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उत्तर प्रदेश

अतीक ने दी थी धमकी- उमेश की मुखबिरी करो, वर्ना तुमको भी मरवा देंगे

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Umesh Pal murder case

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लखनऊ। माफिया अतीक अहमद ने देवरिया जेल में कभी अपने ही गुर्गे रहे जैद की पिटाई के बाद धमकी दी थी कि जिस दिन उमेश पाल को मरवाऊंगा, 15 दिन नेशनल टीवी पर यही चलेगा। उमेश की मुखबिरी तुम ही करोगे, नहीं किया तो उसी के साथ तुमको भी मरवा देंगे।

जैद ने देवरिया जेल में पिटाई के कुछ दिन बाद जब अतीक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई तो उसने उमेश पाल का भी जिक्र किया था। एफआईआर का वह हिस्सा अब वायरल हो रहा है। माना जा रहा है कि अतीक 2019 से उमेश की हत्या की साजिश रच रहा था।

कभी अतीक के बेहद खास रहे आबिद प्रधान का दामाद जैद, अतीक अहमद की सरपरस्ती में कुछ ही सालों में करोड़ों में खेलने लगा था। धूमनगंज, मरियाडीह, असरौली, एयरपोर्ट के आस पास के इलाकों के साथ बम्हरौली में जितनी जमीनों की खरीद फरोख्त होती, जैद हर जगह हस्तक्षेप करता।

प्लॉटिंग के साथ साथ वह गुंडा टैक्स भी वसूलने लगा था। बम्हरौली एक जमीन को लेकर जैद और अतीक के किसी करीबी के बीच ठन गई। अतीक ने अपने लोगों से जैद को कहलवाया कि वह विश्नापुर वाली जमीन पर अपना दावा छोड़ दे लेकिन, जैद नहीं माना।

देवरिया जेल में जैद को पीटकर किया था अधमरा

22 नवंबर 2018 को जैद, अपने चचेरे भाई उवैश अहमद और दोस्त अभिषेक पांडेय के साथ कार से कहीं जा रहा था। धूमनगंज क्षेत्र से कार से तीनों को उतारकर दूसरी गाड़ी में बिठा दिया गया। तीनों का अपहरण कर देवरिया जेल ले जाया गया। वहां अतीक और उसके गुर्गों ने जैद को पीटकर अधमरा कर दिया।

उमेश की मुखबिरी भी तुम ही करोगे-अतीक

उवैश और अभिषेक को भी जमकर पीटा गया था। यहीं पर अतीक ने जैद को धमकी दी कि जमीन छोड़ दो, जिसको मैं कहूं रजिस्ट्री कर देना। यही भी कहा कि उमेश पाल को जिस दिन मरवाऊंगा, 15 दिन नेशनल टीवी पर चलेगा। उमेश की मुखबिरी भी तुम ही करोगे। नहीं किया तो उसी के साथ तुम्हें भी जान से मरवा दूंगा।

इसके बाद तीनों चुपचाप प्रयागराज चले आए। किसी से कुछ नहीं बताया। अतीक ने इसके बाद लखनऊ के व्यवसायी मोहित जायसवाल का अपहरण कर देवरिया जेल में पीटा।

जैद ने अतीक के खिलाफ लिखवा दी रिपोर्ट

मोहित ने रिपोर्ट लिखाई तो पूरे प्रदेश में तहलका मच गया। इसके बाद हिम्मत कर जैद ने भी अतीक के खिलाफ रिपोर्ट लिखवा दी। अतीक के साढ़ू इमरान, सद्दाम, अली अहमद, मो.अहमद, हमदान, फैसल, तालिब, उसैद, खालिद जफर, अरशद, राशिद उर्फ नीलू, विजय राय, साबिर, अतीक और फरहान के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई थी।

अपहरण के 47 दिन बाद दर्ज कराई थी रिपोर्ट

देवरिया जेल में पिटाई से जैद, उवैश और अभिषेक इतना डर गए थे कि उन्होंने किसी से चर्चा ही नहीं की। यहां पर एक अस्पताल में तीनों का ही काफी दिनों तक उपचार चला था। अस्पताल से जैद की फोटो भी लीक हुई लेकिन उसकी अतीक के खिलाफ एफआईआर की हिम्मत नहीं हुई।

जब मोहित जायसवाल को भी इसी तरह अपहरण करके मारा गया और उसने एफआईआर करा दी। सरकार की सक्रिय हो गई। तब जैद ने हिम्मत दिखाते हुए तहरीर दी। घटना 22 नवंबर 2018 की थी। एफआईआर आठ जनवरी 2019 को लिखाई गई थी।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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