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नेशनल

दिल्ली दंगों के एक मामले में उमर खालिद और खालिद सैफी बरी

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Umar Khalid Khalid Saifi acquitted

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद और खालिद सैफी को दिल्ली दंगों के एक मामले में सबूतों के अभाव में आरोपमुक्त कर दिया है।

इन दोनों को फरवरी 2020 में राजधानी दिल्ली के चांदबाग इलाके में हुए पत्थरबाजी के इस मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी थी, लेकिन दोनों छात्र नेता वर्तमान में आतंकवाद विरोधी कानून (UAPA) के तहत न्यायिक हिरासत में हैं।

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देश की राजधानी में दंगों के परिणामस्वरूप 53 मौतें हुईं और 700 से अधिक घायल हुए, दिल्ली उच्च न्यायालय ने अक्टूबर में उमर खालिद के जमानत के अनुरोध को खारिज कर दिया था। सितंबर 2020 में दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद, उमर खालिद ने हिंसा में किसी भी “आपराधिक भूमिका” या किसी अन्य संदिग्ध के साथ “षड्यंत्रकारी संबंध” होने से इनकार किया।

विशेष लोक अभियोजक मधुकर पांडे ने पुष्टि की कि उमर खालिद और खालिद सैफी को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला की अदालत ने इस मामले में आरोप मुक्त कर दिया है।

दरअसल, दिल्ली दंगों के सिलसिले में एक पुलिस कांस्टेबल के बयान के आधार पर इन दोनों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। अपने बयान में कांस्टेबल ने कहा था कि 24 फरवरी 2020 में चांद बाग पुलिया के पास जमा एक बड़ी भीड़ ने पत्थरबाजी की थी।

उस पत्थरबाजी के दौरान खालिद सैफी और उमर खालिद का नाम भी जोड़ा गया था। हालांकि कोर्ट ने पाया कि इन दोनों के खिलाफ कोई सीधा सबूत नहीं है, जिसके आधार पर कोर्ट ने उन्हें इस केस में आरोप मुक्त कर दिया।

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आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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