस्क्यू ऑपरेशंस को अंजाम देकर जान-माल की रक्षा करने में सक्षम हैं बल्कि अग्निरक्षकों के जीवनरक्षण और उनकी सुरक्षा में कवच का कार्य भी करते हैं।
131.48 करोड़ के वाहन व उपकरणों को किया जा रहा डिप्लॉय
डिप्टी डायरेक्टर अमन शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ को अग्नि दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने के लिए विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित हुआ है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है। इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपए की लागत से वाहन व उपकरणों को महाकुम्भ मेला में अग्नि जनित दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए डिप्लॉय किया जा रहा है। इनको पूरी तरह से मेला क्षेत्र में डिप्लॉय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के विजन अनुसार, इस बार महाकुम्भ में अलग-अलग प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन, 2000 से अधिक ट्रेन्ड मैनपावर, 50 से अधिक अग्निशमन केंद्र व 20 फायर पोस्ट बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग इक्विप्मेंट्स से भी लैस किया जा रहा है।
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