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अन्तर्राष्ट्रीय

काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने सरकारी कर्मचारियों को वापस काम पर लौटने को कहा

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नई दिल्ली। तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा करने के दो दिन बाद, आतंकवादी समूह ने मंगलवार को अफगान सरकार के कर्मचारियों से राजधानी में सामान्य स्थिति वापस लाने के प्रयास में काम पर लौटने का आग्रह किया।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सामान्य माफी की घोषणा करते हुए, तालिबान ने सभी से अपने सामान्य जीवन को विश्वास के साथ फिर से शुरू करने का आग्रह किया। तालिबान ने महिलाओं से इसकी सरकार में शामिल होने का भी आग्रह किया।

तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने ट्वीट किया कि काबुल में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और शहर में कानून-व्यवस्था बहाल हो गई है।

मुजाहिद ने दोहराया कि लोगों का जीवन और संपत्ति सुरक्षित है। ऐसी खबरें हैं कि तालिबान ने सरकारी संपत्तियों और वाहनों की लूट में शामिल लगभग 200 लोगों को गिरफ्तार किया है।

मुजाहिद ने कहा कि तालिबान नेतृत्व ने अपने सदस्यों को आदेश दिया है और एक बार फिर उन्हें निर्देश दिया है कि किसी को भी बिना अनुमति के किसी के घर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। किसी के भी जीवन, संपत्ति और सम्मान को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।

आसपास के निवासियों के अनुसार, सोमवार की देर रात, काबुल हवाई अड्डे से सैन्य परिवहन विमानों का उड़ान संचालन फिर से शुरू हो गया और दर्जनों उड़ानें संचालित की गईं। विमान विदेशियों और उनके कुछ अफगान श्रमिकों को निकाल रहे थे।

काबुल से भागने के लिए हजारों अफगानों के हवाई अड्डे पर आने के बाद सोमवार सुबह उड़ान संचालन को निलंबित कर दिया गया था। तालिबान सदस्यों ने सोमवार को काबुल हवाईअड्डे के बाहर का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया, जबकि हजारों अमेरिकी सेना भीड़ को निकालने में मदद कर रहे थे।

पिछले दो दिनों के भीतर हवाई अड्डे के अंदर भगदड़ और गोलीबारी में कम से कम 10 अफगान मारे गए। साथ ही सोमवार को अफगान जन स्वास्थ्य मंत्रालय और काबुल नगर पालिका के कार्यालय फिर से खोल दिए गए। शहर के चारों ओर छोटी दुकानें भी फिर से खोल दी गईं, जबकि बैंक और व्यापारिक केंद्र मंगलवार की सुबह तक बंद रहे।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी मसूद अजहर को आया हार्ट अटैक, कराची के अस्पताल में चल रहा इलाज

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नई दिल्ली। भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी मसूद अजहर को अफगानिस्तान में हार्ट अटैक आया है, जिसके बाद उसे इलाज के लिए कराची के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिस समय मसूद अजहर को हार्ट अटैक आया वो अफगानिस्तान के खोस्त प्रांत में आतंकियों को ट्रेनिंग दे रहा था।

जैश-ए-मोहम्मद (JeM) प्रमुख मसूद अजहर संयुक्त राष्ट्र में नामित आतंकवादी है और भारत में हुए कई आतंकी हमलों का मास्टर माइंड समझा जाता है। पाकिस्तान की सरकार और आर्मी पर पर्दे के पीछे से मसूद को शह देने का आरोप लगता रहा है। भारत ने मसूद को पाकिस्तान में सुरक्षित पनाह मिलने के मुद्दे को कई बार अलग-अलग अतंरराष्ट्रीय मंचों पर भी उठाया है। अजहर कुछ दिन पहले ही चर्चा में आया था, जब उसे पाकिस्तान के बहावलपुर में एक सार्वजनिक सभा में भाषण देते हुए देखा गया था। इस दौरान भी मसूद अजहर ने भारत के लिए जमकर जहर उगला था।

साल 2019 में पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के षडयंत्रकर्ता माने जाने वाले अजहर को उसी वर्ष संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था। इसके बाद वर्ष 2022 में पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के हवाले से कहा गया था कि अजहर अफगानिस्तान भाग गया है। हालांकि बार-बार इस तरह की तस्वीरें और रिपोर्ट सामने आई हैं, जो बताती हैं कि मसूद पाकिस्तान में अपनी गतिविधियां चला रहा है। मसूद पर 2001 में भारतीय संसद पर हुए आतंकवादी हमले की साजिश रचने का भी आरोप है।

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