गुजरात
गुजरात में PM के नाम पर शुरू होंगी तीन ‘नमोश्री’ योजनाएं, विधानसभा में पेश हुआ 3.32 लाख करोड़ का बजट
अहमदाबाद। केंद्र सरकार के अतंरिम बजट के अगले दिन गुजरात के वित्त मंत्री कनु देसाई ने विधानसभा में 2024-2025 के लिए राज्य सरकार का बजट पेश किया। कनु देसाई ने 3 लाख 32 हजार 465 करोड़ का बजट पेश किया। यह राज्य के इतिहास का सबसे बड़ा बजट है।
वित्त मंत्री ने बजट में अमृतकाल के अगले 25 सालों को ध्यान में रघोषणाएं कीं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट गिफ्ट सिटी के साथ साबरमती रिवरफ्रंट के विस्तार का भी ऐलान किया। वित्त मंत्री ने गिफ्ट सिटी को सपनाें का शहर बनाने का ऐलान किया। इसके साथ ही उन्होंने अपने बजट में कोई नया कर नहीं लगाने का ऐलान किया है।
पिछले साल वित्त मंत्री कनु देसाई ने 3.01 लाख करोड़ का बजट पेश किया था। इस साल के बजट में वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री के नाम पर योजनाएं लॉन्च करने का ऐलान किया है। इनमें नमो लक्ष्मी, नमो सरस्वती, नमो श्री शामिल हैं।
बजट की बड़ी बातें
- राज्य सरकार ने 7 नई महानगर पालिकाओं की घोषणा की है। इनमें नवसारी, गांधीधाम, मोरबी, वापी, आनंद, मेहसाणा, सुरेंद्रनगर और वडवाण को महानगर पालिका का दर्जा मिलेगा।
- वित्त मंत्री ने अपने बजट में कृषि क्षेत्र के लिए 22,194 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
- इस साल के बजट में राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री के नाम पर योजनाएं लॉन्च करने का ऐलान किया है। इसमें नमो लक्ष्मी, नमो सरस्वती, नमो श्री योजना शामिल हैं।
- अयोध्याधाम में गुजराती तीर्थयात्रियों के गुजरात भवन के निर्माण का ऐलान किया गया है। इसके लिए 50 करोड़ की आवंटित किए गए हैं।
- शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर घटाने के लिए गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव और फिर अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।
- प्रति प्रसव महिलाओं को 15,000 और आशा कार्यकर्ताओं को 3,000 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार ने बजट में 53 करोड़ का प्रावधान किया है।
- गिफ्ट सिटी और उसके आसपास के विकास के लिए बजट में विशेष ऐलान किया गया है। इसमें 330 एकड़ में प्लांड ब्रीन बनाने का ऐलान किया गया है। इसके लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
- बजट में राज्य में 2500 नई एसटी बसें के साथ मेट्रो के विस्तार का ऐलान किया गया है।
- साबरमती रिवरफ्रंट को दुनिया का सबसे बड़ा रिवरफ्रंट बनाया जाएगा। अहमदाबाद के इंदिरा ब्रिज से लेकर गांधीनगर तक रिवरफ्रंट का विस्तार होगा।
- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 10 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज मिलेगा। बजट में स्थास्थ्य के बजट में 32.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।
- बजट में शिक्षा में सुधार करने पर फोकस किया गया है। इसके लिए वित्त मंत्री ने 55,114 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
इमरजेंसी के लिए नया नंबर
वित्त मंत्री ने बजट में पुलिस, फायर ब्रिगेड और अन्य आपातकालीन सेवाओं के लिए एकल नंबर 112 नंबर प्रदान करने के लिए एक केंद्रीकृत प्रणाली शुरू करने का ऐलान किया है। इस नंबर को डायल करने पर यह व्यवस्था की गई थी कि शहरी इलाकों में 10 मिनट और ग्रामीण इलाकों में 30 मिनट में पुलिस मौके पर पहुंच जाएगी। प्रदेश में पुलिस एवं उपकरणों से सुसज्जित 1100 पुलिस वाहन तैनात किए जाएंगे।
गुजरात
बिलकिस बानो मामले के दोषियों को SC से झटका, सरेंडर की अवधि बढ़ाने की याचिका खारिज
नई दिल्ली। गुजरात के हाईप्रोफाइल बिलकिस बानो मामले के 11 दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। दरअसल, अदालत ने उस याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया, जिसमें दोषियों ने आत्मसमर्पण करने की समयसीमा बढ़ाने की मांग की थी। दोषियों के आत्मसमर्पण करने की समय सीमा 21 जनवरी को समाप्त हो रही है।
न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि दोषियों ने जो कारण बताए हैं, उनमें कोई दम नहीं है। पीठ ने आगे कहा, ‘हमने सभी के तर्कों को सुना। आवेदकों द्वारा आत्मसमर्पण को स्थगित करने और वापस जेल में रिपोर्ट करने के लिए दिए गए कारणों में कोई दम नहीं है। इसलिए अर्जियां खारिज की जाती हैं।’
बिलकिस बानो मामले के पांच दोषियों ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय से आत्मसमर्पण करने के लिए और समय मांगा था। सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में गुजरात सरकार द्वारा सजा में दी गई छूट को रद्द कर दिया था। गौरतलब है, साल 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी।
गुजरात सरकार को लगी थी फटकार
गुजरात सरकार ने इस हाईप्रोफाइल मामले के ग्यारह दोषियों को सजा में छूट दी थी। लेकिन, शीर्ष अदालत ने आठ जनवरी को इसे रद्द कर दिया था। इसके अलावा, अदालत ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि उसकी एक आरोपी के साथ ‘मिलिभगत’ थी। दोषियों को 2022 के स्वतंत्रता दिवस पर समय से पहले रिहा किया गया था। सर्वोच्च न्यायालय ने दो हफ्ते के भीतर दोषियों को फिर से जेल में डालने का आदेश दिया था।
सीजेआई के समक्ष रखें आवेदन
दोषियों ने खराब स्वास्थ्य, सर्जरी, बेटे की शादी और पकी फसलों की कटाई का हवाला देते हुए आत्मसमर्पण की समय सीमा बढ़ाने की मांग की गई थी। आवेदन न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ के सामने आए थे, जिसने अदालत के स्थायी सचिवालय (रजिस्ट्री) से कहा कि वह आवेदनों को मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष रखे।
पीठ का किया जाएगा पुनर्गठन
पीठ ने कहा था, ‘आत्मसमर्पण करने और जेल में भेजने के लिए समयसीमा बढ़ाने के आवेदन दायर किए गए हैं। पीठ का पुनर्गठन किया जाना है। रजिस्ट्री को पीठ के पुनर्गठन के लिए सीजेआई से अनुमति लेने की जरूरत है, क्योंकि (दोषियों का आत्मसमर्पण करने का) समय रविवार को खत्म हो रहा है।’
वकील ने किया सुनवाई का अनुरोध
कुछ दोषियों की ओर से वरिष्ठ वकील वी चिंबरेश पेश हुए थे। उन्होंने 21 जनवरी को आत्मसमर्पण की समयसीमा का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत से शुक्रवार को मामले पर सुनवाई का अनुरोध किया था। जिन पांच दोषियों ने उच्चतम न्यायालय ने राहत मांगी है, उनमें गोविंद नाई, प्रदीप मोरधिया, बिपिन चंद्र जोशी, रमेश चंदना और मितेश भट्ट शामिल हैं।
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