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उत्तर प्रदेश

10 दिसंबर तक बनकर तैयार होगा फाफामऊ में गंगा पर अस्थाई स्टील ब्रिज

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प्रयागराज। प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के लिए तैयारी पूरी रफ्तार से आगे बढ़ रही है। खास तौर पर इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कार्यों को दिसंबर माह तक पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसी क्रम में एनएचएआई ने भी प्रयागराज के फाफामऊ में गंगा नदी पर बन रहे स्टील ब्रिज के निर्माण को 10 दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। 450 मीटर लंबे इस ब्रिज के निर्माण में दिन रात तेज गति से कार्य गतिमान है।

72 मीटर से ज्यादा बनकर हुआ तैयार

एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार स्टील ब्रिज का निर्माण कार्य प्रगति पर है। 450 मीटर लंबे इस ब्रिज के 72 मीटर से ज्यादा का कार्य पूरा भी हो चुका है। निर्माण कार्य से संबंधित लगभग पूरी सामग्री साइट पर पहुंच चुकी है। इस अस्थाई ब्रिज के निर्माण कार्य को 10 दिसंबर, 2024 तक हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अस्थाई स्टील ब्रिज की एप्रोच रोड (4 किमी) का कार्य नवंबर 2024 में पूरा कर लिया गया है। इसके अतिरिक्त विभिन्न फिनिशिंग कार्यों को भी 15 दिसंबर 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा।

6 लेन ब्रिज बनाने का कार्य भी प्रगति पर

मालूम हो कि प्रयागराज के फाफामऊ में नया छः-लेन पुल बनाने का कार्य प्रगति पर है। लेकिन महाकुंभ 2025 से पहले इस पुल का निर्माण पूरा करना संभव नहीं है। ऐसे में सरकार ने महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अस्थाई स्टील पुल बनाने का निर्णय लिया था। कैबिनेट सचिव ने 7 अगस्त 2024 को निर्देश दिया था कि अस्थाई स्टील पुल महाकुंभ से पहले बनकर तैयार हो। चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ (COS) ने इस पर मंजूरी दी और कार्य शुरू कर दिया गया है। इसमें गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

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उत्तर प्रदेश

सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर एक्शन पर रोक के फैसले का मौलाना अरशद मदनी ने किया स्वागत

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नई दिल्ली। बुलडोजर एक्शन को लेकर सुप्रीम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कानूनी प्रक्रिया अपनाए बिना बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने यह भी बताया है कि अगर कोई अनधिकृत निर्माण किया गया है तो ऐसे केस में यह फैसला लागू नहीं होगा। कोर्ट ने कहा, घर बनाना संवैधानिक अधिकार है। राइट टू शेल्टर मौलिक अधिकार है।

मौलाना अरशद मदनी ने किया फैसले का स्वागत

कोर्ट के इस फैसले का जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने स्वागत किया है। मौलाना अरशद मदनी ने कहा, कोर्ट ने बिल्कुल सही स्टैंड अपनाया है। यह जमीयत उलेमा हिंद की बड़ी उपलब्धि है। हम मुबारकबाद देते हैं उन जजों को जिन्होंने लोगों की दिल की बात को सुना है, उनकी परेशानियां अपनी परेशानी समझी है। खुदा करें हमारे देश में इसी तरह गरीबों को सही हक देने के फैसले होते रहे। हम तो यह समझते हैं कि फैसला बहुत अच्छा आया है।

मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि, “कोई चीज वैध हो या अवैध “इसका फैसला न्यायपालिका करेगी। यहां फैसला आज सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से गैरकानूनी बुलडोजर कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनाया है। मौलाना अरशद मदनी ने गैरकानूनी बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के इस फैसला का स्वागत करते हुए कहा कि उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों से बुलडोजर कार्रवाई पर लगाम लगेगी।

बता दें कि इससे पहले इसी मामले पर समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने बयान देते हुए कहा था कि बुलडोजर कार्रवाई करने वाले आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का जानी चाहिए।

 

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