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आपके पेट से होकर जाता है गहरी नींद का रास्ता

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आज के दौर में नींद पूरी न हो पाना या गहरी नींद न ले पाना बहुत बड़ी समस्या है। नींद की यह कमी मोटापे, दिल की बीमारियों और डायाबिटीज समेत तमाम रोगों की जड़ है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि नींद का सीधा संबंध हमारे भोजन से है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर हम अपने खाने में जरूरी फेरबदल कर लें तो अच्छी नींद ली जा सकती है। बादाम, कीवी, अखरोट, केला, काबुली चना, दूध, दलिया और चावल ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो अच्छी नींद लाने में मददगार होते हैं।गद्दे बनाने वाली कंपनी संडे मैट्रेस के फाउंडर और सीईओ अल्फोंस रेड्डी का कहना है कि जो भोजन हमें सहज अनुभव कराए और हमें सोने को प्रेरित करें हमें सोने से पहले ऐसा ही भोजन लेना चाहिए।

 डिनर के साथ सलाद लेने से भी नींद जल्द आती है इसमें लेक्टूकेरियम होता है जो नींद में सहायक है

सिस्लो कैफे के भोजन विशेषज्ञ मृनमॉय आचार्य कार्बोहाइड्रेट्स की अधिकता वाला खाना नींद लाने में सहयोगी होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह जल्दी पच जाता है। उदाहरण के लिए दलिया और चावल में कार्बोहाइड्रेट काफी अधिक मात्रा में होता है। ओट मील या जई का दलिया आसानी से पच जाता है और हमारे शरीर में मेलाटोनिन नाम का होर्मोन रिलीज करता है जो नींद के लिए उत्प्रेरक का काम करता है।

इसी तरह डिनर के साथ सलाद लेने से भी नींद जल्द आती है क्योंकि इसमें लेक्टूकेरियम नामका तत्व होता है जो नींद में सहायक है। इसके अलावा काबुली चना भी नींद लाने में उपयोगी है। इसमें प्रोटीन तो होता ही है साथ विटामिन बी6 भी होता है जो शरीर में मेलाटोनिन नामके हार्मोन का स्राव करता है जिसकी मौजूदगी में शरीर में नींद के लक्षण पैदा होने लगते हैं।  (इनपुट आईएएनएस)

काबुली चना भी नींद लाने में उपयोगी है इसमें प्रोटीन तो होता ही है साथ विटामिन बी6 भी

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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग

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नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।

विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।

चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।

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