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अन्तर्राष्ट्रीय

तुर्की कर सकता है भारत की मदद! कतर में 8 पूर्व नौसैनिकों के लिए बनेगा मसीहा

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8 former marines in Qatar

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दोहा। कतर में पिछले दिनों जो कुछ भी हुआ है, उसने भारत सरकार के सामने नई चुनौती पैदा कर दी है। आठ पूर्व नौसैनिकों को कतर की एक कोर्ट ने फांसी की सजा सुना दी है। अब इन नौसैनिकों की सुरक्षित रिहाई कैसे होगी, इसके विकल्‍पों पर माथापच्‍ची जारी है।

कई अलग-अलग विकल्‍पों के बीच एक विकल्‍प तुर्की का भी नजर आ रहा है लेकिन तुर्की, भारत की मदद करेगा या नहीं, इस पर सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है। तुर्की जो पाकिस्‍तान का बेहद करीबी है, कतर के साथ अच्‍छे रिश्‍ते साझा करता है। ऐसे में वह भारत के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है।

तुर्की से मांगी मदद

सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि भारत, कतर को मनाने के लिए कई राजनयिक प्रयासों को आगे बढ़ा रहा है। इनमें से ही एक है तुर्की की मदद लेना। कहा जा रहा है कि तुर्की के कतर के शेख तमीम बिन हमाद अल थानी के परिवार से काफी अच्‍छे रिश्‍ते हैं।

ऐसे में भारत सरकार में कई अधिकारी तुर्की को मध्‍यस्‍थ बनाने की पहल पर जोर दे चुके थे। इसलिए सरकार की तरफ से भी अब तुर्की से मदद की गुहार लगाई गई है। ऐसी भी खबरें हैं इस मामले में भारत ने अमेरिका से भी बात की है। कहा जा रहा है कि अमेरिका की रणनीतिक तौर पर कतर पर मजबूत पकड़ है। ऐसे में वह भी मददगार साबित हो सकता है।

वहीं अगर कोई भी कूटनीतिक प्रयास सफल नहीं होता है तो फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस मामले को संभालेंगे। कहा जा रहा है कि पीएम मोदी कतर के शेख तमीम बिन हमाद के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों का हवाला देते हुए इस मामले पर उनसे चर्चा कर सकते हैं।

भारत और कतर के रिश्‍ते

भारत और कतर के बीच पारंपरिक रूप से अच्छे द्विपक्षीय संबंध हैं। दोनों देशों के बीच करीब 15 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार है और इसमें इजाफा हो रहा है। भारत, कतर से एलएनजी और एलपीजी खरीदता है तो वहीं कतर, भारत से केमिकल, लोहा, तांबा और खाद्य पदार्थों को खरीदता है। कतर, भारत को 42 फीसदी तक एलएनजी सप्‍लाई करता है।

भारत और कतर के बीच साल 2008 में एक रक्षा सहयोग समझौता भी साइन हुआ था। भारत की तरफ से नेशनल डिफेंस कॉलेज (NDC) और इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) में भी कतरी सेना को ट्रेनिंग मिलती है। वहीं, कतरी नौसेना भी लगातार अभ्‍यास में हिस्‍सा लेती है। सात लाख भारतीय कतर में रहते हैं और काम करते हैं। ये यहां का सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय बनाते हैं।

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नाइजीरिया में पीएम मोदी का भव्य स्वागत, लोगों ने लगाए ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में रविवार सुबह नाइजीरिया पहुंचे। नाइजीरिया की राजधानी अबुजा में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। अबुजा हवाई अड्डे पर बड़ी तादाद में भारतीय समुदाय के लोग पीएम मोदी का स्वागत करने के लिए पहुंचे थे। लोगों ने इस मौके पर ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारा लगाए।

बता दें कि 17 सालों में इस पश्चिमी अफ्रीकी देश में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा है। पीएम मोदी के अबुजा पहुंचने पर संघीय राजधानी क्षेत्र के मंत्री न्येसोम एजेनवो वाइक ने उनका जोरदार स्वागत किया। साथ ही प्रतीकात्मक रूप से अबुजा के शहर की चाभी भेंट की।

पीएम नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्रपति टीनूबू के उस पोस्ट का जवाब दिया जिसमें लिखा था, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नाइजीरिया की पहली यात्रा पर उनका स्वागत करने के लिए उत्सुक हूं, जो 2007 के बाद से किसी भारतीय प्रधान मंत्री की हमारे प्रिय देश की पहली यात्रा भी है। हमारी द्विपक्षीय चर्चाओं में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी का विस्तार करने और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। पीएम मोदी नाइजीरिया में आपका स्वागत है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कुछ तस्वीरें साझा करते हुए पोस्ट में लिखा, ‘धन्यवाद, राष्ट्रपति टीनूबू। कुछ समय पहले नाइजीरिया में लैंड किया। गर्मजोशी से स्वागत के लिए आभारी हूं। यह यात्रा हमारे देशों के बीच द्विपक्षीय मित्रता को और गहरा करेगी।’

रक्षा क्षेत्र में भारत के साथ व्यापार करना चाहता है नाइजीरिया

पीएम मोदी के इस यात्रा के दौरान के भारत और नाइजीरिया के बीच स्थापित रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की कोशिश की जाएगी। रक्षा क्षेत्र को लेकर भी दोनों देशों के बीच विस्तृत चर्चा होने की उम्मीद है। नाइजीरिया छोटे हथियारों, गोला-बारूद और बख्तरबंद वाहनों जैसे क्षेत्रों में साझेदारी के लिए भारत की तरफ काफी उत्सुक है।

आर्थिक दृष्टिकोण से सबसे संपन्न अफ्रीकी देशों में से एक नाइजीरिया और भारत के मधुर रिश्तों में आने वाले दिनों में गर्माहट और तेज होने के आसार है। खासतौर पर दोनों देशों के बीच आर्थिक व सैन्य सहयोग के नए युग की शुरुआत होने के संकेत है।

इन देशों की यात्रा पर रहेंगे पीएम मोदी

बता दें कि पीएम मोदी की पश्चिमी अफ्रीकी क्षेत्र की यह पहली यात्रा है। इसके अलावा वह ब्राजील और गुयाना की यात्रा पर रहेंगे। नाइजीरिया के बाद प्रधानमंत्री ब्राजील के लिए रवाना होंगे। दरअसल, पीएम मोदी ब्राजील में ट्रोइका सदस्य के तौर पर 19वें जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। फिर पीएम मोदी 18 और 19 नवंबर को रियो डी जेनेरियो में होने वाले शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ भाग लेंगे। बताते चलें कि ब्राजील और दक्षित अफ्रीका के साथ भारत भी जी20 ट्रोइका का हिस्सा है।

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