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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में पर्यटक ले सकेंगे फ्लोटिंग रेस्टोरेंट का लुफ्त

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प्रयागराज। महाकुंभ में यूपी टूरिज्म श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अधिक से अधिक सुविधा देने का प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में टूरिज्म विभाग महाकुंभ में प्रयागराज आने वाले पर्यटकों को फ्लोटिंग रेस्टोरेंट की सुविधा भी उपलब्ध करवा रहा है। प्रयागराज में यमुना नदी पर बने यूपी के पहले फ्लोटिंग रेस्टोरेंट “कालिंदी” का उद्घाटन दिसंबर 2023 में सीएम योगी ने किया था। सीएम के मार्गदर्शन में यूपीएसटीडीसी इस रेस्टोरेंट का संचालन कर रही है। ये सुविधा महाकुंभ के दौरान देश-विदेश आने वाले पर्यटकों के लिए एक नया और अनोखा अनुभव प्रदान करेगी।

यूपी का पहला फ्लोटिंग रेस्टोरेंट है कालिंदी

यूपी टूरिज्म के यूपीएसटीडीसी की ओर से प्रयागराज के त्रिवेणी बोट क्लब में उत्तर प्रदेश का पहला फ्लोटिंग रेस्टोरेंट दिसंबर 2023 से चल रहा है। पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह ने बताया कि यमुना नदी की लहरों पर तैरता हुए कालिंदी फ्लोटिंग रेस्टोरेंट यूपी का पहला फ्लोटिंग रेस्टोरेंट है। सीएम योगी के मार्गदर्शन में ऐसा ही प्रयोग गोरखपुर के रामगढ़ ताल में भी किया गया है। कालिंदी रेस्टोरेंट इस मामले में प्रदेश में पहला सफल प्रयोग था। प्रयागराजवासी पिछले कई महीनों से इस फ्लोटिंग रेस्टोरेंट का लुफ्त उठा रहे हैं। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप यूपी टूरिज्म इस बार ये अनुभव महाकुंभ के पर्यटकों को भी उपल्ब्ध कराएगा। महाकुंभ के पवित्र स्नान और आध्यात्मिक अनुभव के साथ पर्यटकों के लिए फ्लोंटिग रेस्टोरेंट भी आकर्षण का केंद्र रहेगा। देश विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए फ्लोटिंग रेस्टोरेंट एक नया एक्सपीरियंस साबित होगा।

यूपीएसटीडीसी संचालित करता है कालिंदी फ्लोटिंग रेस्टोरेंट

कालिंदी फ्लोटिंग रेस्टोरेंट प्रयागराज की यमुना बैंक रोड पर स्थित यूपी टूरिज्म के त्रिवेणी बोट क्लब में स्थित है। रेस्टोरेंट का संचालन टूरिज्म विभाग का कार्पोरेशन यूपीएसटीडीसी करता है। रेस्टोरेंट के फ्रंट आफिस मैनेजर दीपक टंडन ने बताया कि कालिंदी 40 सीटों से युक्त पूर्णतः वातानुकूलित रेस्टोरेंट है। रेस्टोरेंट सुबह 10 बजे से रात के 9 बजे तक खुला रहता है। महाकुंभ के दौरान रेस्टोरेंट के समय में परिवर्तन कर और सुबह खोलने पर भी विचार चल रहा है। इसके साथ ही यूपीएसटीडीसी यमुना बैंक रोड पर राही त्रिवेणी दर्शन होटल भी संचालित कर रहा है। जहां पर संगम स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने की भी सुविधा है।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ में अग्नि जनित घटनाओं के खिलाफ एडब्ल्यूटी बनेगा सुरक्षा कवच

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महाकुम्भनगर। उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 को लेकर तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश अग्निशमन व आपात सेवा विभाग एडवांस्ड फीचर्स युक्त 4 आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) का भी मेला क्षेत्र को इस्तेमाल करेगी। इन आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर को मेला क्षेत्र में टेंट सिटी और बड़ी टेंट सेटअप के दृष्टिगत डिप्लॉय किया गया है। यह वीडियो तथा थर्मल इमेजिनिंग सिस्टम समेत कई आधुनिक फीचर्स से लैस हैं तथा इनके जरिए मेला क्षेत्र में अग्नि जनित घटनाओं की रोकथाम के साथ ही दमकलकर्मियों के जीवन रक्षण में भी मदद मिलेगी। यह जोखिम से भरे फायर ऑपरेशंस को अंजाम देने के साथ ही अग्निरक्षकों की सुरक्षा के लिए भी कवच के तौर पर कार्य कार करने में सक्षम होगा।

कई तरह की खूबियों से लैस है एडब्ल्यूटी

महाकुम्भ के नोडल/मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) एक आधुनिक अग्निशमन वाहन है। मुख्यत: इसका प्रयोग बहुमंजिलीय एवं विशेष ऊँचाई के टेन्ट तथा भवन की आग बुझाने में किया जाता है। चार बूम से निर्मित ए.डब्ल्यू.टी 35मी की ऊंचाई तथा 30मी की क्षैतिज दूरी की पहुंच तक अग्निशमन कार्य को संचालित कर सकते हैं। यह कई प्रकार के आधुनिक फीचर्स से लैस है तथा वीडियो तथा थर्मल इमेजिंग कैमरे से युक्त होने के कारण इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है। यही कारण है कि यह न केवल रेस्क्यू ऑपरेशंस को अंजाम देकर जान-माल की रक्षा करने में सक्षम हैं बल्कि अग्निरक्षकों के जीवनरक्षण और उनकी सुरक्षा में कवच का कार्य भी करते हैं।

131.48 करोड़ के वाहन व उपकरणों को किया जा रहा डिप्लॉय

डिप्टी डायरेक्टर अमन शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ को अग्नि दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने के लिए विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित हुआ है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है। इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपए की लागत से वाहन व उपकरणों को महाकुम्भ मेला में अग्नि जनित दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए डिप्लॉय किया जा रहा है। इनको पूरी तरह से मेला क्षेत्र में डिप्लॉय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के विजन अनुसार, इस बार महाकुम्भ में अलग-अलग प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन, 2000 से अधिक ट्रेन्ड मैनपावर, 50 से अधिक अग्निशमन केंद्र व 20 फायर पोस्ट बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग इक्विप्मेंट्स से भी लैस किया जा रहा है।

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